देहरादूनः उत्तराखंड में सनातन परंपरा के तहत हर की पैड़ी के घाटों पर अस्थि विसर्जन को लेकर शुरू हुई मुक्ति योजना के खिलाफ श्री गंगा सभा समेत हरिद्वार के पुजारियों ने मोर्चा खोल दिया है. इस संबंध में श्री गंगा सभा के प्रतिनिधियों ने आज रविवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मुक्ति योजना को रद्द करने की मांग उठाई है.
देश विदेश में रह रहे लोगों को सनातन परंपराओं के तहत अस्थि विसर्जन के लिए उत्तराखंड संस्कृत अकादमी ने मुक्ति योजना की शुरुआत की है, जिसमें विदेशों में रहने वाले लोग 100 डॉलर देकर योजना के तहत अपने परिजनों का अस्थि विसर्जन करवा सकते हैं.
इस योजना के तहत न केवल हरकी पैड़ी के घाट पर अस्थि विसर्जन किया जाएगा, बल्कि उसकी लाइव रिकॉर्डिंग भी परिजनों को दिखाई जाएगी. उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की तरफ से शुरू की गई इस योजना का हरिद्वार के पुजारियों और गंगा सभा ने विरोध किया है.
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इस मामले पर प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस योजना को गलत करार देते हुए फौरन रद्द करने की मांग की है. श्री गंगा सभा के प्रतिनिधियों की तरफ से उठाई गई इस मांग के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्कृत अकादमी द्वारा प्रस्तावित अस्थि प्रवाह से संबंधित मुक्ति योजना को रद्द करने का आश्वासन भी दे दिया है. मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद शुरू हुए इस विवाद पर विराम लगने की उम्मीद है.