देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में पार्टी के नेताओं की चल रही बयानबाजी पर दो पूर्व मंत्रियों ने अपनी राय देकर मामले को और गर्म कर दिया है. एक तरफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री हीरा सिंह ने पार्टी के भीतर चल रही लड़ाई को गैंगवार करार दे दिया है तो दूसरी तरफ प्रीतम सिंह के विरोध के बीच पूर्व मंत्री नवप्रभात प्रदेश प्रभारी के समर्थन में खड़े हो गए हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर की लड़ाई वैसे तो कोई नई बात नहीं है, लेकिन, जिस तरह पार्टी के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला है उससे कांग्रेस की राजनीति एक नए मोड़ पर आ खड़ी हुई है. इस मामले में अनुशासन समिति भी असहाय स्थिति में दिखाई दे रही है. अनुशासन समिति की चुप्पी के चलते एक के बाद एक नए बयान भी आने में लगे हैं. फिलहाल, ताजा बयान कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने दिया है. हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कांग्रेस के भीतर इस समय गैंगवार चल रहा है. हीरा सिंह बिष्ट ने कहा वरिष्ठ नेताओं के सुझाव पार्टी को लेने चाहिए. उन्होंने कहा इस समय पार्टी की गुटबाजी गैंगवार में बदल गई है.
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एक तरफ हीरा सिंह बिष्ट पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी से आहत दिखाई दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ उत्तराखंड अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात भी पार्टी के बड़े नेताओं की लड़ाई के कारण खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि अब उत्तराखंड कांग्रेस में अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात ने प्रीतम सिंह की तरफ से प्रदेश प्रभारी के खिलाफ दिए जा रहे बयानों का अप्रत्यक्ष रूप से विरोध किया है. नवप्रभात ने कहा पार्टी नेताओं को सही फोरम पर ही अपनी बात रखनी चाहिए. यही नहीं पूर्व मंत्री नवप्रभात ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के पक्ष में खड़े होकर प्रीतम सिंह के आरोपों को सिरे से भी नकार दिया है. नवप्रभात ने कहा वह 1984 से तमाम चुनाव देख रहे हैं, लेकिन, आज तक एआईसीसी की तरफ से कितना समय और चुनाव में प्रयास नहीं किया गया जितना 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में दिखाई दिया.