देहरादून: जीएमवीएन जल्द खनन से अपने घाटे की पूर्ति करेगा. गढ़वाल मंडल विकास निगम (Garhwal Mandal Vikas Nigam) तो घाटे के निगम के रूप में जाना जाता रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय में निगम अपनी बेहतर रणनीतियों के कारण फायदे की तरफ बढ़ रहा है. निगम की तरफ से अपने इस फायदे को कई गुना बढ़ाने के लिए अब खनन की दिशा में फोकस (GMVN will focus on mining) किया जा रहा है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने के चलते गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी अच्छा कारोबार किया है. स्थिति ये रही कि इस यात्रा सीजन में जीएमवीएन ने करोड़ों का मुनाफा कमाया है. हालांकि फिलहाल गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट भी 19 नवंबर को बंद हो जाएंगे. लेकिन यात्रा सीजन के बाद भी गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने कारोबार को फायदे में रखने के लिए अब खनन पर फोकस करने जा रहा है.
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बरसात का सीजन खत्म होते ही अब खनन के पट्टों का अलॉटमेंट किया जाएगा. इस दौरान गढ़वाल मंडल विकास निगम पुराने विवादित मामलों के निस्तारण की कोशिशों में जुट गया है. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021- 22 में करीब 9.32 करोड़ का नेट प्रॉफिट गढ़वाल मंडल विकास निगम ने हासिल किया था. इस मुनाफे में खनन का भी बड़ा योगदान रहा था. तमाम विवादों के चलते केवल 4 पट्टों से राजस्व कमा रहे गढ़वाल मंडल विकास निगम ने पिछले साल करीब 16 पट्टों के आवंटन के जरिए मुनाफा कमाया था. इस बार भी तमाम देनदारियों के निस्तारण के साथ खनन के पट्टों के जरिए इस मुनाफे को और भी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक (GMVN Managing Director) बंशीधर तिवारी ने कहा कि यात्रा सीजन निगम के लिए बेहतर रहा है. अब खनन पर भी निगम और सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए जरूरी फैसले ले रहे हैं. ताकि अधिक से अधिक रेवेन्यू इकट्ठा किया जा सके.