देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में बीते 27 जुलाई को एक युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने परिसर में हंगामा और तोड़फोड़ की की थी. जिसकी जांच को लेकर जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंप दी जाएगी. यदि इस मामले में अस्पताल की किसी कर्मचारी या डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि दून के किशननगर, सैय्यद मोहल्ला निवासी रेवती रमन की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद गुस्साए परिजनों ने दून अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेज, कुर्सियां और गमले तोड़ डाले थे. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.
जिसके बाद मामले की जांच पड़ताल के लिए प्रबंधन की ओर से समिति का गठन किया गया है. जांच अधिकारी के तौर पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एन एस खत्री को अस्पताल में हुए हंगामे और तोड़फोड़ की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांच के दौरान यदि अस्पताल की तरफ से किसी कर्मचारी या चिकित्सक की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि सोमवार तक जांच रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी जाएगी.
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दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और जांच अधिकारी डॉ. एन एस खत्री ने बताया कि बीती 27 जुलाई को दून अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष में आक्रोशित परिजनों और डाक्टरों के बीच मारपीट का प्रकरण हुआ था. जिसके बाद इस मामले की जांच के लिये दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के निर्देशानुसार उन्हें बतौर जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही घटना के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात ईएमओ समेत सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंपी जाए.