ऋषिकेश: पहले तो प्रशासन सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए कार्रवाई नहीं करता है और कभी करता भी है, तो वह भी अदालत के दखल के बाद. इसमें भी भू-माफिया को कैसे अभयदान दिया जाता है. इसका उदाहरण ऋषिकेश विधानसभा की ग्रामसभा खदरी खड़कमाफ है. दावा है कि तहसील के अधिकारियों ने माफिया को बचाने के लिए हाईकोर्ट में पेश की गई अतिक्रमण संबंधी ग्रामसभाओं की सूची से खदरी खड़कमाफ का नाम ही गायब कर दिया.
प्रधान संगीता थपलियाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए, तो तहसील प्रशासन ने तर्क दिया कि गांव में सर्वे और बंदोबस्त प्रक्रिया के चलते अभिलेख उपलब्ध नहीं थे जबकि, सर्वे और बंदोबस्त प्रक्रिया के दौरान साल 2015 के हाईकोर्ट के आदेश अनुसार गांव की जमीन की रक्षा और सुरक्षा तहसील प्रशासन को ही करनी थी. बावजूद इसके अधिकारियों को क्या गांव में अतिक्रमण का पता नहीं चला? प्रधान संगीता का यह भी दावा है कि तहसील के अधिकारियों ने ऋषिकेश क्षेत्र की ग्रामसभाओं में नदी, नालों और तालाबों पर करीब साढ़े चार हेक्टेयर कब्जा दर्शाया है. हैरानी की बात यह है कि इससे कई गुना ज्यादा अतिक्रमण सिर्फ खदरी में ही है.
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बाजवूद इसके अतिक्रमण की लिस्ट में गांव का नाम ही नहीं है, जिससे कहीं न कहीं अधिकारियों की भूमिका पर संदेह पैदा होता है. उन्होंने इस बाबत एक पत्र डीएम सोनिका को भेजा है. जिसमें बताया है कि अतिक्रमण को लेकर कई वर्षों में तकरीबन 60 दफा से ज्यादा मौखिक व लिखित तौर पर अधिकारियों को अवगत कराया है. जबकि, कार्रवाई के नाम पर ग्रामसभा में अतिक्रमण का एक पत्ता तक नहीं हटा है. उन्होंने डीएम से खदरी में भी अतिक्रमण चिह्नित कर अतिशीघ्र कार्यवाही की मांग की है.
इसलिए हरकत में आया प्रशासन: हाईकोर्ट ने हाल ही में देहरादून जिले की नदियों, तालाबों और नालों पर अतिक्रमण की जांच की आदेश दिए हैं, जिसमें कब्जे हटाने के लिए की गई कार्रवाई का ब्योरा भी सरकार से तलब किया है. विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत ने 11 अक्टूबर की तारीख तय की है. लिहाजा, अदालत के फरमान के बाद से सरकारी अमला एक्शन में है, जांच के आदेश में ऋषिकेश का भी जिक्र है. यह आदेश देहरादून की पार्षद उर्मिला थापा की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया गया है.
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यह बोले डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र: एसडीएम (डिप्टी कलेक्टर) शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत संबंधित विभागों की टीम अतिक्रमण चिन्हित कर रही है. अवैध कब्जाधारियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. इसके बाद कब्जों को ध्वस्त किया जाएगा. खदरी खड़कमाफ ग्रामसभा का प्रकरण बंदोबस्त त्रुटि से जुड़ा है. यह मामला शासन में विचाराधीन है. अगर ऐसा है, तो खुद के स्तर से इसे न सिर्फ दिखवाया जाएगा, बल्कि आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.