ETV Bharat / state

GROUND REPORT: जांच के इंतजाम नहीं, ताक पर सुरक्षा, राम भरोसे देहरादून का जिला कोर्ट

देहरादून जिला कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. यहां के 8 अलग-अलग प्रवेश व निकासी द्वार पर पुलिस चेकिंग या सर्विलांस जैसी निगरानी व्यवस्था दूर-दूर तक नहीं है. जिसके कारण कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है.

ground-report-of-etv-bharat-regarding-security-arrangements-in-dehradun-district-court
देहरादून जिला कोर्ट में भी हो सकता है रोहिणी कोर्ट जैसा गैंगवार
author img

By

Published : Sep 27, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 9:59 PM IST

देहरादून: बीते दिनों दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेआम हुई गैंगवार की घटना के बाद कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं. देहरादून जिला कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे ही चल रही है. इस पर चिंता जाहिर करते हुए सरकारी और गैर सरकारी अधिवक्ता कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की लागातार मांग कर रहे हैं.

जानकारों के मुताबिक देहरादून कोर्ट परिसर के 8 अलग-अलग प्रवेश व निकासी द्वार हैं. मगर किसी गेट पर भी किसी तरह की कोई पुलिस चेकिंग या सर्विलांस जैसी निगरानी व्यवस्था दूर-दूर तक नजर नहीं आती है, जबकि राजधानी देहरादून के जिला कोर्ट की अलग-अलग अदालतों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर, अपराधियों के संगीन मुकदमों की सुनवाई होती है.

देहरादून जिला कोर्ट में राम भरोसे सुरक्षा व्यवस्था

पढ़ें- पतंजलि योगपीठ में सम्मानित हुए ओलंपिक मेडलिस्ट दहिया और बजरंग, बाबा रामदेव ने ब्रांड एंबेसडर बनाया

इतना ही नहीं अधिवक्ताओं के मुताबिक कई बार पूर्व में कोर्ट परिसर में खूनी-संघर्ष, दो पक्षों में सिर फुटव्वल सहित दुर्दान्त अपराधियों की तरफ से पुलिस कस्टडी से छूटने के प्रयास जैसे कई गंभीर प्रकरण देखने में आए हैं. वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मानें तो यही कारण रहा कि लंबे समय से शासन-प्रशासन से देहरादून कोर्ट परिसर के महत्वपूर्ण प्रवेश और निकासी द्वार पर पुख्ता पुलिस चेकिंग सहित अन्य तरह की सुरक्षा सर्विलांस बढ़ाने की मांग की जाती रही है, मगर आजतक इस मामले में कुछ हुआ नहीं है.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

देहरादून कोर्ट परिसर की अलग-अलग अदालतों के आसपास प्रवेश और निकासी द्वार में किस तरह की सुरक्षा में चूक है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी से विशेष बातचीत की. उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि देहरादून की जिला कोर्ट में पहले भी समय-समय पर कोर्ट परिसरों पर कई तरह की गंभीर घटनाएं सामने भी आती रही हैं.

भविष्य में भी जघन्य अभियुक्तों से संगीन वारदातों की आशंकाएं बनी हुईं हैं. यही कारण रहा कि लंबे समय से शासन प्रशासन से देहरादून के खासकर कोर्ट परिसर में वह प्रवेश व निकासी द्वार जहां से जिला न्यायधीश और गंभीर अपराधों के अधिवक्ताओं सहित कुख्यात अपराधियों की कोर्ट पेशी है होती है, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और सीसीटीवी सर्विलांस जैसी व्यवस्था की मांग की जाती रही है.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक जिस तरह से हाल के दिनों में देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में गैंगवार खूनी संघर्ष वकीलों की वेशभूषा में देखने को मिला है, वह सुरक्षा की चूक के मध्य नजर बेहद चिंताजनक है. ऐसे में रोहिणी कोर्ट की संवेदनशील घटना के उपरांत अब राज्यों के अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पर शासन प्रशासन को ध्यान देना आवश्यक हो गया है.

पढ़ें- कांग्रेस को रास नहीं आया दुष्यंत गौतम का 'पाकिस्तान' बयान, दर्ज कराएगी FIR

देहरादून जिला कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता का भी मानना है कि जिस तरह से दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेआम जजों के सम्मुख खूनी गैंगवार सामने आया है उससे कहीं न कहीं कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ना लाजिमी हैं. देहरादून के जिला कोर्ट में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों सहित कई तरह के गंभीर मुकदमा की कोर्ट कार्रवाई प्रचलित होने से संवेदनशील घटनाओं आशंका है. ऐसे में सरकार को इस ओर जल्द से जल्द ध्यान देकर सुरक्षा पुख्ता करने की आवश्यकता है.

क्या कहते हैं एसएसपी: देहरादून जिला अदालत पर परिसरों की सुरक्षा को लेकर देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि सभी न्यायालय की सुरक्षा पुलिस की दृष्टि से सर्वोपरि हैं. इसी के दृष्टिगत फोर्स की उपलब्धता के अनुसार कोर्ट परिसर में (पीएसी) जवानों के रूप में सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.

इतना ही नहीं जिला कोर्ट परिसर क्षेत्र से संबंधित सुरक्षा मापदंड को बहाल रखने के लिए संबंधित स्थानीय थाना-चौकी पुलिस की भी जिम्मेदारी तय हुई है. एसएसपी के मुताबिक अलग-अलग कोर्ट के प्रवेश-निकासी द्वार सुरक्षा व्यवस्था के विषय में कोर्ट संबंधित अधिकारियों, अधिवक्ताओं की शिकायत आने पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.

देहरादून: बीते दिनों दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेआम हुई गैंगवार की घटना के बाद कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं. देहरादून जिला कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे ही चल रही है. इस पर चिंता जाहिर करते हुए सरकारी और गैर सरकारी अधिवक्ता कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की लागातार मांग कर रहे हैं.

जानकारों के मुताबिक देहरादून कोर्ट परिसर के 8 अलग-अलग प्रवेश व निकासी द्वार हैं. मगर किसी गेट पर भी किसी तरह की कोई पुलिस चेकिंग या सर्विलांस जैसी निगरानी व्यवस्था दूर-दूर तक नजर नहीं आती है, जबकि राजधानी देहरादून के जिला कोर्ट की अलग-अलग अदालतों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर, अपराधियों के संगीन मुकदमों की सुनवाई होती है.

देहरादून जिला कोर्ट में राम भरोसे सुरक्षा व्यवस्था

पढ़ें- पतंजलि योगपीठ में सम्मानित हुए ओलंपिक मेडलिस्ट दहिया और बजरंग, बाबा रामदेव ने ब्रांड एंबेसडर बनाया

इतना ही नहीं अधिवक्ताओं के मुताबिक कई बार पूर्व में कोर्ट परिसर में खूनी-संघर्ष, दो पक्षों में सिर फुटव्वल सहित दुर्दान्त अपराधियों की तरफ से पुलिस कस्टडी से छूटने के प्रयास जैसे कई गंभीर प्रकरण देखने में आए हैं. वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मानें तो यही कारण रहा कि लंबे समय से शासन-प्रशासन से देहरादून कोर्ट परिसर के महत्वपूर्ण प्रवेश और निकासी द्वार पर पुख्ता पुलिस चेकिंग सहित अन्य तरह की सुरक्षा सर्विलांस बढ़ाने की मांग की जाती रही है, मगर आजतक इस मामले में कुछ हुआ नहीं है.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

देहरादून कोर्ट परिसर की अलग-अलग अदालतों के आसपास प्रवेश और निकासी द्वार में किस तरह की सुरक्षा में चूक है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी से विशेष बातचीत की. उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि देहरादून की जिला कोर्ट में पहले भी समय-समय पर कोर्ट परिसरों पर कई तरह की गंभीर घटनाएं सामने भी आती रही हैं.

भविष्य में भी जघन्य अभियुक्तों से संगीन वारदातों की आशंकाएं बनी हुईं हैं. यही कारण रहा कि लंबे समय से शासन प्रशासन से देहरादून के खासकर कोर्ट परिसर में वह प्रवेश व निकासी द्वार जहां से जिला न्यायधीश और गंभीर अपराधों के अधिवक्ताओं सहित कुख्यात अपराधियों की कोर्ट पेशी है होती है, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और सीसीटीवी सर्विलांस जैसी व्यवस्था की मांग की जाती रही है.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक जिस तरह से हाल के दिनों में देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में गैंगवार खूनी संघर्ष वकीलों की वेशभूषा में देखने को मिला है, वह सुरक्षा की चूक के मध्य नजर बेहद चिंताजनक है. ऐसे में रोहिणी कोर्ट की संवेदनशील घटना के उपरांत अब राज्यों के अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था पर शासन प्रशासन को ध्यान देना आवश्यक हो गया है.

पढ़ें- कांग्रेस को रास नहीं आया दुष्यंत गौतम का 'पाकिस्तान' बयान, दर्ज कराएगी FIR

देहरादून जिला कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता का भी मानना है कि जिस तरह से दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेआम जजों के सम्मुख खूनी गैंगवार सामने आया है उससे कहीं न कहीं कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ना लाजिमी हैं. देहरादून के जिला कोर्ट में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों सहित कई तरह के गंभीर मुकदमा की कोर्ट कार्रवाई प्रचलित होने से संवेदनशील घटनाओं आशंका है. ऐसे में सरकार को इस ओर जल्द से जल्द ध्यान देकर सुरक्षा पुख्ता करने की आवश्यकता है.

क्या कहते हैं एसएसपी: देहरादून जिला अदालत पर परिसरों की सुरक्षा को लेकर देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि सभी न्यायालय की सुरक्षा पुलिस की दृष्टि से सर्वोपरि हैं. इसी के दृष्टिगत फोर्स की उपलब्धता के अनुसार कोर्ट परिसर में (पीएसी) जवानों के रूप में सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.

इतना ही नहीं जिला कोर्ट परिसर क्षेत्र से संबंधित सुरक्षा मापदंड को बहाल रखने के लिए संबंधित स्थानीय थाना-चौकी पुलिस की भी जिम्मेदारी तय हुई है. एसएसपी के मुताबिक अलग-अलग कोर्ट के प्रवेश-निकासी द्वार सुरक्षा व्यवस्था के विषय में कोर्ट संबंधित अधिकारियों, अधिवक्ताओं की शिकायत आने पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.

Last Updated : Sep 27, 2021, 9:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.