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Anti Copying Law: उत्तरकाशी में नकल विरोधी कानून के तहत पहला केस दर्ज, अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा - नकल विरोधी कानून के तहत पहला केस दर्ज

उत्तराखंड में नए नकल विरोधी कानून के तहत उत्तरकाशी में पहला केस दर्ज हुआ. पुलिस का कहना है कि युवक ने पेपर की सील खुली होने की अफवाह फैलाई थी. मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि जो लोग भी अफवाह फैलाएंगे, उनके खिलाफ नए नकल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ADG Law and Order V Murugesan
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Published : Feb 13, 2023, 3:58 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 4:11 PM IST

उत्तरकाशी में नकल विरोधी कानून के तहत पहला केस दर्ज.

देहरादूनः उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू होते ही पुलिस ने इसके तहत पहला मामला दर्ज कर लिया है. यह पहला मामला उत्तरकाशी में दर्ज हुआ है, जो कि पटवारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर अफवाह फैलाने से जुड़ा है. आरोप है कि बड़कोट निवासी एक युवक ने पेपर की सील खुलने होने की बात कहकर सवाल खड़े किए थे. जिस पर पुलिस ने युवक समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

दरअसल, सरकार अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती करने के मूड में है. इसी दिशा में पुलिस भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है. इससे पहले सरकार और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने चेतावनी दी थी कि पटवारी लेखपाल भर्ती में पेपर लीक, पेपर की सील खुली होने जैसी अफवाह फैलाने वालों पर नए नकल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

क्या था मामलाः उत्तरकाशी के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज लदाड़ी में पटवारी भर्ती परीक्षा का केंद्र बनाया गया था. जहां एक बड़कोट से परीक्षा देने पहुंचे अरुण कुमार नाम के अभ्यर्थी ने प्रश्नपत्र की सील खुली होने का आरोप लगाया था. मामले में अरुण कुमार समेत अन्य लोगों और कुछ न्यूज पोर्टल पर प्रश्न पत्र संबंधी भ्रामक वीडियो प्रसारित करने का आरोप लगा. जिनके खिलाफ पुलिस ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
ये भी पढ़ेंः शहीद स्मारक से बेरोजगारों को हटाने की तैयारी, SDM ने दी मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी

वहीं, रविवार आयोजित हुई पटवारी लेखपाल भर्ती की परीक्षा होने के बाद सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कई जगहों पर गड़बड़ी के आरोप लगे. किसी ने पेपर की सील खुली होना बताया तो किसी ने दूसरे कारण गिनाते हुए सवाल खड़े किए. इन सभी सूचनाओं के आधार पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं. नए नकल कानून के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

पथराव से संपत्ति को पहुंचा नुकसानः वहीं, छात्र आंदोलन पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जिस तरीके से गांधी पार्क के पास राजपुर रोड पर छात्रों की ओर से पथराव किया गया, उससे आम नागरिक और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. इसी को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि गांधी पार्क या उसके आसपास का क्षेत्र धरना प्रदर्शन के लिए नहीं है. रायपुर क्षेत्र में धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित की गई है, वहां पर प्रदर्शन किया जाना चाहिए.

8 जनवरी की हुई थी पटवारी परीक्षा, कल फिर से आयोजित हुईः गौर हो कि बीती 8 जनवरी को उत्तराखंड में पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा हुई थी. जो लीक हो गई थी. इसके बाद उत्तराखंड सेवा चयन आयोग ने नई तिथि का ऐलान किया. जिसके तहत 12 फरवरी को दोबारे से यह परीक्षा आयोजित कराई गई. इससे पहले बेरोजगार युवाओं ने जांच के बाद ही आयोजित कराने की मांग थी. जिसे लेकर युवाओं ने प्रदर्शन भी किया. इतना ही नहीं युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई.
ये भी पढ़ेंः महेंद्र भट्ट ने कहा राजनीति कर रही कांग्रेस, उपद्रवियों को मिलेगा दंड

उत्तरकाशी में नकल विरोधी कानून के तहत पहला केस दर्ज.

देहरादूनः उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू होते ही पुलिस ने इसके तहत पहला मामला दर्ज कर लिया है. यह पहला मामला उत्तरकाशी में दर्ज हुआ है, जो कि पटवारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर अफवाह फैलाने से जुड़ा है. आरोप है कि बड़कोट निवासी एक युवक ने पेपर की सील खुलने होने की बात कहकर सवाल खड़े किए थे. जिस पर पुलिस ने युवक समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

दरअसल, सरकार अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती करने के मूड में है. इसी दिशा में पुलिस भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है. इससे पहले सरकार और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने चेतावनी दी थी कि पटवारी लेखपाल भर्ती में पेपर लीक, पेपर की सील खुली होने जैसी अफवाह फैलाने वालों पर नए नकल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

क्या था मामलाः उत्तरकाशी के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज लदाड़ी में पटवारी भर्ती परीक्षा का केंद्र बनाया गया था. जहां एक बड़कोट से परीक्षा देने पहुंचे अरुण कुमार नाम के अभ्यर्थी ने प्रश्नपत्र की सील खुली होने का आरोप लगाया था. मामले में अरुण कुमार समेत अन्य लोगों और कुछ न्यूज पोर्टल पर प्रश्न पत्र संबंधी भ्रामक वीडियो प्रसारित करने का आरोप लगा. जिनके खिलाफ पुलिस ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
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वहीं, रविवार आयोजित हुई पटवारी लेखपाल भर्ती की परीक्षा होने के बाद सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कई जगहों पर गड़बड़ी के आरोप लगे. किसी ने पेपर की सील खुली होना बताया तो किसी ने दूसरे कारण गिनाते हुए सवाल खड़े किए. इन सभी सूचनाओं के आधार पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं. नए नकल कानून के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

पथराव से संपत्ति को पहुंचा नुकसानः वहीं, छात्र आंदोलन पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जिस तरीके से गांधी पार्क के पास राजपुर रोड पर छात्रों की ओर से पथराव किया गया, उससे आम नागरिक और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. इसी को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि गांधी पार्क या उसके आसपास का क्षेत्र धरना प्रदर्शन के लिए नहीं है. रायपुर क्षेत्र में धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित की गई है, वहां पर प्रदर्शन किया जाना चाहिए.

8 जनवरी की हुई थी पटवारी परीक्षा, कल फिर से आयोजित हुईः गौर हो कि बीती 8 जनवरी को उत्तराखंड में पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा हुई थी. जो लीक हो गई थी. इसके बाद उत्तराखंड सेवा चयन आयोग ने नई तिथि का ऐलान किया. जिसके तहत 12 फरवरी को दोबारे से यह परीक्षा आयोजित कराई गई. इससे पहले बेरोजगार युवाओं ने जांच के बाद ही आयोजित कराने की मांग थी. जिसे लेकर युवाओं ने प्रदर्शन भी किया. इतना ही नहीं युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई.
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Last Updated : Feb 13, 2023, 4:11 PM IST
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