ETV Bharat / state

नैनीताल HC में धर्म संसद हेट स्पीच मामले की सुनवाई, कोर्ट ने खारिज की वसीम रिजवी की जमानत याचिका - Nainital high court latest news

इस मामले की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, नरसिंहानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अस्वनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया था.

Wasim Rizvi bail plea dismissed by nainital high court
आरोपी वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज
author img

By

Published : Mar 8, 2022, 6:24 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 7:39 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने इनकी जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है.

इस मामले में नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर को धर्म संसद का आयोजन किया. जिसमें मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

साथ ही जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानन्द व अन्य ने इन भड़काऊ भाषणों के विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिये. जिसके बाद इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी भी हुई. साथ ही प्रबोधानंद गिरी ने हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रयास भी किया.

पढ़ें- स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी ने HC में पेश की रिपोर्ट, कोर्ट ने सरकार से मांगा शपथ-पत्र

वहीं, नदीम की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, नरसिंहानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. वहीं, आज इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारीज कर दिया.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने इनकी जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है.

इस मामले में नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर को धर्म संसद का आयोजन किया. जिसमें मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.

साथ ही जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानन्द व अन्य ने इन भड़काऊ भाषणों के विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिये. जिसके बाद इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी भी हुई. साथ ही प्रबोधानंद गिरी ने हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रयास भी किया.

पढ़ें- स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी ने HC में पेश की रिपोर्ट, कोर्ट ने सरकार से मांगा शपथ-पत्र

वहीं, नदीम की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी, नरसिंहानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. वहीं, आज इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारीज कर दिया.

Last Updated : Mar 8, 2022, 7:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.