देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अनुसंधान के प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई है. ये प्रशिक्षु पिछले दिनों एक दल के साथ कई देशों के भ्रमण पर था. शुक्रवार को ये दल देहरादून आया था. शनिवार को 62 प्रशिक्षु अधिकारियों के सैंपल लिए गए थे, सैंपल को जांच के लिए हल्द्वानी लैब भेजा गया था. आज रिपोर्ट मिलने के बाद एक अधिकारी में कोरोना वायरस की पुष्टि की गई है.
वहीं कोरोना वायरस को लेकर एफआरआई प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. प्रशासन ने वन अनुसंधान संस्थान ने 31 मार्च तक लोगों के भ्रमण पर रोक लगा दी है. वन अनुसंधान संस्थान के कुलसचिव ने संस्थान को बंद रखने का आदेश जारी किया है. जानकारी मिली है कि प्रशिक्षु आईएफएस को दून मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में इलाज चल रहा है.
वहीं राजधानी देहरादून में सभी कोचिंग सेंटर्स को बंद करने के आदेश दिया गया है. कोरोना वायरस के चलते 31 मार्च तक कोचिंग सेंटर नहीं खोलने के जिलाधिकारी ने आदेश दिए हैं. राज्य में स्कूल, महाविद्यालय और तमाम शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं.
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड से अब तक 25 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लैब के लिए भेजे गए हैं, इसमें से 17 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. एक रिपोर्ट में कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है. जबकि 7 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है. विदेश से प्रशिक्षण लेने के बाद 2 प्रशिक्षु में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे, जिसमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
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बता दें कि शुक्रवार देर शाम 62 ट्रेनी आईएफएस अधिकारियों का एक दल रूस, स्पेन और फिनलैंड से ट्रेनिंग लेकर देहरादून लौटा था. विदेश दौरे से लौटने वाले इन ट्रेनी आईएफएस अधिकारियों की जानकारी पहले से ही FRI ने स्वास्थ विभाग को दे दी थी. ऐसे में देहरादून सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी के नेतृत्व में काम कर रहे कोरोना के जिला नोडल अफसरों और डॉक्टरों की टीम एफआरआई पहुंची और विदेश से लौटे सभी ट्रेनें अफसरों की मेडिकल जांच की.
इस दौरान चार अफसर संदिग्ध पाए गए थे. टीम ने उनके ब्लड सैंपल जांच के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज भेजे थे. भारत में अब तक 89 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, तो वहीं दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. देश में महाराष्ट्र राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के पीड़ितों की पुष्टि की गई है, यहां आंकड़ा 31 के पार पहुंच चुका है. वहीं केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी इस खतरनाक वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं.