देहरादूनः उत्तराखंड में वन दरोगा चयनित अभ्यर्थियों ने सरकार से नियुक्ति दिए जाने की मांग उठाई है. अभ्यर्थियों का साफतौर कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वो राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाएंगे.
चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि वन दरोगा भर्ती परीक्षा 2019 (Forest Inspector Recruitment Exam 2019) के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसके बाद कोरोना नियमों का पालन करते हुए आयोग ने जुलाई 2021 में 18 पालियों में इन ऑनलाइन परीक्षाओं को संपन्न कराया था. जबकि, आठ जनवरी 2022 को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ.
वन दरोगा चयनित अभ्यर्थी अभिषेक सजवाण का कहना है कि परिणाम घोषित होने के बाद आयोग ने 6 अभ्यर्थियों को परिणाम से बाहर कर दिया. ऐसे में लिखित परीक्षा के आधार पर दरोगा भर्ती के लिए जून 2022 में शारीरिक परीक्षा आयोजित की गई और इसका परिणाम जुलाई 2022 में घोषित किया गया.
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उन्होंने कहा कि इसके बाद अधीनस्थ चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एस राजू ने पूर्व में बाहर किए गए 6 अभ्यर्थियों को जांच में चिन्हित किया. ऐसे में उन्हें लगा था कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनकी नियुक्ति हो जाएगी. इसको लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी एक ही मांग है कि मेहनती छात्रों को जल्द से जल्द नियुक्ति (candidates demands appointment in Uttarakhand) दी जाए. अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे दरोगा चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो राज्यपाल और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई जाएगी.