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दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामला, प्रबंधन ने कहा- ऐसे कुछ नहीं हुआ

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Published : Sep 18, 2021, 4:24 PM IST

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों ने रैगिंग को लेकर शिकायत की थी. इस मामले में अपनी पहचान छिपाते हुए कुछ छात्रों ने एक शिकायती पत्र मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को लिखा था. हालांकि प्रबंधन का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

दून मेडिकल कॉलेज
दून मेडिकल कॉलेज

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का जो मामला सामने आया था, उसे कॉलेज प्रशासन ने गलत बताया है. कॉलेज प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि यहां पर किसी भी छात्र के साथ रैगिंग नहीं की गई है. हालांकि छात्रों के शिकायती पत्र के चलते अभी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग को लेकर शिकायत की थी. इस मामले में अपनी पहचान छिपाते हुए कुछ छात्रों ने एक शिकायती पत्र मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को लिखा था. इसके बाद पूरे कॉलेज में हड़कंप मच गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की तरफ से अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी गई और फौरन दोषी छात्रों पर कार्रवाई के आदेश दिए.

पढ़ें- विदेश में नौकरी करना चाहता था देहरादून का युवक, कंसल्टेंसी ने ठगे 3 लाख

हालांकि अब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना इस सूचना को गलत करार दे रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का यह बयान मौजूदा शिकायत को लेकर संतोषजनक माना जा सकता है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिरकार इस तरह की शिकायतें बार-बार क्यों मिलती रही हैं और हर बार इस शिकायतें गलत क्यों साबित हो रही हैं? या तो इसे किसी की शैतानी माना जाए, या फिर वाकई मेडिकल कॉलेज में इस तरह की रैगिंग की जा रही है, जिसे सार्वजनिक होने के डर से प्रबंधन आखिरकार छिपा देता है.

देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का जो मामला सामने आया था, उसे कॉलेज प्रशासन ने गलत बताया है. कॉलेज प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि यहां पर किसी भी छात्र के साथ रैगिंग नहीं की गई है. हालांकि छात्रों के शिकायती पत्र के चलते अभी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग को लेकर शिकायत की थी. इस मामले में अपनी पहचान छिपाते हुए कुछ छात्रों ने एक शिकायती पत्र मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को लिखा था. इसके बाद पूरे कॉलेज में हड़कंप मच गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की तरफ से अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी गई और फौरन दोषी छात्रों पर कार्रवाई के आदेश दिए.

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हालांकि अब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना इस सूचना को गलत करार दे रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का यह बयान मौजूदा शिकायत को लेकर संतोषजनक माना जा सकता है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिरकार इस तरह की शिकायतें बार-बार क्यों मिलती रही हैं और हर बार इस शिकायतें गलत क्यों साबित हो रही हैं? या तो इसे किसी की शैतानी माना जाए, या फिर वाकई मेडिकल कॉलेज में इस तरह की रैगिंग की जा रही है, जिसे सार्वजनिक होने के डर से प्रबंधन आखिरकार छिपा देता है.

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