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'मैंकें माल्टा और नारंगी खाणक लिजी आपण गौं जरूर बुलाया' भगत दा पर हरीश रावत का 'प्यार' और 'वार'

उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भगत सिंह कोश्यारी को आड़े हाथों लिया है. खासकर उन्होंने खड़िया खुदान को लेकर भगत दा को घेरने का प्रयास किया है. इसके अलावा अपना प्यार भी लुटाया है. उन्होंने भगता दा को काफल खाने का न्योता से लेकर उनके क्षेत्र में जाकर माल्टा और केला खाने की इच्छा जताई है.

Harish Rawat Statement on Bhagat Singh Koshyari
भगत दा पर हरीश रावत का प्यार
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Published : Apr 19, 2023, 4:16 PM IST

देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी पर प्यार लुटाने के साथ वार भी किया है. हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने भगत सिंह कोश्यारी से कई सारी बातें सीखी हैं. उनका गुस्सा भी संगठन के प्रति निष्ठा को जाहिर करता था. उन्होंने कहा कि भगत दा गाड़ वाले हैं, उनके यानी कांग्रेस कार्यकाल में ही भगत सिंह कोश्यारी के गांव तक सड़क पहुंची. साथ ही उनके खाने के लिए कीवी गार्डन भी शुरू की. इसके अलावा हरीश रावत ने कोश्यारी के रिवर्स पलायन के बयानों पर आड़े हाथों भी लिया है. उन्होंने कहा कि खड़िया खुदान से सामा आगे नहीं बढ़ेगी.

दरअसल, कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है. उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बहुत सारी बातें सीखी हैं. जब वो पिथौरागढ़ के सांसद थे, तब वो सार्वजनिक सभा में आरएसएस पर चोट करते थे. जिस पर भगत सिंह कोश्यारी कई पोस्टकार्ड लिखवा कर अपना गुस्सा जाहिर करते थे. यह गुस्सा उनका संगठन के प्रति निष्ठा को बताया था. हरीश रावत का आगे कहना है कि वो जानते हैं कि भगत दा उनके गांव मोहनरी में आकर काफल खाने के लिए निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन जब भगत उन्हें कभी रमाड़ी, मांजखेत, नामती चेताबगढ़ की नारंगियां, माल्टे और केले खाने बुलाएंगे तो वो जरूर जाएंगे.
ये भी पढ़ेंः क्या भगत दा ने शुरू कर दी राजनीति की पिच पर बैटिंग? कुमाऊं की नब्ज टटोलकर दिल्ली निकले

भगत सिंह कोश्यारी के क्षेत्र में सड़क और कीवी गार्डन उनकी देनः हरीश रावत आगे लिखते हैं, भगत दा गाड़ वाले हैं. धार में काफल तो गाड़ में केले, मछलियां होती हैं. गाड़ में माल्टे और संतरे काफी अच्छे होते हैं. हरदा का कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी के जन्म स्थल और उस क्षेत्र को जोड़ने वाली सारी सड़कें मेरे ही कार्यकाल में बनी हैं. चाहे सांसद के तौर पर हो या कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर हो या फिर मुख्यमंत्री. उन्होंने अपनी सरकार में भगत सिंह कोश्यारी के खाने के लिए सामा में कीवी गार्डन भी शुरू की थी.

खड़िया खनन पर भगत सिंह कोश्यारी को घेराः वहीं, हरीश रावत ने भगत सिंह कोश्यारी को आड़े हाथों भी लिया है. उनका का कहना है कि उनके शुभ चिंतकों ने इस क्षेत्र से कीवी और भुट्टे दुनिया भर में पहुंचाएं हैं, लेकिन भगत दा से प्रेरणा लेने वालों ने यहां की खड़िया खोदकर के देशभर में पहुंचाई. ऐसे में अब आप (भगत सिंह कोश्यारी) तय करिए जो रिवर्स पलायन के मधुर स्थान वो खड़िया और बालू खुदान से आगे बढ़ेगी या कीवी, रमाड़ी के माल्टे और मोहनरी के काफलों से. इसके अलावा कुमाऊंनी में एक संदेश भी लिखा है, 'भगत दा रिसाया जन हं! मैंकें माल्टा और नारंगी खाणक लिजी आपण गौं जरूर बुलाया.'

देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी पर प्यार लुटाने के साथ वार भी किया है. हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने भगत सिंह कोश्यारी से कई सारी बातें सीखी हैं. उनका गुस्सा भी संगठन के प्रति निष्ठा को जाहिर करता था. उन्होंने कहा कि भगत दा गाड़ वाले हैं, उनके यानी कांग्रेस कार्यकाल में ही भगत सिंह कोश्यारी के गांव तक सड़क पहुंची. साथ ही उनके खाने के लिए कीवी गार्डन भी शुरू की. इसके अलावा हरीश रावत ने कोश्यारी के रिवर्स पलायन के बयानों पर आड़े हाथों भी लिया है. उन्होंने कहा कि खड़िया खुदान से सामा आगे नहीं बढ़ेगी.

दरअसल, कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है. उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बहुत सारी बातें सीखी हैं. जब वो पिथौरागढ़ के सांसद थे, तब वो सार्वजनिक सभा में आरएसएस पर चोट करते थे. जिस पर भगत सिंह कोश्यारी कई पोस्टकार्ड लिखवा कर अपना गुस्सा जाहिर करते थे. यह गुस्सा उनका संगठन के प्रति निष्ठा को बताया था. हरीश रावत का आगे कहना है कि वो जानते हैं कि भगत दा उनके गांव मोहनरी में आकर काफल खाने के लिए निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन जब भगत उन्हें कभी रमाड़ी, मांजखेत, नामती चेताबगढ़ की नारंगियां, माल्टे और केले खाने बुलाएंगे तो वो जरूर जाएंगे.
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भगत सिंह कोश्यारी के क्षेत्र में सड़क और कीवी गार्डन उनकी देनः हरीश रावत आगे लिखते हैं, भगत दा गाड़ वाले हैं. धार में काफल तो गाड़ में केले, मछलियां होती हैं. गाड़ में माल्टे और संतरे काफी अच्छे होते हैं. हरदा का कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी के जन्म स्थल और उस क्षेत्र को जोड़ने वाली सारी सड़कें मेरे ही कार्यकाल में बनी हैं. चाहे सांसद के तौर पर हो या कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर हो या फिर मुख्यमंत्री. उन्होंने अपनी सरकार में भगत सिंह कोश्यारी के खाने के लिए सामा में कीवी गार्डन भी शुरू की थी.

खड़िया खनन पर भगत सिंह कोश्यारी को घेराः वहीं, हरीश रावत ने भगत सिंह कोश्यारी को आड़े हाथों भी लिया है. उनका का कहना है कि उनके शुभ चिंतकों ने इस क्षेत्र से कीवी और भुट्टे दुनिया भर में पहुंचाएं हैं, लेकिन भगत दा से प्रेरणा लेने वालों ने यहां की खड़िया खोदकर के देशभर में पहुंचाई. ऐसे में अब आप (भगत सिंह कोश्यारी) तय करिए जो रिवर्स पलायन के मधुर स्थान वो खड़िया और बालू खुदान से आगे बढ़ेगी या कीवी, रमाड़ी के माल्टे और मोहनरी के काफलों से. इसके अलावा कुमाऊंनी में एक संदेश भी लिखा है, 'भगत दा रिसाया जन हं! मैंकें माल्टा और नारंगी खाणक लिजी आपण गौं जरूर बुलाया.'

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