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चाइल्ड पोर्नोग्राफी: उत्तराखंड में पहली FIR दर्ज, अश्लील वीडियो सर्च करने वालों पर निगरानी - पोर्नोग्राफी मामले में देहरादून साइबर पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज..

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर उत्तराखंड पुलिस सख्त हो गई है. ऐसे में अल्मोड़ा निवासी युवक के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया गया है.

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Published : Jan 11, 2020, 12:25 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 12:57 PM IST

देहरादून: चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने उत्तराखंड का पहला मुकदमा दर्ज किया है. साइबर पुलिस ने अल्मोड़ा निवासी एक युवक के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

मामले में साइबर क्राइम सीओ शिव अंकुश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने के चलते अल्मोड़ा निवासी युवक पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत दर्ज हुए मुकदमे की जांच विवेचना के लिए इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल को नियुक्त किया गया है. मामले में आरोपी युवक से पूछताछ करने के साथ ही उसके लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल की जांच पड़ताल भी की जाएगी. विवेचना के दौरान अगर सबूत सही पाए जाते हैं तो इस मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़े: एसिड अटैक पीड़िताओं को आर्थिक मदद देगी उत्तराखंड सरकार, मंत्री रेखा आर्य ने किया ऐलान

वहीं साइबर पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपी द्वारा सोशल मीडिया में अपलोड किया गया बच्चे का वीडियो किसी दूसरे देश का मालूम हो रहा है, हालांकि इस बारे में जांच पड़ताल की जा रही है.

बता दें कि पोर्नोग्राफी के तहत अगर किसी भी तरह का कोई वीडियो सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया जाता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है. साइबर पुलिस स्टेशन सीओ अंकुश मिश्रा के मुताबिक बाल अश्लील वीडियो ब्राउज सर्च करना भी अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही किसी भी तरह का इस तरह का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करना भी अवैध गतिविधि माना जाता है. ऐसे में साइबर क्राइम पुलिस बच्चों से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो अपलोड और शेयर करने वाले मामलों की भी निगरानी शुरु कर रही है.

देहरादून: चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने उत्तराखंड का पहला मुकदमा दर्ज किया है. साइबर पुलिस ने अल्मोड़ा निवासी एक युवक के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

मामले में साइबर क्राइम सीओ शिव अंकुश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने के चलते अल्मोड़ा निवासी युवक पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत दर्ज हुए मुकदमे की जांच विवेचना के लिए इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल को नियुक्त किया गया है. मामले में आरोपी युवक से पूछताछ करने के साथ ही उसके लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल की जांच पड़ताल भी की जाएगी. विवेचना के दौरान अगर सबूत सही पाए जाते हैं तो इस मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

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वहीं साइबर पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपी द्वारा सोशल मीडिया में अपलोड किया गया बच्चे का वीडियो किसी दूसरे देश का मालूम हो रहा है, हालांकि इस बारे में जांच पड़ताल की जा रही है.

बता दें कि पोर्नोग्राफी के तहत अगर किसी भी तरह का कोई वीडियो सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया जाता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है. साइबर पुलिस स्टेशन सीओ अंकुश मिश्रा के मुताबिक बाल अश्लील वीडियो ब्राउज सर्च करना भी अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही किसी भी तरह का इस तरह का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करना भी अवैध गतिविधि माना जाता है. ऐसे में साइबर क्राइम पुलिस बच्चों से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो अपलोड और शेयर करने वाले मामलों की भी निगरानी शुरु कर रही है.

Intro:summary-प्रोनोग्राफी के तहत देहरादून साइबर पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज..


उत्तराखंड में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने पहला मुकदमा दर्ज लिया हैं। साइबर पुलिस ने अल्मोड़ा निवासी एक युवक के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

राज्य में पहली बार चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत दर्ज हुए मुकदमे के संबंध में साइबर क्राइम शिव अंकुश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने के चलते अल्मोड़ा निवासी युवक पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है।


Body:चाइल्ड प्रोनोग्राफी के तहत दर्ज हुए मुकदमे की जांच विवेचना के लिए एक इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल को नियुक्त कर दिया गया है, जिसके द्वारा आरोपी युवक से पूछताछ करने के साथ ही उसके लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल की जांच पड़ताल भी की जाएगी। विवेचना के दौरान अगर साक्ष्य सबूत सही पाए जाते हैं तो इस मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई भी अमल पर लाई जाएगी।
वही साइबर पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपी द्वारा सोशल मीडिया में अपलोड किया गया बच्चे का वीडियो किसी दूसरे देश का मालूम हो रहा है, हालांकि इस संबंध की भी जांच पड़ताल की जा रही है।

बता दें कि चाय पोर्नोग्राफी के तहत अगर किसी भी तरह का कोई वीडियो सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया जाता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। साइबर पुलिस स्टेशन सीओ अंकुश मिश्रा के मुताबिक बाल अश्लील वीडियो ब्राउजर सर्च करना भी अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही किसी भी तरह का इस तरह का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करना भी अवैध गतिविधि माना जाता है। ऐसे में साइबर क्राइम पुलिस बच्चों से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो अपलोड शेयर करने वाले मामलों की भी निगरानी कर रही हैं।


Conclusion:
Last Updated : Jan 11, 2020, 12:57 PM IST
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