देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को हाई स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ने संबंधी महत्वकांक्षी योजना को लेकर बैठक की गई. इस योजना को शीघ्र ही धरातल पर उतारने को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं एनआईसी के उच्चाधिकारियों के साथ इस पर आज विस्तार से चर्चा की. इस योजना के तहत राज्य के 105 राजकीय महाविद्यालयों एवं सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को हाई स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ा जाना है. जिस पर राज्य सरकार पहले ही निर्णय ले चुकी है.
बैठक में राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि योजना को शीघ्र लागू करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आईटीडीए को जिम्मेदारी सौंपी गई है. आईटीडीए शीघ्र ही राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में हाई स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी का काम शुरू करेगा. जिसके लिए धनराशि उच्च शिक्षा विभाग उपलब्ध कराएगा. साथ ही बताया कि सरकार की मंशा प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करना है.
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जिसमें हाई स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी, ई-ग्रंथालय, ई-बोर्ड, कम्प्यूटर लैब, आधुनिक प्रयोगशालाएं सहित 14 प्रकार की सुविधाओं से महाविद्यालयों को परिपूर्ण किया जायेगा, ताकि वर्तमान परिस्थितियों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षण एवं परीक्षा संबंधी सुविधाओं के साथ महाविद्यालयों को नैक रैंकिंग के लिए भी तैयार किया जा सके.
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शिक्षा नीति के बदलाव से गुणवत्ता में दिखेगा परिवर्तन
भारत सरकार द्वारा देश में नई शिक्षा नीति लागू करने पर उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को बधाई दी. उन्होंने कहा देश के स्कूल काॅलेजों में नई शिक्षा नीति लागू होने से शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए ये बेहद महत्वपूर्ण है.