मसूरी: ऐतिहासिक शहीद स्थल पिछले तीन दिनों से अंधेरे में डूबा हुआ है. दरअसल विद्युत विभाग द्वारा शहीद स्थल की बिजली को काट दिया गया है. जिसको लेकर राज्य आंदोलनकारी और शहीदों के परिजनों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि आज दुर्भाग्य है कि उत्तराखंड को बनाने वाले शहीदों का मंदिर अंधेरे में डूबा हुआ है.
राज्य आंदोलनकारी और शहीदों के परिजनों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा शहीद स्थल पर बिजली की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे शहीद स्थल अंधेरे में है. मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि शहीद स्थल और शहीद स्मारकों के रखरखाव का काम स्थानीय प्रशासन और पालिका द्वारा किया जाएगा. नगर पालिका द्वारा पिछले 6 महीने से शहीद स्थल का काम शुरू किया गया था, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हो पाया है. जिसको किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मसूरी कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि शहीदों का मंदिर कहे जाने वाले मसूरी शहीद स्थल पर 6 शहीदों ने अपनी शहादत देकर उत्तराखंड की नींव रखी थी. आज वही मंदिर अंधेरे में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर शहीद स्थल पर विद्युत सेवा को शुरू नहीं किया गया, तो कांग्रेस आंदोलन करेगी. भाजपा सरकार में शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों का कोई सम्मान नहीं है.
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विद्युत विभाग के एसडीओ पंकज थपलियाल ने बताया कि मसूरी के शहीद स्थल पर बिजली का कनेक्शन ही नहीं लिया गया है, लेकिन फिर भी विद्युत विभाग द्वारा कार्यक्रम के दौरान विद्युत सेवा दी जाती है. उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग के पास शहीद स्थल की देखरेख की जिम्मेदारी है. ऐसे में संस्कृति विभाग को पत्राचार कर कनेक्शन लेने के लिए कहा गया है. इसके बाद ही विद्युत सेवा शहीद स्थल पर बहाल हो पाएगी. उनको पता नहीं है कि मुख्यमंत्री द्वारा शहीद स्मारकों और शहीद स्थल पर निशुल्क विद्युत सेवा देने के लिए कहा गया है.
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