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पहाड़ी जिलों के मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी को मिलेगा 50% अतिरिक्त भत्ता, जारी होगा शासनादेश

पहाड़ी जिलों के मेडिकल कॉलेजों (medical colleges of hill districts) में स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार (Cabinet Minister Dhan Singh Rawat) ने मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टी (Faculty posted in medical colleges) को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया (50 percent additional allowance) है, जिसका शासनादेश जल्द ही जारी किया जाएगा.

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Published : Sep 29, 2022, 5:00 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज (medical colleges of hill districts) अब फैकल्टी की समस्या से नहीं जूझेंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की पहल पर राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टी (Faculty posted in medical colleges) को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता (50 percent additional allowance) देने का निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश शीघ्र जारी कर दिया जायेगा. राज्य सरकार के इस फैसले से पर्वतीय क्षेत्रों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों को आवश्यकतानुसार फैकल्टी मिल सकेगी.

प्रदेश सरकार सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिये निरंतर कार्य कर रही है. इसी क्रम में राज्य कैबिनेट ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय के तहत पर्वतीय जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टीज को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिया जायेगा (50 percent additional allowance). जिससे फैकल्टी की कमी से जूझ रहे मेडिकल कॉलेजों को बड़ी राहत मिलेगी. पढ़ें- Doon Medical College की ये है असल तस्वीर, CM के निरीक्षण के बाद ETV Bharat का रियलिटी चेक

राज्य के पर्वतीय जनपदों में स्थित मेडिकल कॉलेज शुरू से ही प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी से जूझ रहे हैं. यहां विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हर बार साक्षात्कार तो किया जाता है, लेकिन सेलेक्शन के बावजूद अधिकतर विशेषज्ञ चिकित्सक इन कॉलेज में योगदान नहीं देते हैं. मेडिकल फैकल्टी की इसी कमी को दूर करने के लिये सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने एक नया विकल्प राज्य सरकार के समक्ष रखा. जिस पर उन्होंने श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज हेतु मेडिकल फैकल्टी को वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा.

राज्य कैबिनेट ने डॉक्टर रावत के प्रस्ताव पर अपनी सहमति देते हुये इसे सराहनीय पहल बताया. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विभागीय मंत्री डॉ रावत ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दे दिये हैं. जिसका शासनादेश शीघ्र जारी होने की उम्मीद है.
पढ़ें- सरकारी नुमाइंदे ही ले रहे 'प्राइवेट' सुविधा, हजार दावों पर भारी पड़ती ये हकीकत

राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार मेडिकल फैकल्टी को मिलने वाला 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मेडिकल टीचर्स डिफिसेंसी कॉम्पेन्सेटरी स्कीम के अंतर्गत दिया जायेगा, जिसके लिये संबंधित विभाग में एक कॉर्पस फंड बनाया जायेगा, जिसका संचालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा किया जायेगा. मेडिकल फैकल्टी को 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मिलने पर पूर्व में स्वीकृत 20 फीसदी डिफिकल्ट हिल एरिया एलाउंस देय नहीं होगा. विभाग को उम्मीद है कि इस नई पहल से पहाड़ के मेडिकल कॉलेजों में लम्बे समय से चली आ रही फैकल्टी की कमी दूर हो सकेगी.

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज (medical colleges of hill districts) अब फैकल्टी की समस्या से नहीं जूझेंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की पहल पर राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टी (Faculty posted in medical colleges) को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता (50 percent additional allowance) देने का निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश शीघ्र जारी कर दिया जायेगा. राज्य सरकार के इस फैसले से पर्वतीय क्षेत्रों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों को आवश्यकतानुसार फैकल्टी मिल सकेगी.

प्रदेश सरकार सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिये निरंतर कार्य कर रही है. इसी क्रम में राज्य कैबिनेट ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय के तहत पर्वतीय जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में नियमित एवं संविदा पर तैनात मेडिकल फैकल्टीज को उनके वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिया जायेगा (50 percent additional allowance). जिससे फैकल्टी की कमी से जूझ रहे मेडिकल कॉलेजों को बड़ी राहत मिलेगी. पढ़ें- Doon Medical College की ये है असल तस्वीर, CM के निरीक्षण के बाद ETV Bharat का रियलिटी चेक

राज्य के पर्वतीय जनपदों में स्थित मेडिकल कॉलेज शुरू से ही प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी से जूझ रहे हैं. यहां विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हर बार साक्षात्कार तो किया जाता है, लेकिन सेलेक्शन के बावजूद अधिकतर विशेषज्ञ चिकित्सक इन कॉलेज में योगदान नहीं देते हैं. मेडिकल फैकल्टी की इसी कमी को दूर करने के लिये सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने एक नया विकल्प राज्य सरकार के समक्ष रखा. जिस पर उन्होंने श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज हेतु मेडिकल फैकल्टी को वेतनमान के सापेक्ष 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा.

राज्य कैबिनेट ने डॉक्टर रावत के प्रस्ताव पर अपनी सहमति देते हुये इसे सराहनीय पहल बताया. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विभागीय मंत्री डॉ रावत ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दे दिये हैं. जिसका शासनादेश शीघ्र जारी होने की उम्मीद है.
पढ़ें- सरकारी नुमाइंदे ही ले रहे 'प्राइवेट' सुविधा, हजार दावों पर भारी पड़ती ये हकीकत

राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार मेडिकल फैकल्टी को मिलने वाला 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मेडिकल टीचर्स डिफिसेंसी कॉम्पेन्सेटरी स्कीम के अंतर्गत दिया जायेगा, जिसके लिये संबंधित विभाग में एक कॉर्पस फंड बनाया जायेगा, जिसका संचालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा किया जायेगा. मेडिकल फैकल्टी को 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता मिलने पर पूर्व में स्वीकृत 20 फीसदी डिफिकल्ट हिल एरिया एलाउंस देय नहीं होगा. विभाग को उम्मीद है कि इस नई पहल से पहाड़ के मेडिकल कॉलेजों में लम्बे समय से चली आ रही फैकल्टी की कमी दूर हो सकेगी.

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