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दून मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ मामले की होगी जांच, युवक की मौत पर हुआ था हंगामा

बीतें 27 जुलाई को एक युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने परिसर में हंगामा और तोड़फोड़ की की थी. जिसकी जांच को लेकर जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंप दी जाएगी. जांच के दौरान यदि अस्पताल की तरफ से किसी कर्मचारी या चिकित्सक की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Aug 2, 2019, 12:25 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 1:08 PM IST

जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री.

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में बीते 27 जुलाई को एक युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने परिसर में हंगामा और तोड़फोड़ की की थी. जिसकी जांच को लेकर जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंप दी जाएगी. यदि इस मामले में अस्पताल की किसी कर्मचारी या डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.

जानकारी देते जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री.

बता दें कि दून के किशननगर, सैय्यद मोहल्ला निवासी रेवती रमन की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद गुस्साए परिजनों ने दून अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेज, कुर्सियां और गमले तोड़ डाले थे. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

जिसके बाद मामले की जांच पड़ताल के लिए प्रबंधन की ओर से समिति का गठन किया गया है. जांच अधिकारी के तौर पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एन एस खत्री को अस्पताल में हुए हंगामे और तोड़फोड़ की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांच के दौरान यदि अस्पताल की तरफ से किसी कर्मचारी या चिकित्सक की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि सोमवार तक जांच रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी जाएगी.

ये भी पढ़े: गजबः विकास कार्यों के लिए मिले पैसों को खर्च नहीं कर सका ऋषिकेश नगर निगम, हुआ लैप्स

दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और जांच अधिकारी डॉ. एन एस खत्री ने बताया कि बीती 27 जुलाई को दून अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष में आक्रोशित परिजनों और डाक्टरों के बीच मारपीट का प्रकरण हुआ था. जिसके बाद इस मामले की जांच के लिये दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के निर्देशानुसार उन्हें बतौर जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही घटना के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात ईएमओ समेत सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंपी जाए.

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में बीते 27 जुलाई को एक युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने परिसर में हंगामा और तोड़फोड़ की की थी. जिसकी जांच को लेकर जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंप दी जाएगी. यदि इस मामले में अस्पताल की किसी कर्मचारी या डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.

जानकारी देते जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री.

बता दें कि दून के किशननगर, सैय्यद मोहल्ला निवासी रेवती रमन की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद गुस्साए परिजनों ने दून अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेज, कुर्सियां और गमले तोड़ डाले थे. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

जिसके बाद मामले की जांच पड़ताल के लिए प्रबंधन की ओर से समिति का गठन किया गया है. जांच अधिकारी के तौर पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एन एस खत्री को अस्पताल में हुए हंगामे और तोड़फोड़ की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांच के दौरान यदि अस्पताल की तरफ से किसी कर्मचारी या चिकित्सक की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि सोमवार तक जांच रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी जाएगी.

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दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और जांच अधिकारी डॉ. एन एस खत्री ने बताया कि बीती 27 जुलाई को दून अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष में आक्रोशित परिजनों और डाक्टरों के बीच मारपीट का प्रकरण हुआ था. जिसके बाद इस मामले की जांच के लिये दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के निर्देशानुसार उन्हें बतौर जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही घटना के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात ईएमओ समेत सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंपी जाए.

Intro: बीती 27 जुलाई को दून मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों और रिश्तेदारों के हंगामे और तोड़फोड़ की घटना की जांच को लेकर जांच अधिकारी डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंप दी जाएगी।
summary- दून अस्पताल में हुई तोड़फोड़ में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था । लेकिन दून अस्पताल प्रबंधन हर पहलू को ध्यान में रखते हुए इस मामले की अपने स्तर से जांच कर रहा है, यदि इस मामले में अस्पताल की किसी कर्मचारी या डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।


Body:दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और जांच अधिकारी डॉ एन एस खत्री का कहना है कि बीती 27 जुलाई को दून अस्पताल की इमरजेंसी में मार पिटाई का प्रकरण हुआ था । उन्होने कहा कि देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में इस प्रकार की घटनाएं घटने लगी है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले की जांच के लिये दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना के निर्देशानुसार उन्हें बतौर जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, मार पिटाई को लेकर जांच जारी है और उस दौरान इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात ईएमओ समेत सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच अधिकारी के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट आगे सौंपी जाए।
बाईट-डॉ एनएस खत्री,जांच अधिकारी


Conclusion:बता दे कि दून के किशननगर,सैय्यद मोहल्ला निवासी रेवती रमन की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद गुस्साए परिजनों ने दून अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेज ,कुर्सियां और गमले तोड़ डाले थे। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। उधर मामले की जांच पड़ताल के लिए प्रबंधन की ओर से समिति का गठन किया गया है, जांच अधिकारी के तौर पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एन एस खत्री को अस्पताल में हुए हंगामे और तोड़फोड़ की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच के दौरान यदि अस्पताल की तरफ से किसी कर्मचारी या चिकित्सक की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है। संभवतः आगामी सोमवार तक रिपोर्ट तैयार करके अस्पताल प्रबंधन को सौंप दी जाएगी।
Last Updated : Aug 2, 2019, 1:08 PM IST
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