देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न जिलों की जिला कल्याण समितियां (District Welfare Committee) एएनएम भर्ती को लेकर तैयारियों में जुट गई हैं. एनएचएम (National Health Mission) की तरफ से जारी आदेश के क्रम में विभिन्न जिलों के स्तर पर इस भर्ती को पूरा करवाया जाना है. फिलहाल जिला स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारी ढांचागत व्यवस्थाओं और जरूरतों के लिहाज से भर्ती से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करेंगे.
देहरादून समेत विभिन्न जिलों को एएनएम और नर्सेज भर्ती के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त हो गए हैं. एनएचएम (National Health Mission) की तरफ से जारी हुए निर्देशों के बाद जिलों में इस पर होमवर्क शुरू किया जा रहा है.
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बता दें राजधानी देहरादून में कुल 44 पद हैं. इनमें 4 नर्स के पद हैं. जिसके अंतर्गत विचार के बाद विभिन्न पदों के सापेक्ष विज्ञप्ति जारी की जाएगी. वैसे आपको बता दें कि राज्य भर में एएनएम के 408, स्टाफ नर्स के 94 पद स्वीकृत हैं, जिनको प्रसव केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों और रेफरल यूनिट में तैनात किया जाना है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के तहत जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (Janani Shishu Suraksha Program) में महिलाओं और बच्चों को निशुल्क सेवाएं देने के लिए देशभर में इस कार्यक्रम को चलाया जा रहा है. इसी के तहत उत्तराखंड में भी विभिन्न केंद्रों में इन सेवाओं को बेहतर करने के लिए स्टाफ की भर्ती की जा रही है. यह भर्ती एएनएम और नर्सेज के खाली पदों के लिए संविदा पर की जाएगी.
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उत्तराखंड में विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रम के मद्देनजर एनएचएम से करीब 500 नर्सिंग स्टाफ कार्यरत हैं. विभिन्न योजनाओं में प्रदेशभर के पीएचसी सीएचसी समेत वैलनेस सेंटर पर भी यह कर्मी फिलहाल ड्यूटी दे रहे हैं. प्रदेश में दूसरी तरफ करीब 2000 पदों के लिए स्टाफ नर्स की भर्ती भी होने जा रही है. इस तरह राज्य में नर्सों की चली आ रही कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा. राज्य सरकार की कोशिश है कि स्वास्थ्य को लेकर तय मानकों के हिसाब से स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की जाए.
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दूसरी तरफ प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को भी दूर करने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य बोर्ड की तरफ से नियुक्तियों के प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दिनों 200 से ज्यादा चिकित्सकों की नियुक्ति की गई थी, जबकि भविष्य में कुछ और चिकित्सकों की नियुक्ति की भी तैयारियां की जा रही हैं.
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उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजेस में भी स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर, मेडिकल स्टाफ को उपनल के जरिए भर्ती किया जा रहा है. इसमें कैंट अस्पताल से लेकर दून मेडिकल कॉलेज और प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेज में भी स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए इन भर्तियों की प्रक्रिया लगातार चल रही है. इसके लिए उपनल में रजिस्टर्ड युवाओं को मेडिकल कॉलेज में तैनाती दी जा रही है.