देहरादून (किरणकांत शर्मा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 27 फरवरी को उत्तराखंड आ सकते हैं. पीएम मोदी की ये यात्रा धार्मिक होगी. पीएम मोदी पहले भी कई बार उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं पर आ चुके हैं. इस बार पीएम गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन धामों न केवल पूजा अर्चना करेंगे, बल्कि उत्तरकाशी की जनता को संबोधित भी करेंगे. पीएम मोदी का ये दौरा कई मायनों में खास रहने वाला है. हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए पीएम के इस शेड्यूल में थोड़ा बदलाव आ सकता है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का बड़ा धार्मिक महत्व है. उत्तरकाशी को उत्तर की काशी भी कहा जाता है. यहां भी भगवान काशी विश्वनाथ का मंदिर का है. भगवान भोले की नगरी होने के साथ-साथ उत्तरकाशी मां गंगा और यमुना का उद्धम स्थल भी है. उत्तराखंड के चारधाम यात्रा की शुरुआत भी उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करके ही शुरू होती है.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया।
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निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री नेे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में… pic.twitter.com/qdZBrOXhPL
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मां गंगा के मायके मुखबा में आ रहे हैं. यहां पर शीतकाल में मां गंगा का पूजा अर्चना होती है. मुखबा गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये पहला दौरा होगा. मुखबा गांव से पीएम मोदी आसपास के कई गांवों को संबोधित भी करेंगे.
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- उत्तरकाशी जिला केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है.
- ये इलाका भारत-चीन सीमा पर स्थित है.
- साल 1962 के भारत-चीन युद्ध का गवाह भी रहा है उत्तरकाशी.
सीएम धामी ने पीएम मोदी से किया था शीतकालीन यात्रा पर आने का आग्रह: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर में दिल्ली दौरे पर गए थे, तभी उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. इसी दौरान सीएम धामी ने पीएम मोदी से उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा पर आने का आग्रह किया था. सीएम धामी के इस आग्रह को पीएम मोदी ने स्वीकार किया था.
आइए, आप भी प्रधानमंत्री जी के आग्रह को अपना संकल्प बनाते हुए अपने गांवों को जीवंत बनाने में अपना योगदान दें।
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 9 आग्रह नए उत्तराखण्ड का दृढ़ संकल्प। pic.twitter.com/VXDBopljm0
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जानकारी के मुताबिक, पहले तो राज्य सरकार ने पीएम मोदी के बदरीनाथ और केदारनाथ के शीतकालीनी गद्दीस्थल के कार्यक्रम की योजना बनाई थी, लेकिन पीएम मोदी ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद ही अब पीएम मोदी गंगोत्री के शीतकालीन पूजा स्थल मुखबा आ रहे हैं.
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आइए, आप भी उत्तराखण्ड भ्रमण
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पर आकर प्रधानमंत्री जी के आग्रह को अपना संकल्प बनाते हुए स्थानीय उत्पादों की खरीद कर वोकल फॉर लोकल को अपनाएं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 9 आग्रह नए उत्तराखण्ड का दृढ़ संकल्प। pic.twitter.com/UrhE6pfHUr
हर्षिल को कहा जाता है मिनी स्विट्जरलैंड: मुखबा गांव हर्षिल के पास ही पड़ता है. हर्षिल की खूबसूरती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस जगह को भारत का स्विट्जरलैंड कहते है. बर्फबारी से लदे पहाड़ और सेबों के बागन इस इलाके की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं.
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पीएम मोदी का कार्यक्रम: मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखीमठ 'मुखबा' में पीएम मोदी लगभग 35 मिनट तक पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद वह वाइब्रेंट विलेज का शुभारंभ भी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में 10 वाइब्रेंट विलेज घोषित किए हैं. इसमें उत्तरकाशी के भी दो गांव जादुंग और नेलांग शामिल हैं. इस गांव में लोगों को बसाने, होमस्टे, बिजली और पानी इत्यादि का काम लगभग एक साल से चल रहा है.
शीतकाल में मुखीमठ (मुखबा) में करें मां गंगा की पूजा-अर्चना #SheetkaleenYatra #winterpilgrimage #wintertourismuttarakhand#Uttarakhand pic.twitter.com/3aeNFYTl7E
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पर्यटन को मिलेगा बढ़वा: पीएम मोदी के दौरे के बाद जहां एक तरफ उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं हर्षिल और उसके आसपास के इलाकों में पर्यटन भी बढ़ेगा, जिससे इस इलाके में पर्यटन कारोबार के अवसर बढ़ेंगे.
सीएम धामी ने कही बड़ी बात: पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे से पहले सोमवार 24 जनवरी को सीएम धामी उत्तरकाशी पहुंचे और सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान सीएम के साथ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी मौजूद रही है.
पीएम मोदी पहली दफा इस इलाके में पहुंच रहे हैं, इसलिए कोशिश है कि उन्हें यहां की खूबसूरती के साथ-साथ यहां के महत्व और सरकार के द्वारा चल रही योजनाओं के बारे में बताया जाए.
- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री -
सीएम धामी ने ली बैठक: सीएम धामी ने बताया कि उन्होंने खुद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है. बैठक में सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है. उत्तराखंड की संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को दिखाते हुए प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही कुछ स्थानीय उत्पादन भी उस प्रदर्शनी में शामिल किए जाएंगे.
पीएम मोदी गांव और गांवों में रहने वाले लोगों के बारे में बहुत सोचते हैं. इसलिए उनको सुनाने के लिए बहुत से लोग अभी से उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये यात्रा उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को बूस्टअप देने का काम करेगी, जिसका असर साल 2026 की शाीतकालीन यात्रा पर देखने को मिलेगा, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा का आएंगे. पीएम मोदी के दौरे से उत्तराखंड स्थानीय उत्पादों और पर्यटक स्थलों को भी एक नई पहचान मिलेगी.
- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री -
पीएम मोदी के दौरे से हर्षिल के राजमा, चावल, लाल चावल, सेब और यहां के बने कपड़े को भी एक नई पहचान बनेगी. जिला उद्योग केंद्र उत्तरकाशी की महाप्रबंधक शैली डबराल की मानें तो-
कोशिश यही रहेगी कि उत्तरकाशी और उत्तराखंड से जुड़े तमाम उत्पाद पीएम को भेंट किए जाए, ताकि उनको एक नई पहचान मिल सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड की ऊन से बनी टोपी और कोर्ट पहनाया जाएगा. इसका इंतजाम भी जिला प्रशासन कर रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले पारंपरिक परिधान तैयार करवाए जा रहे हैं. इसके साथ ही भेड़ के ऊन से बना पट्टू जो गला बंद होगा, उसको भी तैयार करवाया जा रहा है. दो अलग-अलग रंगों के पट्टू तैयार करवाए जा रहे हैं.
- शैली डबराल, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र उत्तरकाशी -
नालंदा स्वयं सहायता समूह को मिली जिम्मेदारी: पीएम मोदी जो परिधान भेंट किए जाने हैं, उनको बनाने की जिम्मेदारी नालंदा स्वयं सहायता समूह को दी गई है. एक कोट बनकर तैयार हो गया है, जबकि दूसरा भी उनके दौरे से पहले बनकर तैयार हो जाएगा.
यह गर्व की बात है कि पीएम मोदी के लिए वो वस्त्र तैयार कर रहे हैं. पीएम मोदी के स्वागत के लिए पूरा उत्तरकाशी पलकें बिछाए बैठा हैं.
- भागीरथी नेगी, अध्यक्ष, स्वयं सहायता समूह नालंदा -
उत्तरकाशी से वाइब्रेट विलेज: पीएम मोदी उत्तरकाशी के जिन दो गांवों नेलांग और जादूंग वाइब्रेंट विलेज घोषित करेंगे उनका महत्व भी समझें.
ये दोनों गांव 1962 युद्ध के गवाह रहे हैं. इन दोनों गांवों की खूबसूरती लद्दाख से कम नहीं है. ये दोनों गांव उत्तरकाशी के गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आते है. 1962 की लड़ाई के बाद से ही ये दोनों गांव विरान पड़े है. तिब्बत और भारत के बीच व्यापारिक तालमेल के यह दोनों गांव सबसे बड़े गवाह हैं. इन गांव में जाने का फिलहाल एक बेहद पुराना मार्ग है, जहां पर एक छोटा सा लकड़ी का पुल बना हुआ है, जो मुख्यालय की सड़क से इन गांवों को जोड़ता है. अभी इस गांव में सेना ने अपना ठिकाना बना रखा है. 1962 के युद्ध के बाद आम नागरिकों को इस गांव तक जाने की अनुमति नहीं थी. 3 साल पहले यानी 2022 के बाद विशेष परमिट लेकर यहां पर कुछ पर्वतारोही पहुंचने लगे हैं. |
पीएम के दौरे में हो सकता है परिवर्तन: मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके अनुसार 27 फरवरी को मौसम खराब रह सकता है, इसलिए प्रशासन ने पीएम के 26 फरवरी और 28 फरवरी के दौरे के हिसाब से भी व्यवस्था कर रखी है. बीजेपी नेता आदित्य कोठारी की मानें तो अभी पीएम का शेड्यूल नहीं आया है, लेकिन व्यवस्था सभी पहलुओं पर की जा रही है.
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