मसूरीः एमपीजी कॉलेज मसूरी में शिक्षकों की नियुक्ति पर शासन ने रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि शैक्षिक कार्मिकों के अनुमोदन आरक्षण रोस्टर में कुछ विसंगतियां मिली थी, ऐसे में आरक्षण रोस्टर को संशोधित किया जा रहा था, लेकिन आरक्षण रोस्टर में संशोधन की कार्रवाई गतिमान रहने के बीच ही रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई. जिस पर उच्च शिक्षा उप सचिव ब्योमकेश दुबे ने रोक लगा दी है.
जानकारी के मुताबिक, म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज मसूरी के प्रबंध समिति के अध्यक्ष और प्राचार्य की ओर से शैक्षिक कार्मिकों के अनुमोदन आरक्षण रोस्टर में कुछ विसंगतियों का उल्लेख किया गया था. जिसमें उन्होंने आरक्षण रोस्टर को संशोधित करने का अनुरोध किया था. वर्तमान में आरक्षण रोस्टर से संशोधन किए जाने की कार्रवाई जारी है, लेकिन इन सबके बीच रिक्त पदों के लिए विज्ञापन निकाल दिया गया.
दूसरी ओर पूर्व रोस्टर के अनुसार ही रिक्त पदों का विज्ञापन किया जाना नियमों के विपरीत माना है. जिसका संज्ञान लेते हुए शासन ने संशोधित रोस्टर रजिस्टर अनुमोदित किए जाने के बाद ही प्रबंध समिति को नियमानुसार रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए. तब तक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
आरोप है कि एमपीजी कॉलेज मसूरी के प्रबंध समिति ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर जारी किए गए रोस्टर से छेड़छाड़ की. जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग में सबूतों के साथ शिकायत की. जिसका संज्ञान लेकर मामले की जांच की गई. इतना ही नहीं मामले में एक जनहित याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में अनिशा कुमारी बनाम उत्तराखंड सरकार एवं अन्य दायर की गई थी.
वहीं, हाईकोर्ट से एमपीजी कॉलेज के शैक्षिक कार्मिकों का आरक्षण रोस्टर रजिस्टर/पंजिका के तहत नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया था, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि वर्तमान सचिव प्रबंध समिति ने हाईकोर्ट में पेश किए गए शैक्षिक कार्मिक का आरक्षण रोस्टर रजिस्टर/पंजिका में खुद आमूलचूल परिवर्तन किया है. जिसके बाद बिना प्रबंधन समिति की बैठक और प्रस्ताव पारित किए शिक्षकों के पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया.
शिकायतकर्ता ने शिक्षकों की भर्ती को लेकर आशंका जताई कि पदों की नियुक्ति में अनियमितता और अपने लोगों को समायोजित करने की कोशिश की जा रही है. उनका आरोप है कि पालिका परिषद के वर्तमान अध्यक्ष और बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. ऐसे में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का उल्लंघन करते हुए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की जा रही है.