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शहीद मेजर की पत्नी ने बताई अपनी लव स्टोरी, कहा- प्यार क्या होता है ये विभूति से सिखा

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Published : Feb 19, 2019, 10:07 PM IST

कुछ ऐसी रही पुलवामा हमले का बदला लेते वक्त शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल और उनकी पत्नी की लव स्टोरी. मुश्किल वक्त में अपने पति के साथ बिताए हर पल को याद करती हैं नितिका.

जानकारी देती नितिका

देहरादून: पुलवामा हमले का बदला लेते वक्त शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. उनकी अंतिम यात्रा में मौजूद हर शख्स ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी. इस मुश्किल वक्त में अपने पति के साथ बिताए पल को याद कर नितिका भावुक हो जाती हैं. चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट और गर्व के साथ जब नितिका अपनी लव स्टोरी कैमरे पर बताती हैं तो हर किसी का दिल रो पड़ता है.

जानकारी देती नितिका


नितिका कहती हैं कि लगभग 4 साल पहले उनकी मुलाकात मेजर विभूति से दिल्ली में हुई थी. ये मुलाकात नॉर्मलथी. पहली ही मुलाकात के बाद दोनों की दोस्ती हुई. कुछ ही दिन में उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों को मालूम नहीं था कि दोस्ती एक दिन प्यार और फिर शादी में तब्दील हो जाएगी. नितिका कहती हैं कि हमारे रिश्ते में सब कुछ दोस्ती की तरह ही चला. शादी से पहले उन्हें प्यार क्या होता है, केयर क्या होती है ये मालूम नहीं था. ये सब उन्हें शादी के बाद पता चला. नितिका के मुताबिक शादी के बाद विभूति इतना बदल जाएंगे उन्हें अंदाजा नहीं था.


'विभूति ने मेरी जिंदगी बदल दी'


नितिका बताती हैं कि शादी के बाद विभूति उनकी बहुत केयर करते थे. मेजर विभूति ने ही उन्हें प्यार करना सिखाया. मूलतः कश्मीर की रहने वाली नितिका बेहद सिंपल हैं. उनका कहना है कि पहले से ही इस बात को कहते रहते थे कि तुम एक फौजी की पत्नी हो लिहाजा हर माहौल, हर हालात और हर खबर से निपटने के लिए तैयार रहो. इसी वजह से वो शायद हमेशा इसके लिए तैयार थीं.

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देहरादून: पुलवामा हमले का बदला लेते वक्त शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. उनकी अंतिम यात्रा में मौजूद हर शख्स ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी. इस मुश्किल वक्त में अपने पति के साथ बिताए पल को याद कर नितिका भावुक हो जाती हैं. चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट और गर्व के साथ जब नितिका अपनी लव स्टोरी कैमरे पर बताती हैं तो हर किसी का दिल रो पड़ता है.

जानकारी देती नितिका


नितिका कहती हैं कि लगभग 4 साल पहले उनकी मुलाकात मेजर विभूति से दिल्ली में हुई थी. ये मुलाकात नॉर्मलथी. पहली ही मुलाकात के बाद दोनों की दोस्ती हुई. कुछ ही दिन में उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों को मालूम नहीं था कि दोस्ती एक दिन प्यार और फिर शादी में तब्दील हो जाएगी. नितिका कहती हैं कि हमारे रिश्ते में सब कुछ दोस्ती की तरह ही चला. शादी से पहले उन्हें प्यार क्या होता है, केयर क्या होती है ये मालूम नहीं था. ये सब उन्हें शादी के बाद पता चला. नितिका के मुताबिक शादी के बाद विभूति इतना बदल जाएंगे उन्हें अंदाजा नहीं था.


'विभूति ने मेरी जिंदगी बदल दी'


नितिका बताती हैं कि शादी के बाद विभूति उनकी बहुत केयर करते थे. मेजर विभूति ने ही उन्हें प्यार करना सिखाया. मूलतः कश्मीर की रहने वाली नितिका बेहद सिंपल हैं. उनका कहना है कि पहले से ही इस बात को कहते रहते थे कि तुम एक फौजी की पत्नी हो लिहाजा हर माहौल, हर हालात और हर खबर से निपटने के लिए तैयार रहो. इसी वजह से वो शायद हमेशा इसके लिए तैयार थीं.

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Intro:विभिन्न प्रकार के वर्ष 2020 के बजट में सबसे ज्यादा शिक्षा पर शिक्षा के लिए रखा गया है शिक्षा के लिए क्या मैं 7642 दशमलव सेट करो विद्यालय शिक्षा और 548.3 छात्रों उच्च शिक्षा के लिए रखा गया है इस बजट के साथ राज्य सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को नया आयाम देने का उद्देश्य है


Body:शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा को प्रोत्साहन करने और आधारभूत सरचना के सृजन के प्रतिबिम्ब इस बजट में दिखाने का प्रयास किया गया है।

विभिन्न कक्षाओं में लर्निंग आउटकम को 62% से बढ़ाकर आगामी 2320 तक 80% किए जाने का लक्ष्य रखा गया है भारत सरकार की योजनाओं जैसे कि सर्व शिक्षा अभियान रमसा अध्यापक प्रशिक्षण को एकीकृत करने के लिए समग्र शिक्षा के नाम से योजना शुरू करी गई है इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 1073 करोड़ का बजट भी प्रस्तावित किया गया है

विद्यार्थियों को शिक्षा सामग्री और निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के दृष्टिगत इस बजट में 16.35 करोड की व्यवस्था की गई है प्राथमिक विद्यालयों में विकास और सुदृढ़ीकरण 7 करोड़ और माध्यमिक विद्यालय में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 10 करोड़ का बजट दिया गया है।इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 9374 राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा 2318 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए लाइब्रेरी डेवलपमेंट के लिए न राशि स्वीकृत की गई है। नाबार्ड योजना के अंतर्गत विद्यालयों और छात्रावासों के निर्माण के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा के समृद्ध क्षेत्र होने के चलते इस बजट में अन्य कई ट्रैक्टर जैसे कि कौशल विकास को भी सम्मिलित किया गया है। जिसमे कौशल विकास में पॉलिटेक्निक कॉलेजो का निर्माण। महिला कल्याण के अंतर्गत बालिका शिक्षा और पोषाहार। कौशल विकास में जिसके अंतर्गत नाबार्ड के अंतर्गत 19 क्वालिटी 19 पॉलिटेक्निक संस्थाओं के निर्माण का कार्य चल रहा है और सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2022 तक सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और महिला कल्याण पोषाहार में बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लिए 16 करोड़ का प्रावधान और प्राइमरी शिक्षा में पोषाहार सहायता के राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत 186 करोड़ की धन राशि का प्रावधान इस बजट में रखा गया है।






Conclusion:राज्य में युवाओं को शिक्षित कर उनका कौशल विकास करना हर एक सरकार और राज्य की पहली प्राथमिकता होती है। ऐसे में सरकार ने एजुकेशन सेक्टर में भारी भरकम बजट दे कर अपनी मंशा को तो साफ किया है लेकिन मंशा पर सवाल तब खड़े होते हैं जब पहाड़ों में शिक्षा की वास्तविक तस्वीर निकल कर सामने आती है। आज भी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों से लेकर आधारभूत संरचना तक कई व्यवहारिक दिक्खते हैं। ऐसे में केवल एक बड़े बजट की औपचारिकता कर अपनी जिम्मेदारियों से भागा नहीं जा सकता है। सरकार को चाहिए कि बजट के साथ साथ नीतिगत और व्यवहारिक तौर से भी विभाग पर ध्यान दिया जाए।
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