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उत्तराखंड: 235 करोड़ की लागत से इन पांच बांधों का होगा पुनर्वास - उत्तराखंड बांधों का पुनर्वास और सुधार

केंद्रीय बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत 235 करोड़ की लागत से उत्तराखंड के 5 जल विद्युत प्रोजेक्ट आसन बैराज, इच्छाड़ी बांध, डाकपत्थर बैराज, वीरभद्र ऋषिकेश बांध और मिनारी बांध का रिहैबिलिटेशन किया जाएगा.

dam rehabilitation
इच्छाड़ी बांध
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Published : Nov 30, 2019, 5:40 PM IST

देहरादूनः केंद्रीय बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत 235 करोड़ की लागत से उत्तराखंड के पांच बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन किया जाएगा. विश्व बैंक के तहत चल रही इस योजना में 50 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है तो वहीं, बाकी जून 2020 तक पूरा हो जाएगा.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में सरकार प्रदेश के बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन को लेकर वर्ल्ड बैंक के जरिए योजना चला रही है. जिसका काम जून 2020 तक संपन्न हो जाएगा. उन्होंने कहा कि डैम रिहैबिलिटेशन योजना में देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है.

जानकारी देते मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह.

ये भी पढ़ेंः विशेष लेख : अनुबंध खेती, छोटे किसानों के लिए बड़ा आश्वासन

बता दें कि, बांध पुनर्वास और सुधार योजना के तहत बांधों में तकनीकी सुधार के साथ-साथ बांधों के डिजाइन इत्यादि को लेकर शोध और निर्माण किया जाता है. जिसके तहत उत्तराखंड के 5 जल विद्युत प्रोजेक्ट आसन बैराज, इच्छाड़ी बांध, डाकपत्थर बैराज, वीरभद्र ऋषिकेश बांध और मिनारी बांध को शामिल किया गया है.

देहरादूनः केंद्रीय बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत 235 करोड़ की लागत से उत्तराखंड के पांच बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन किया जाएगा. विश्व बैंक के तहत चल रही इस योजना में 50 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है तो वहीं, बाकी जून 2020 तक पूरा हो जाएगा.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में सरकार प्रदेश के बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन को लेकर वर्ल्ड बैंक के जरिए योजना चला रही है. जिसका काम जून 2020 तक संपन्न हो जाएगा. उन्होंने कहा कि डैम रिहैबिलिटेशन योजना में देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है.

जानकारी देते मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह.

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बता दें कि, बांध पुनर्वास और सुधार योजना के तहत बांधों में तकनीकी सुधार के साथ-साथ बांधों के डिजाइन इत्यादि को लेकर शोध और निर्माण किया जाता है. जिसके तहत उत्तराखंड के 5 जल विद्युत प्रोजेक्ट आसन बैराज, इच्छाड़ी बांध, डाकपत्थर बैराज, वीरभद्र ऋषिकेश बांध और मिनारी बांध को शामिल किया गया है.

Intro:एंकर- केंद्रीय बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत 325 करोड़ की लागत से उत्तराखंड के पांच बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन किया जाएगा। विश्व बैंक के तहत चल रही इस योजना में 50% से ज्यादा काम हो चुका है तो वही बाकी जून 2020 से पूरा हो जाएगा।


Body:वीओ- मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में सरकार द्वारा प्रदेश के बड़े बांधों के रिहैबिलिटेशन को लेकर वर्ल्ड बैंक के माध्यम से योजना चल रही है जिसका काम जून 2020 तक संपन्न हो जाएगा। मुख्य सचिव अतुल कुमार सिंह ने बताया की डेम रिहैबिलिटेशन योजना में देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है।

आपको बता दें कि बांध पुणे निवास और सुधार योजना के तहत बांधों में तकनीकी सुधार के साथ-साथ बांधों के डिजाइन इत्यादि को लेकर शोध और निर्माण किया जाता है जिसके तहत उत्तराखंड के 5 जलविद्युत प्रोजेक्ट- सेन बैराज, इचारी बांध, डाकपत्थर बैराज, वीरभद्र ऋषिकेश बांध, मिनारी बांध, जल विद्युत प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है।


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