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4 साल बाद हुई आरटीए की बैठक, ऑटो-विक्रम को सीएनजी में बदलने पर दिया गया जोर

4 साल में देहरादून में आरटीए की बैठक (RTA meeting in Dehradun after 4 years) हुई. संभागीय परिवहन प्राधिकरण की पिछली बैठक पांच मार्च 2019 को हुई थी. इसके बाद कई बार बैठक कराने का प्रयास हुआ, लेकिन हर बार यह टलती रही. अब हुई आरटीए की बैठक में ऑटो विक्रम को सीएनजी में बदलने पर जोर दिया गया है.

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4 साल बाद हुई आरटीए की बैठक
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Published : Nov 2, 2022, 12:57 PM IST

देहरादून: गढ़वाल आयुक्त ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण के साथ बैठक की. इस बैठक में कुल 46 बिंदुओं पर चर्चा की गई. जिसमें मुख्य रूप से एनजीटी के आदेश को लेकर चर्चा की गई. बैठक में ऑटो-विक्रम को सीएनजी में बदलने पर जोर दिया गया. देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की में नए रूटों को तय किए जाने पर भी विचार किया गया.

बता दें हर साल होने वाली आरटीए की बैठक इस बार करीब पौने 4 साल (RTA meeting in Dehradun after 4 years) बाद हुई है. दरअसल, संभागीय परिवहन प्राधिकरण की पिछली बैठक पांच मार्च 2019 को हुई थी. इसके बाद कई बार बैठक कराने का प्रयास हुआ, लेकिन हर बार यह टलती रही. हालांकि, साल 2019 में हुई बैठक में दून व ऋषिकेश में केवल सीएनजी आटो-विक्रम चलाने की स्वीकृति दे दी थी. इसका प्रस्ताव शासन को भी भेजा था, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी पाई.
पढ़ें- बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद यात्रा पड़ावों में छाई वीरानी

वर्तमान समय में अब सीएनजी ईंधन पंप भी यहां खुल चुके हैं, ऐसे में विभाग ने मार्च 2023 से पहले डीजल-पेट्रोल विक्रम व ऑटो को सीएनजी में बदलने की तैयारी कर ली है. खास बात यह है कि दून शहर व ऋषिकेश के साथ अब इसमें हरिद्वार को भी शामिल किया गया है. डीजल व पेट्रोल ऑटो-विक्रमों को बाहर कैसे किया जाएगा और इन्हें धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक और सीएनजी आटो-विक्रम में कैसे बदला जाए, इसको लेकर आरटीए की बैठक में भी विचार-विमर्श किया गया.
पढ़ें- 22 नवंबर से LBS प्रशासनिक अकादमी मसूरी में होगा उत्तराखंड सरकार का चिंतन शिविर

वहीं, आरटीए अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा आरटीए की बैठक में स्टेकहोल्डर्स परिवहन विभाग से जुड़े व्यवसाई के साथ ही सीएनजी ऑपरेट कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में कुछ रूट्स तय किए जाने हैं. साथ ही देहरादून हरिद्वार रुड़की पहले से काफी अधिक विकसित हुए हैं. लिहाजा इन क्षेत्रों में तमाम नए रूप से तय किया जाना है ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके.
पढ़ें- रुद्रपुर में अतिक्रमण पर चला पीला पंजा, टीम को करना पड़ा व्यापारियों के विरोध का सामना

इसके अतिरिक्त एनजीटी का जो आदेश था कि क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल किया जाए, जिसमें मुख्य रूप से सीएनजी के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था. लिहाजा इस बैठक में सीएनजी इस्तेमाल किए जाने पर भी विचार विमर्श किया गया है. ऐसे में लोक हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम निर्णय लिये जाने हैं, ताकि यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और परिवहन विभाग से जुड़े व्यवसायियों को भी इसका फायदा मिल सके.

देहरादून: गढ़वाल आयुक्त ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण के साथ बैठक की. इस बैठक में कुल 46 बिंदुओं पर चर्चा की गई. जिसमें मुख्य रूप से एनजीटी के आदेश को लेकर चर्चा की गई. बैठक में ऑटो-विक्रम को सीएनजी में बदलने पर जोर दिया गया. देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की में नए रूटों को तय किए जाने पर भी विचार किया गया.

बता दें हर साल होने वाली आरटीए की बैठक इस बार करीब पौने 4 साल (RTA meeting in Dehradun after 4 years) बाद हुई है. दरअसल, संभागीय परिवहन प्राधिकरण की पिछली बैठक पांच मार्च 2019 को हुई थी. इसके बाद कई बार बैठक कराने का प्रयास हुआ, लेकिन हर बार यह टलती रही. हालांकि, साल 2019 में हुई बैठक में दून व ऋषिकेश में केवल सीएनजी आटो-विक्रम चलाने की स्वीकृति दे दी थी. इसका प्रस्ताव शासन को भी भेजा था, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी पाई.
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वर्तमान समय में अब सीएनजी ईंधन पंप भी यहां खुल चुके हैं, ऐसे में विभाग ने मार्च 2023 से पहले डीजल-पेट्रोल विक्रम व ऑटो को सीएनजी में बदलने की तैयारी कर ली है. खास बात यह है कि दून शहर व ऋषिकेश के साथ अब इसमें हरिद्वार को भी शामिल किया गया है. डीजल व पेट्रोल ऑटो-विक्रमों को बाहर कैसे किया जाएगा और इन्हें धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक और सीएनजी आटो-विक्रम में कैसे बदला जाए, इसको लेकर आरटीए की बैठक में भी विचार-विमर्श किया गया.
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वहीं, आरटीए अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा आरटीए की बैठक में स्टेकहोल्डर्स परिवहन विभाग से जुड़े व्यवसाई के साथ ही सीएनजी ऑपरेट कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में कुछ रूट्स तय किए जाने हैं. साथ ही देहरादून हरिद्वार रुड़की पहले से काफी अधिक विकसित हुए हैं. लिहाजा इन क्षेत्रों में तमाम नए रूप से तय किया जाना है ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके.
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इसके अतिरिक्त एनजीटी का जो आदेश था कि क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल किया जाए, जिसमें मुख्य रूप से सीएनजी के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था. लिहाजा इस बैठक में सीएनजी इस्तेमाल किए जाने पर भी विचार विमर्श किया गया है. ऐसे में लोक हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम निर्णय लिये जाने हैं, ताकि यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और परिवहन विभाग से जुड़े व्यवसायियों को भी इसका फायदा मिल सके.

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