देहरादूनः उत्तराखंड विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा (Uttarakhand Electricity Employees United Sangharsh Morcha) के बैनर तले सैकड़ों ऊर्जा कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बल्लीवाला चौक स्थित ऊर्जा भवन (urja bhawan) परिसर में सत्याग्रह किया. इस दौरान कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया. कर्मचारियों ने मांगें न माने जाने पर 26 जुलाई की रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
प्रदर्शन के दौरान ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का कहना है कि बीते 4 सालों से सभी कर्मचारी एसीपी (सुनिश्चित पदोन्नति) की पुरानी व्यवस्था, वेतन विसंगतियों और उपनल के माध्यम से तैनात कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज कर रही है. उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक अंसार उल हक का कहना है कि ऊर्जा कर्मी समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार शासन-प्रशासन से वार्ता कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है.
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उन्होंने बताया कि 22 सितंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों और सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. लेकिन आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऊर्जा निगम के कर्मचारी इससे काफी नाराज हैं. प्रदर्शन में शामिल उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (Uttarakhand Power Junior Engineer Association) के प्रांतीय महासचिव पवन रावत (Pawan Rawat) का कहना है कि सभी कर्मचारी इस बात से भी नाराज हैं कि 7वें वेतन आयोग में उनकी पुरानी चली आ रही एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. ये एसीपी व्यवस्था उत्तर प्रदेश के समय से चल रही थी.
वहीं, सत्याग्रह पर बैठे ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने शासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो आगामी 26 जुलाई को सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक महारानी बाग स्थित उत्तराखंड जल विद्युत निगम मुख्यालय में विशाल जनसभा और सत्याग्रह किया जाएगा. साथ ही उसी दिन दोपहर 3 बजे बल्लीवाला चौक स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय तक विशाल रैली निकाली जाएगी. ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने ये भी कहा कि अगर उसके बाद भी मांगें नहीं मानी गई थो 26 जुलाई की रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.