देहरादूनः सूबे में कोरोना संकट के बीच कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. ऐसे में स्कूलों में किस तरह की व्यवस्थाएं हैं और क्या कुछ छात्रों को दिक्कतें हो रही हैं, इसे लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से संवाद किया. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 500 वर्चुअल क्लासरूम युक्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य, अध्यापक और कक्षा 10वीं व 12वीं के अध्ययनरत छात्र इसमें शामिल हुए. अरविंद पांडे ने स्कूल खोलने के निर्णय पर सकारात्मक परिणाम आने की बात कही.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने संवाद के दौरान छात्रों, अध्यापकों की विद्यालयों में कोविड-19 महामारी से सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुना. साथ ही विद्यालयों के समय, फर्नीचर, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, ऑनलाइन पढ़ाई, पाठ्यक्रम, पठन-पाठन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर वार्ता की. अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की समीक्षा भी की. वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में पहले चरण में विद्यालय खुलने पर समस्त छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि भयमुक्त होकर विद्यालय आएं. सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करें. अरविंद पांडे ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के उन्नयन के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है.
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वहीं, अरविंद पांडे ने बताया कि कोविड-19 की वजह से कई महीने तक स्कूल बंद रहे हैं. हालांकि, स्कूलों को खोलना, राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन राज्य सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रदेश के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया. स्कूल खुलने के बाद उन्होंने प्रदेश के दसवीं और बारहवीं के बच्चों के साथ ही अध्यापकों से संवाद किया है. साथ ही बताया कि सभी जगहों से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. छात्रों ने भी 10वीं और 12वीं के बाद अब नौवीं और 11वीं कक्षा के लिए भी स्कूल खोले जाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की समस्या काफी बड़ी है. इसे देखते हुए प्रदेश के राजकीय स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, अभी राजकीय स्कूल खुल गए हैं, ऐसे में जो शासन के निर्देश हैं, उन निर्देशों के अनुरूप जल्द ही निजी स्कूल भी खुल जाएंगे. साथ ही कोविड-19 की समस्या को लेकर समीक्षा की जाएगी. जिसके बाद ही जो शिक्षा के हित में निर्णय होगा, वह लिया जाएगा.