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कांग्रेस से किशोर उपाध्याय की छुट्टी, पार्टी ने 6 साल के लिए किया निष्कासित

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर एक और कार्रवाई की है. कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो गए है.

Kishore Upadhyay
किशोर उपाध्याय
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Published : Jan 27, 2022, 9:10 AM IST

Updated : Jan 27, 2022, 11:43 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर एक और कार्रवाई की है. कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. इसके पहले उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में सभी पदों से हटा दिया गया था. हालांकि कांग्रेस से छुट्टी होने के एक घंटे बाद ही किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी उन्हें टिहरी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है.

कांग्रेस ने उत्तराखंड में अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी से बाहर कर दिया है. 27 जनवरी को कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को निष्कासित करने का लेटर जारी किया. इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म था कि किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो सकते है और निष्कासन के एक घंटे बाद ही वे बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी किशोर उपाध्याय को टिहरी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही टिहरी विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.

बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर पार्टी विरोध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें सभी पदों से हटा दिया था और इसके कुछ दिनों अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया.

किशोर उपाध्याय कभी हरीश रावत के प्रमुख सिपहसालारों थे: किशोर उपाध्याय कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रमुख सिपहसालारों में शुमार रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही दोनों के संबंध में खिंचाव हो चुका था. बीते साल नवंबर में इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में किशोर ने हरीश रावत को निशाने पर लेते हुए कहा था कि 2017 में सहसपुर सीट से चुनाव वह बड़ी साजिश के चलते हारे थे. इसके जवाब में हरीश रावत ने तंज भी कसा तो चेतावनी भी दी थी. हरदा ने टिहरी समेत कई विधानसभा क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा था कि सहसपुर से टिकट किशोर ने ही तय कराया था.

किशोर उपाध्याय का राजनीकि इतिहास: किशोर उपाध्याय 2002 में टिहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इसी चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के रतन सिंह को हराया था. इसके बाद 2007 में भी किशोर उपाध्याय टिहरी से ही चुनाव लड़े थे, इस बार उन्होंने बीजेपी के खेम सिंह चौहान को हराया था. हालांकि 2012 में किशोर उपाध्याय को टिहरी सीट से हार का सामना करना पड़ा था. किशोर निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश धनै से हार गए थे. 2014 में कांग्रेस हाईकमान ने किशोर उपाध्याय उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था. 2017 के चुनाव में किशोर उपाध्याय ने सहसपुर से किस्तम अजमाई थी, लेकिन यहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. उत्तराखंड विधासभा चुनाव 2017 के बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था. वहीं उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के बाहर का रास्त दिखा दिया.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर एक और कार्रवाई की है. कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. इसके पहले उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में सभी पदों से हटा दिया गया था. हालांकि कांग्रेस से छुट्टी होने के एक घंटे बाद ही किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी उन्हें टिहरी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है.

कांग्रेस ने उत्तराखंड में अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी से बाहर कर दिया है. 27 जनवरी को कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को निष्कासित करने का लेटर जारी किया. इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म था कि किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो सकते है और निष्कासन के एक घंटे बाद ही वे बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी किशोर उपाध्याय को टिहरी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही टिहरी विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.

बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर पार्टी विरोध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें सभी पदों से हटा दिया था और इसके कुछ दिनों अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया.

किशोर उपाध्याय कभी हरीश रावत के प्रमुख सिपहसालारों थे: किशोर उपाध्याय कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रमुख सिपहसालारों में शुमार रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही दोनों के संबंध में खिंचाव हो चुका था. बीते साल नवंबर में इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में किशोर ने हरीश रावत को निशाने पर लेते हुए कहा था कि 2017 में सहसपुर सीट से चुनाव वह बड़ी साजिश के चलते हारे थे. इसके जवाब में हरीश रावत ने तंज भी कसा तो चेतावनी भी दी थी. हरदा ने टिहरी समेत कई विधानसभा क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा था कि सहसपुर से टिकट किशोर ने ही तय कराया था.

किशोर उपाध्याय का राजनीकि इतिहास: किशोर उपाध्याय 2002 में टिहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इसी चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के रतन सिंह को हराया था. इसके बाद 2007 में भी किशोर उपाध्याय टिहरी से ही चुनाव लड़े थे, इस बार उन्होंने बीजेपी के खेम सिंह चौहान को हराया था. हालांकि 2012 में किशोर उपाध्याय को टिहरी सीट से हार का सामना करना पड़ा था. किशोर निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश धनै से हार गए थे. 2014 में कांग्रेस हाईकमान ने किशोर उपाध्याय उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था. 2017 के चुनाव में किशोर उपाध्याय ने सहसपुर से किस्तम अजमाई थी, लेकिन यहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. उत्तराखंड विधासभा चुनाव 2017 के बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था. वहीं उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के बाहर का रास्त दिखा दिया.

Last Updated : Jan 27, 2022, 11:43 AM IST
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