देहरादून: उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों के वेतनमान डाउनग्रेड का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राज्य कर्मचारियों की तरफ से अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन से इस संबंध में बातचीत की गई. हालांकि, इस बातचीत का कोई हल नहीं निकल पाया. अब कर्मचारियों की निगाह मुख्यमंत्री पर है.
दरअसल, खबर है कि वेतन विसंगति समिति की तरफ से वेतनमान को कम करने की सिफारिश की गई है, जिसके बाद कर्मचारियों में वेतनमान को लेकर चली आ रही विसंगति को दूर किया जा सकेगा. लेकिन कर्मचारियों में वेतनमान कम किए जाने के इस फैसले को लेकर जबरदस्त रोष है. कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि यह निर्णय मौजूदा कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. बल्कि नए भर्ती हुए कर्मचारियों को अब इसी लिहाज से वेतनमान दिया जाएगा.
पढ़ें- पढ़ें: जम्मू-श्रीनगर हाईवे यातायात के लिए आंशिक रूप से खुला, भूस्खलन से हुआ था बंद
इसके बावजूद राज्य कर्मचारी मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के इरादे से हड़ताल करने तक की चेतावनी दी हुई है. उधर अब कर्मचारियों ने आईएएस अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप भी लगा दिया है. कर्मचारियों की मानें तो सरकार को आईएएस और पीसीएस अफसरों के कैडर में कमी करनी चाहिए. साथ ही तमाम सुख-सुविधाओं में भी कमी करनी चाहिए. केवल राज्य कर्मचारियों पर वेतनमान कम करके बोझ डालना सही नहीं है.