देहरादून: जनपद हरिद्वार में रियल एस्टेट बिल्डर से अवैध वसूली और धमकाने के आरोप में एक सब इंस्पेक्टर को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने तत्काल प्रभाव से हटाते हुए सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं, पूरे मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को सौंपी गई है.
सब इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली का आरोप: जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार के एक बिल्डर को फोन पर धमकाकर अवैध वसूली करने वाले एसआई का नाम भवानी शंकर पंत हैं, जो डेपुटेशन पर पीटीसी नरेंद्र नगर में तैनात है. सब इंस्पेक्टर भवानी शंकर पंत पर आरोप है कि इन्होंने हरिद्वार के बिल्डर को फोन पर धमकी देकर बिल्डिंग के काम रोकने और अवैध वसूली की डिमांड की. इसके साथ ही आरोपी दारोगा ने फोन पर मैसेज भेजकर बिल्डर को उगाही के लिए भी धमकाया.
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पीड़ित ने DGP को सौंपे सुबूत: पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित बिल्डर ने डीजीपी अशोक कुमार के सामने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अवैध वसूली और धमकाने के मामले में सब इंस्पेक्टर भवानी शंकर पंत के खिलाफ शिकायत की. शिकायतकर्ता ने डीजीपी के समक्ष आरोपी दारोगा द्वारा धमकाने की फोन कॉल रिकॉर्डिंग डिटेल और मैसेज भी पेश किए.
ऐसे में बिल्डर के प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक सुबूत देखने के बाद उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar has suspended sub inspector) ने आरोपी सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर एसटीएफ को विस्तृत जांच सौंप दी है.
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गौर हो कि 30 नवंबर 2020 से वर्तमान तक पिछले एक वर्ष में DGP द्वारा कुल 310 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है, जिसमें अब तक 292 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया. वहीं, इस दौरान 14 से अधिक कर्मियों को लाइन हाजिर भी किया गया है. पुलिस की छवि को दागदार करने वाले 4 पुलिसकर्मियों को इस दौरान नौकरी तक से बर्खास्त भी किया गया.