मसूरीः टिहरी जनपद के कोट गांव में शादी समारोह में कुछ दबंगों द्वारा दलित युवक की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राज्य की सियासत में भूचाल ला देने वाले इस मामले में लगातार बयानबाजी का दौर जारी है.
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी इस घटना को बेहद शर्मनाक बताया है. मसूरी में पत्रकार वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए.
उन्होंने कहा कि जिस गांव के जितेंद्र दास हैं उसी गांव में उनका जन्म हुआ और ऐसे में जितेंद्र दास की जाति के भाइयों के बिना न ही शादी समारोह संपन्न हो सकता है और न ही देवी देवता अवतरित हो सकते हैं. ऐसे में वह हमारे समाज के एक अभिन्न अंग हैं.
किशोर उपाध्याय ने शासन और प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि दलित युवक को न्याय दिलाने में लापरवाही बरती गई है. अगर दलित युवक को समय पर सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधा दी जाती तो शायद वह जीवित होता.
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उन्होंने कहा कि इस समय सबसे पहला काम है कि समाज में समरसता का वातावरण बनाने के साथ दलित परिवार के भविष्य को लेकर चिंता की जाए. परिवार की कैसे मदद हो इस बारे में सोच विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि दलित परिवार के सदस्यों से मिलकर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात कर दलित परिवार को हरसंभव मदद दिलाने का प्रयास करेंगे.
किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री पर भी हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अकेले रावतों के मुख्यमंत्री नहीं है वह पूरे प्रदेश के हर समुदाय व हर वर्ग के मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में उनको सभी को देखना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि जनता सरकार इसलिए चुनती है कि उनके दुख, सुख और उनकी सुरक्षा का जिम्मा सरकार ले न कि बड़े-बड़े हेलीकॉप्टर्स और गाड़ियों में घूमे. उन्होंने प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार को पूरी तरीके से फेल बताते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है.
प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है. दिनदहाड़े हत्या, लूट, बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं किसान परेशान होकर भाजपा के कार्यालय में ही जहर खाकर आत्महत्या कर रहे हैं. प्रदेश में दलितों अल्पसंख्यकों व अन्य समाज का लगातार उत्पीड़न हो रहा है और सरकार सो रही है. प्रदेश की डबल इंजन की सरकार का प्रदेश में मजाक बनकर रह गया है.
लोग सोचने को मजबूर हैं कि उन्होंने प्रदेश में किस तरीके का इंजन लगाया, जिसमें न डीजल है न पानी है. आज लोग इस इंजन को कबाड़ के भाव भी खरीदने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि देश में हो रहे लोकसभा चुनाव में लोग 2014 के चुनाव में भाजपा द्वारा किए गए वादों को याद कर रहे हैं.
वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता से किए वादों के एक-एक शब्दों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आखिरकार वह शब्द और वादे कहां गए, वे वादे कब पूरे होंगे. उन्होंने कहा कि इन सब सवालों का जवाब आगामी 23 मई को मिलेगा जब चुनाव परिणाम आएंगे और भाजपा दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं देगी.