देहरादून: नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद ऊर्जा विभाग ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए विद्युत उपभोग की दरें और यूनिट तय कर दी हैं. जिसे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2020 से लागू किया जाएगा. ऐसे में ऊर्जा विभाग के इस फैसले का ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों के 7000 से ज्यादा कर्मियों और पेंशनधारकों पर असर पड़ेगा.
बता दें, ऊर्जा विभाग द्वारा लिए गए फैसले के तहत अब ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रतिवर्ष 6000 से लेकर 9000 यूनिट बिजली ही सस्ती दरों में मिल पाएगी. इसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 6000 और इससे ऊपर के अधिकारियों और कर्मचारियों को 9000 यूनिट बिजली ही हर साल सस्ती दरों में मिल पाएगी. वहीं, इससे अधिक बिजली का इस्तेमाल करने पर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सामान्य उपभोक्ताओं के उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) द्वारा निर्धारित सामान्य विद्युत टैरिफ के तहत ही बिजली का बिल चुकाना होगा.
वहीं, ऊर्जा विभाग की ओर से यह फैसला भी लिया गया है कि अप्रैल 2020 के बाद तीनों निगम में भर्ती होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्ती बिजली की सुविधा नहीं दी जाएगी. जिसका उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा लगातार विरोध कर रहा है.
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ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बीते कई सालों से मुफ्त के भाव मिल रही अनलिमिटेड बिजली को लेकर देहरादून आरटीआई क्लब की ओर से हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को मुफ्त के भाव मिल रही बिजली को बंदकर कैपिंग निर्धारित कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया था.