देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में जहां राज्य सरकार को 1100 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. वहीं, जीएमवीएन (गढ़वाल मंडिल विकास निगम) के होटलों की बुकिंग कैंसिल होने से तीन करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. जीएमवीएन को हुए नुकसान के बाद अब कर्मचारियों के सामने वेतन का संकट आ खड़ा हो गया है. जीएमवीएन के कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन तो दिया जा चुका है, लेकिन वर्तमान में अब जीएमवीएन कर्मचारियों का वेतन देने की स्थिति में नहीं है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार ने जीएमवीएन के होटलों को कोविड केयर सेंटर बनाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद जीएमवीएन के अलग-अलग जनपदों के होटलों को कोविड केयर सेंटर बनाने से जीएमवीएन की कुछ स्थिति संभली. कर्मचारियों को लगातार वेतन मिलता रहा है, लेकिन अब जैसे-जैसे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो जनपदों के जिलाधिकारी जीएमवीएन के होटलों से कोविड केयर सेंटर खत्म कर रहे हैं. जिससे जीएमवीएन को दोबारा से कर्मचारियों के वेतन की चिंता सताने लगी है.
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अब जीएमवीएन को चारधाम यात्रा शुरू होने का इंतज़ार है. यात्रा शुरू होने के बाद ही कहीं जाकर जीएमवीएन अपने नुकसान की भरपाई कर पायेगा. जिससे कर्मचारियों के वेतन के साथ ही अन्य खर्चे पूरे किये जाएंगे.
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जीएमवीएन के एमडी आशीष चौहान ने बताया कि कोविड कर्फ्यू के दौरान जीएमवीएन की तीन करोड़ से ऊपर की ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल हुई हैं. पिछले महीने ही कर्मचारियों को वेतन दे पाए हैं, अगर चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाती है तो दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. उन्होंने बताया कि शासन को आर्थिक सहायता के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है. उम्मीद है कि अगर यात्रा शुरू हो जाती है तो हम अपने नुकसान की भरपाई करते हुए बेहतर तरीके से वापस अपनी पुरानी स्थिति में लौट सकते हैं.