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BJP हाईकमान से पुख्ता आश्वासन के बाद ही मानेंगे हरक, प्रदेश सरकार पर नहीं मंत्री को भरोसा!

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है. सूत्रों की मानें तो हरक रावत को प्रदेश सरकार पर भरोसा ही नहीं रहा है. अब हाईकमान से पुख्ता आश्वासन के बाद ही मानने की बात सामने आ रही है.

harak singh rawat ki narajagi
हरक सिंह रावत की नाराजगी
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Published : Dec 25, 2021, 6:25 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 7:21 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को मनाने के लिए प्रदेश स्तरीय बीजेपी के नेता जुटे हुए हैं, लेकिन अब यह तय हो गया है कि हरक सिंह रावत प्रदेश के नेताओं से बात या आश्वासन के जरिए नहीं मानेंगे. हरक सिंह रावत के करीबी ने साफ किया कि हरक को सरकार पर विश्वास नहीं है. अब हाईकमान के आश्वासन के बाद ही उनकी नाराजगी दूर होगी.

दरअसल, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर नया अपडेट आया है. हरक सिंह रावत के बेहद करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि हरक सिंह रावत अब बीजेपी हाईकमान से पुख्ता आश्वासन के बाद ही अपनी नाराजगी को दूर करेंगे. सूत्र ने बताया कि हरक सिंह रावत प्रदेश सरकार के किसी भी नेता पर अब विश्वास नहीं कर रहे और उन्हें उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से जो आश्वासन दिया जाएगा, उसे जरूर पूरा भी किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः हरक का हड़कंप: कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ बढ़ाने पर पुनर्विचार, मदन बोले- इस्तीफा नहीं दिया

लिहाजा, अब पार्टी हाईकमान के आश्वासन के बाद ही वो अपनी नाराजगी को दूर करेंगे. हालांकि, सूत्र यह भी बताते हैं कि प्रदेश सरकार के साथ ही संगठन की तरफ से भी लगातार हरक सिंह रावत से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वो किसी के भी संपर्क में नहीं आ पा रहे हैं. हालांकि, एक दिन पहले ही उन्होंने उमेश शर्मा काऊ से मुलाकात की थी, लेकिन उसके बाद अब वो किसी के संपर्क में नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः ETV भारत से बोले हरक सिंह रावत- मेडिकल कॉलेज का हल निकलने तक नहीं मानूंगा

उधर, केंद्रीय हाईकमान भी प्रदेश के संगठन को हरक सिंह रावत की नाराजगी (harak singh rawat displeasure) को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कह चुका है. लिहाजा, माना जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का उत्तराखंड दौरा (BJP National President JP Nadda Uttarakhand visit) होना है. ऐसे में माना जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं.

क्यों नाराज हैं हरक? वैसे तो हरक सिंह रावत गाहे-बगाहे नाराज हो ही जाते हैं, लेकिन इस बार की नाराजगी कैबिनेट बैठक में ही फूट पड़ी. बताया जा रहा है कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ 5 करोड़ रुपए देने पर हरक सिंह रावत भड़क गए थे. इसके बाद वो अपने हाथों के कागज टेबल पर पटकते हुए इस्तीफा देने की धमकी देकर मीटिंग से निकल गए थे.

ये भी पढ़ेंः सचिवालय में धामी मंत्रिमंडल की बैठक खत्म, बैठक छोड़कर निकले हरक सिंह

सरकार में मच गया हड़कंप: हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर देहरादून से दिल्ली तक मिनटों में ही फैल गई. दो मंत्रियों को हरक को मनाने के लिए दौड़ाया गया. धनसिंह रावत और सुबोध उनियाल हरक सिंह रावत के करीबी माने जाते हैं. दोनों मंत्रियों को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया था. आज सुबह दोनों हरक सिंह रावत के घर गए. पता चला कि हरक घर पर नहीं हैं. इसके बाद दोनों मंत्री बैरंग लौट आए थे.

कल रात से हरक का किसी से संपर्क नहीं है: कैबिनेट की बैठक से हरक सिंह रावत ऐसे लापता हुए कि आज दिन भर किसी को नहीं मिले हैं. उनकी न तो किसी मंत्री से बात हुई है. न ही किसी विधायक ने बताया कि वो हरक सिंह रावत से मिले हैं या उनसे बात हुई है. इस तरह देहरादून में हरक सिंह रावत को लेकर रहस्यमयी वातावरण बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः सबकी नजरों से दूर हरक और प्रीतम के बीच गुफ्तगू, जानिए किस मुद्दे पर हुई बातचीत

हरक सिंह रावत को मनाने की कोशिशें: इधर मुख्यमंत्री धामी और उनकी सरकार के लोग हरक सिंह रावत को मनाने में जी-जान से जुटे हैं. आनन-फानन में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ रुपए जारी करने पर पुनर्विचार करने की बात कही गई. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को कहना पड़ा कि हरक सिंह रावत ने इस्तीफा नहीं दिया है.

सीएम धामी बोले घर का मामला: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जब पूछा गया कि हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घर का मामला है सुलझा लेंगे. सीएम धामी ने कहा कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पैसे रिलीज हो गए हैं. हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है. मामले को हमने सुलझा लिया है.

देहरादूनः उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को मनाने के लिए प्रदेश स्तरीय बीजेपी के नेता जुटे हुए हैं, लेकिन अब यह तय हो गया है कि हरक सिंह रावत प्रदेश के नेताओं से बात या आश्वासन के जरिए नहीं मानेंगे. हरक सिंह रावत के करीबी ने साफ किया कि हरक को सरकार पर विश्वास नहीं है. अब हाईकमान के आश्वासन के बाद ही उनकी नाराजगी दूर होगी.

दरअसल, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर नया अपडेट आया है. हरक सिंह रावत के बेहद करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि हरक सिंह रावत अब बीजेपी हाईकमान से पुख्ता आश्वासन के बाद ही अपनी नाराजगी को दूर करेंगे. सूत्र ने बताया कि हरक सिंह रावत प्रदेश सरकार के किसी भी नेता पर अब विश्वास नहीं कर रहे और उन्हें उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से जो आश्वासन दिया जाएगा, उसे जरूर पूरा भी किया जाएगा.

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लिहाजा, अब पार्टी हाईकमान के आश्वासन के बाद ही वो अपनी नाराजगी को दूर करेंगे. हालांकि, सूत्र यह भी बताते हैं कि प्रदेश सरकार के साथ ही संगठन की तरफ से भी लगातार हरक सिंह रावत से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वो किसी के भी संपर्क में नहीं आ पा रहे हैं. हालांकि, एक दिन पहले ही उन्होंने उमेश शर्मा काऊ से मुलाकात की थी, लेकिन उसके बाद अब वो किसी के संपर्क में नहीं हैं.

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उधर, केंद्रीय हाईकमान भी प्रदेश के संगठन को हरक सिंह रावत की नाराजगी (harak singh rawat displeasure) को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कह चुका है. लिहाजा, माना जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का उत्तराखंड दौरा (BJP National President JP Nadda Uttarakhand visit) होना है. ऐसे में माना जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं.

क्यों नाराज हैं हरक? वैसे तो हरक सिंह रावत गाहे-बगाहे नाराज हो ही जाते हैं, लेकिन इस बार की नाराजगी कैबिनेट बैठक में ही फूट पड़ी. बताया जा रहा है कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ 5 करोड़ रुपए देने पर हरक सिंह रावत भड़क गए थे. इसके बाद वो अपने हाथों के कागज टेबल पर पटकते हुए इस्तीफा देने की धमकी देकर मीटिंग से निकल गए थे.

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सरकार में मच गया हड़कंप: हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर देहरादून से दिल्ली तक मिनटों में ही फैल गई. दो मंत्रियों को हरक को मनाने के लिए दौड़ाया गया. धनसिंह रावत और सुबोध उनियाल हरक सिंह रावत के करीबी माने जाते हैं. दोनों मंत्रियों को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया था. आज सुबह दोनों हरक सिंह रावत के घर गए. पता चला कि हरक घर पर नहीं हैं. इसके बाद दोनों मंत्री बैरंग लौट आए थे.

कल रात से हरक का किसी से संपर्क नहीं है: कैबिनेट की बैठक से हरक सिंह रावत ऐसे लापता हुए कि आज दिन भर किसी को नहीं मिले हैं. उनकी न तो किसी मंत्री से बात हुई है. न ही किसी विधायक ने बताया कि वो हरक सिंह रावत से मिले हैं या उनसे बात हुई है. इस तरह देहरादून में हरक सिंह रावत को लेकर रहस्यमयी वातावरण बना हुआ है.

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हरक सिंह रावत को मनाने की कोशिशें: इधर मुख्यमंत्री धामी और उनकी सरकार के लोग हरक सिंह रावत को मनाने में जी-जान से जुटे हैं. आनन-फानन में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ रुपए जारी करने पर पुनर्विचार करने की बात कही गई. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को कहना पड़ा कि हरक सिंह रावत ने इस्तीफा नहीं दिया है.

सीएम धामी बोले घर का मामला: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जब पूछा गया कि हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घर का मामला है सुलझा लेंगे. सीएम धामी ने कहा कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पैसे रिलीज हो गए हैं. हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है. मामले को हमने सुलझा लिया है.

Last Updated : Dec 25, 2021, 7:21 PM IST
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