ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आपदा व दुर्घटनाओं में घायलों हुए लोगों के त्वरित उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से पहुंचाने के उद्देश्य से बने हेलीपैड को डीजीसीए ने रेग्युलर हवाई ऑपरेशन के लिए अनुमति दे दी है. अब एम्स हेलीपैड पर उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश के किसी भी हिस्से से आने वाली हेली सेवा की लैंडिंग संभव हो सकेगी.
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा चिकित्सा संस्थान है, जिसमें एयर एंबुलेंस की लैंडिंग के लिए निजी हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध है. इस हेलीपैड में डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की एनओसी के बाद बीते माह सफलतापूर्वक ट्रायल लैंडिंग की गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 अगस्त-2020 को हेलीपैड का विधिवत उद्घाटन किया था.
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हेलीपैड पर रेग्युलर हवाई ऑपरेशन के लिए डीजीसीए से एसओपी की दरकार थी, जो हाल में एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत के प्रयासों व मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव की गाइडेंस में डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन से एम्स संस्थान को मिल चुकी है.
निदेशक एम्स प्रो. रविकांत ने बताया कि राज्य में होने वाली आपदाओं, सड़क दुर्घटना में घायलों व सुदूर पहाड़ी इलाकों से गंभीर बीमार मरीजों की चिकित्सा सेवा के लिए एम्स संस्थान राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग करने को प्रतिबद्ध है. एम्स में बनाए गए हेलीपैड को नियमित रूप से हवाई संचालन के लिए डीजीसीए की अनुमति मिल गई है. जिससे मरीजों के तत्काल उपचार में सहूलियत मिलेगी.
एम्स हेली सर्विसेस के इंचार्ज डा. मधुर उनियाल ने बताया की अब मरीजों को आईडीपीएल हेलीपैड पर उतारने से होने वाले विलंब व पेशेंट ट्रांस्पोर्टेशन से गंभीर मरीजों को होने वाले खतरों से निजात मिलेगी.