ऋषिकेश में गाडूघड़ा की हुई भव्य पूजा, कैबिनेट मंत्री और मेयर ने भी किए दर्शन - गाडूघड़ा कलश यात्रा
गाडूघड़ा कलश यात्रा नरेंद्र नगर राजमहल से ऋषिकेश पहुंची. इस कलश यात्रा से ही चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) का शुभारंभ माना जाता है. गाडूघड़ा विभिन्न पड़ावों से होते हुए 7 मई को भगवान बदरीनारायण (Lord Badrinarayan) मंदिर पहुंचेगा. वहां पूजा अर्चना के साथ ही कपाट खुलने के बाद बदरीनारायण का अभिषेक किया जायेगा. उसके बाद इसी पवित्र तेल से भगवान बदरीनारायण का लेप किया जाएगा.
ऋषिकेश: नरेंद्र नगर राजमहल से ऋषिकेश पहुंची गाडूघड़ा कलश यात्रा (Gadughada Kalash Yatra reached Rishikesh) का भक्तों ने बड़ी धूम-धाम से पूजा अर्चना कर स्वागत किया. बदरी केदार मंदिर समिति (Badri Kedar Temple Committee) के चेला चेतराम धर्मशाला में गाडूघड़ा को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए रखा गया. इस मौके पर धार्मिक आयोजन भी किये गए. गाडूघड़ा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ (devotees gathered for Gadu Ghada Darshan) उमड़ी. वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाईं ने भी गाडूघड़ा के दर्शन किए.
इसके बाद गाडूघड़ा अगले पड़ाव श्रीनगर के लिए रवाना (Gadughada left for next stop Srinagar) हुई. इससे पूर्व भगवान बदरीनारायण का भोग प्रसाद (Bhog Prasad of Lord Badrinarayan) श्रद्धालुओं में वितरित किया गया. 8 मई को बदरीनाथ के कपाट खोले जायेंगे. कपाट खुलने के बाद इसी पवित्र तेल से बदरीनारायण का अभिषेक के बाद लेप किया जायेगा.
बता दें कि भगवान बदरीनाथ की यात्रा का शुभारम्भ गाडूघड़ा कलश यात्रा से ही माना जाता है. नरेंद्रनगर राजमहल से शुरू हुई यह यात्रा 7 मई को बदरीनाथ पहुंचेगी. गाडूघड़ा में रखा पवित्र तेल भगवान के अभिषेक के बाद लेप के लिए प्रयोग किया जाता है. बदरीनाथ धाम के लिए चली इस गाडूघड़ा की विभिन्न पड़ावों पर पूजा अर्चना की जाएगी.
पवित्र तेल को डिम्मर गांव के डिमरी पंचायत के लोग लेकर बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं. डिम्मर पंचायत के सचिव राजेंद्र प्रसाद डिमरी ने कहा यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा भी काफी अच्छी रहेगी. यात्रा के लिए अभी से उनके जजमानों ने बदरीनारायण की पूजा करने के लिए अपनी बुकिंग करा ली है.