देहरादून: उत्तराखंड में 27 जुलाई से ऊर्जा निगमों के सभी काम पूरी तरह से ठप कर दिए जाएंगे. देहरादून में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने आज हड़ताल को लेकर आगामी रणनीति पर चर्चा की. इस दौरान विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगों पर चिंतन किया गया. मांगों पर विचार न होने की स्थिति में पावर प्रोजेक्ट से लेकर तमाम दूसरी सेवाओं को ठप करने का फैसला लिया गया.
ऊर्जा निगमों के कर्मचारी 27 जुलाई से हड़ताल को लेकर दिए गए नोटिस पर आगामी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. कर्मचारियों ने सालों से लंबित 14 सूत्रीय मांगों को हर हाल में पूरा करवाने का मन बना लिया है. खास बात यह है कि इसको लेकर पहले ही प्रबंधन को नोटिस दिया जा चुका है. हड़ताल में सभी तरह की सेवाओं के साथ ही विद्युत उत्पादन को भी पूरी तरह से ठप करने का फैसला लिया गया है.
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हालांकि, कर्मचारियों के रुख को देखते हुए ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा सचिव सौजन्य को सोमवार को कर्मचारियों से बातचीत कर समस्या का हल निकालने के निर्देश दिए हैं, मगर अब कर्मचारी वार्ता की जगह अपनी मांगों पर फैसला करने पर अड़े हैं.
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विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक ने कहा उनका मोर्चा सरकार से किसी तरह के टकराव को नहीं चाहता है, लेकिन कई सालों से उनकी मांगें लंबित हैं. उस पर कोई प्रयास नहीं हुए हैं, यही नहीं बोर्ड की बैठक में हुए निर्णय पर भी फैसला नहीं किया गया. लिहाजा अब कर्मचारियों के पास हड़ताल का ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है. अब तक प्रबंधन की तरफ से भी बातचीत का कोई निमंत्रण नहीं दिया गया है, लिहाजा 27 जुलाई से हड़ताल होना तय है.