देहरादूनः राज्य आंदोलनकारियों के लिए खुशखबरी है. धामी सरकार ने पिछली कैबिनेट में राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन देने की स्वीकृति दी थी. जिसे लेकर आज शासनादेश जारी कर दिया गया है. ऐसे में चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी अब पेंशन का लाभ मिलेगा.
बता दें कि उत्तराखंड राज्य गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारियों को उचित सम्मान देने और उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए दो वर्गों में बांटा गया है. एक वर्ग में वो आंदोलनकारी हैं, जो कि आंदोलन के दौरान जेल गए और घायल हुए थे. उन्हें सरकार की ओर से ₹5100 प्रतिमाह पेंशन दी जाती है.
ये भी पढ़ेंः चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने CM के फैसले का किया स्वागत, अन्य मांगों को लेकर हुए नाराज
वहीं, दूसरी ओर वो चिह्नित आंदोलनकारी हैं, जो कि जेल नहीं गए थे और ना ही घायल हुए. उन्हें सरकार की ओर से ₹3100 प्रति माह पेंशन दी जाती है. अब तक की व्यवस्था के अनुसार जेल जाने वाले और घायल आंदोलनकारियों को जीवित रहते ₹5100 प्रति माह पेंशन और मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को भी आजीवन ₹5100 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान था.
ये भी पढ़ेंः अनोखा प्रदर्शन: लालटेन लेकर ईमानदार अधिकारी और नेताओं को ढूंढ रहे राज्य आंदोलनकारी
अब दूसरे वर्ग के चिह्नित आंदोलनकारी जिन्हें हर माह ₹3100 जीवित रहते सरकार की ओर से दिया जा रहा था, अब उनकी मृत्यु के बाद उनके आश्रितों के लिए भी ₹3100 आजीवन पेंशन का प्रावधान उत्तराखंड सरकार ने कर दिया है. इस बावत उत्तराखंड शासन में गृह विभाग अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने आज यह शासनादेश जारी कर दिया है.