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प्रकृति के साथ खिलवाड़ बिगाड़ न दे 'विकास' का खेल, आने वाले खतरे को लेकर वैज्ञानिक परेशान

जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदेश में उत्पन्न हो रही विषम परिस्थितियों को लेकर पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है. इस चेतावनी के अनुसार आने वाले समय में प्रदेश को कई बड़ी विपदाओं का सामना करना पड़ सकता है.

जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणविदों ने दी चेतावनी
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Published : Nov 10, 2019, 8:23 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 8:51 PM IST

देहरादून: देश दुनिया में जितनी तेजी से पर्यावरण दूषित और जलवायु परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में पर्यावरणविद् आने वाले समय में राज्य के भीतर बड़े भू-स्खलन और सुनामी की चेतावनी दे रहे हैं. इसकी वजह ये है कि बीते कुछ दशकों से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और सामजंस्य न बनाकर विकास करने का का नतीजा है कि आने वाले कुछ ही सालों में कई बड़ी विपदाएं झेलनी पड़ सकती हैं.

जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणविदों ने दी चेतावनी.

उत्तराखंड राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन और आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. लेकिन, जिस तरह से उत्तराखंड में प्रकृति के साथ खिलवाड़ और पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में वो दिन दूर नहीं है जब इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को लेकर नाराज हुईं नेता प्रतिपक्ष, सरकार को दी ये नसीहत

वहीं, पर्यावरणविद् के अनुसार, उत्तराखंड के जो बड़े शहर यानी देहरादून, उधम सिंह नगर और हल्द्वानी है. जहां लोगों की जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है, ऐसे में आने वाले समय में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 से 10 तक बढ़ जाएगा. सीधे तौर पर एयर पॉल्यूशन लोगों को प्रभावित करेगा. यही नहीं, प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह से पेड़ों का कटान हुआ है. ऐसे में आने वाले समय में भू-स्खलन से बहुत ज्यादा हानि होने वाली है. आने वाले समय में कई बड़े हिम सुनामी का भी सामना करना पड़ सकता है.

पर्यावरणविद् मनु सिंह ने बताया कि पेड़ों के कटान की वजह से जब बादल उत्तराखंड में खाली नहीं होंगे तो ठंडे क्षेत्र में एक साथ बादल के फटने जैसी घटनाएं होंगी, जिससे तबाही आएगी. वन के eco fragile system बनने में लाखों साल लग जाते हैं. यही वजह है कि अगर पेड़ों को काटकर एक पेड़ की जगह दो पेड़ भी लगाए जाएं तो वह जैव विविधता को बनाए रखने में असक्षम होते हैं.

देहरादून: देश दुनिया में जितनी तेजी से पर्यावरण दूषित और जलवायु परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में पर्यावरणविद् आने वाले समय में राज्य के भीतर बड़े भू-स्खलन और सुनामी की चेतावनी दे रहे हैं. इसकी वजह ये है कि बीते कुछ दशकों से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और सामजंस्य न बनाकर विकास करने का का नतीजा है कि आने वाले कुछ ही सालों में कई बड़ी विपदाएं झेलनी पड़ सकती हैं.

जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणविदों ने दी चेतावनी.

उत्तराखंड राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन और आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. लेकिन, जिस तरह से उत्तराखंड में प्रकृति के साथ खिलवाड़ और पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में वो दिन दूर नहीं है जब इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ सकता है.

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वहीं, पर्यावरणविद् के अनुसार, उत्तराखंड के जो बड़े शहर यानी देहरादून, उधम सिंह नगर और हल्द्वानी है. जहां लोगों की जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है, ऐसे में आने वाले समय में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 से 10 तक बढ़ जाएगा. सीधे तौर पर एयर पॉल्यूशन लोगों को प्रभावित करेगा. यही नहीं, प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह से पेड़ों का कटान हुआ है. ऐसे में आने वाले समय में भू-स्खलन से बहुत ज्यादा हानि होने वाली है. आने वाले समय में कई बड़े हिम सुनामी का भी सामना करना पड़ सकता है.

पर्यावरणविद् मनु सिंह ने बताया कि पेड़ों के कटान की वजह से जब बादल उत्तराखंड में खाली नहीं होंगे तो ठंडे क्षेत्र में एक साथ बादल के फटने जैसी घटनाएं होंगी, जिससे तबाही आएगी. वन के eco fragile system बनने में लाखों साल लग जाते हैं. यही वजह है कि अगर पेड़ों को काटकर एक पेड़ की जगह दो पेड़ भी लगाए जाएं तो वह जैव विविधता को बनाए रखने में असक्षम होते हैं.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गयी है..... 
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देश दुनिया मे जितनी तेजी से पर्यावरण दूषित और जलवायु परिवर्तन हो रहा है ऐसे में पर्यावरण विद्द आने वाले समय मे राज्य के भीतर बड़े भूस्खलन और सुनामी की चेतावनी दे रहे है। जिसकी वजह यह है कि बीते कुछ दशको से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ और सामजंस्य न बना कर विकास करने का का ही नतीजा है कि आने वाले कुछ ही सालो में कई बड़े विपदाएं झेलनी पड़ सकती है। 





Body:यू तो उत्तराखंड राज्य की अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और आपदा जैसी स्तिथि बनना आम बात है। लेकिन जिस तरह से उत्तराखंड में प्रकृति के साथ खिलवाड़ और पर्यावरण दूषित हो रहा है। ऐसे में वो दिन दूर नही जब इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ सकता है। 


वही पर्यावरण विद्द की माने तो उत्तराखंड के जो बड़े शहर यानी देहरादून, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी है जहाँ लोगो की जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ी ऐसे में आने वाले समय मे पीएम 2.5 और 10 बढ़ेगा। और सीधे तौर पर एयर पॉल्युशन लोगो को प्रभावित करेगा। यही नही प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह से पड़ो का कटान हुआ है ऐसे में आने वाले समय मे भूस्खलन से बहुत ज्यादा हानि होने वाली है। यही नही आने वाले समय मे कई बड़े हिम सुनामियों का भी सामना करना पड़ सकता है। 


साथ बताया कि पेड़ों की कटान की वजह से जब बादल उत्तराखंड की रैली में खाली नहीं होंगे तो वह ठंडे क्षेत्र में एक साथ बादल का फटना होगा जिससे तबाही मुझे की यही नहीं एक साथ बादल फटने से बर्फ भी पिघलेंगे। ऐसे में एक साथ पानी की कई श्रोत तबाही को अंजाम देंगे। साथ ही बताया कि जो वन होते हैं उसमें eco fragile system बनने में लाखों साल लग जाते हैं। यही वजह है कि अगर पेड़ों को काटकर एक पेड़ की जगह दो पेड़ भी लगाए जाएं तो वह जैव विविधता को बनाए रखने में असक्षम होते हैं।


बाइट - मनु सिंह, पर्यावरण विद्द




Conclusion:
Last Updated : Nov 10, 2019, 8:51 PM IST
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