ऋषिकेश: गांव को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की है. योजना के तहत गांव में जलाशयों का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें मछली पालन के जरिए स्थानीय ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी है. निर्माण में मनरेगा श्रमिकों के हाथों को भी काम दिया जा रहा है.
डोईवाला ब्लॉक के कुल पांच गांव जोगीवाला माफी, खदरी खड़कमाफ, जीवनवाला, गडूल और कौडसी में सरोवर निर्मित किए जा रहे हैं. सरोवर बनने के बाद मतस्य विभाग के जरिए शुरुआत में मुफ्त मछली बीज उपलब्ध कराना योजना में शामिल है, जिससे न सिर्फ सरोवर में मछली पालन से स्थानीय ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल सकेगा, बल्कि जल संचय भी होगा. कुल 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले सरोवर का काम मनरेगा श्रमिकों के माध्यम से किया जा रहा है. जोगीवाला माफी में निर्माणाधीन सरोवर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है.
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गांव में सरोवर के आसपास सौंदर्यीकरण के साथ ही बैठने के लिए आकर्षक बेंच और पथ-प्रकाश की व्यवस्था प्रस्ताव में शामिल है. सरोवर से होगा गांव का विकास-जोगीवाला माफी के प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा के मुताबिक पंचायत की भूमि पर सौंग नदी किनारे सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसकी कुल गहराई करीब छह फीट है. जबकि, चौड़ाई 60 और लंबाई 70 मीटर है. यह सरोवर लगभग एक एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है. नदी के नजदीक होने से सरोवर में पानी की आपूर्ति आसानी हो रही है. बताया कि योजना के निर्माण से गांव की आय बढ़ेगी. मछली पालन के माध्यम से प्राप्त होने वाली धनराशि गांव के विकास पर खर्च की जाएगी. डोईवाला ब्लॉक विकास अधिकारी जगत सिंह ने बताया कि ब्लॉक के कुल पांच गांव में अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा है. इससे जल संचय के साथ ही मछली पालन से गांव की आर्थिकी भी मजबूत होगी. सभी सरोवर का कार्य लगभग अंतिम चरण में है.