देहरादून: शांतिकुंज प्रमुख पर लगे दुष्कर्म के आरोप को लेकर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से बड़ा बयान सामने आया है. शांतिकुंज जैसे बड़े संस्थान प्रमुख के खिलाफ निष्पक्ष जांच पर उठे सवाल के जवाब में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि आजतक किसी भी दबाव को नहीं माना गया हैं. ऐसे दबाव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि आरोपों के आधार पर कानूनानुसार मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी.
एक विशेष टीम करेगी निष्पक्ष जांच
इस मामले में महानिदेशक अशोक कुमार ने साफ़ तौर पर कहा कि अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला ने दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई है. अगले दो से तीन दिनों में एफआईआर ट्रांसफर होकर हरिद्वार के संबंधित थाने में दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी को निर्देशित किया गया है. इस संबंध में तथ्यों के आधार एक विशेष टीम द्वारा पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी.
उधर, शांतिकुंज जैसे विश्व विख्यात संस्था के अध्यक्ष के खिलाफ निष्पक्ष जांच को लेकर उठे सवालों पर जवाब देते हुए डीजी अशोक कुमार ने कहा कि किसी भी तरह के दबाव में आने का सवाल ही पैदा नहीं होता. साक्ष्य और सबूतों के आधार पर हर हाल में निष्पक्ष रूप से जांच होगी, वे इस बात की गारंटी लेते हैं.
हालांकि डीजी अशोक कुमार ने निष्पक्ष जांच पर सवाल उठाने वाले लोगों को जवाब देते हुए कहा कि ऐसे तो इस घटना पर 10 साल बाद ही क्यों मुकदमा दर्ज कराया गया है, ऐसे तो कई तरह के अन्य सवाल भी उठते हैं. लेकिन उत्तराखंड पुलिस इस मामले में जांच, सबूत और पर्याप्त तथ्यों के आधार पर हर हाल में निष्पक्ष जांच की जाएगी.
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बता दें कि देश देश-विदेश में आध्यात्मिक संस्था गायत्री परिवार शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ मूल रूप से छत्तीसगढ़ की रहने वाली एक युवती ने 10 साल पहले शांतिकुंज संस्थान में बलात्कार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के विवेक विहार थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कराई हैं. शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया है कि 2010 में शांतिकुंज के अध्यक्ष ने संस्थान में सेवाभाव कार्य के दौरान एक दिन दोपहर में उसके साथ बलात्कार किया था.
इस घटना के वक्त पीडिता की उम्र 14 साल की थी. पीड़ित महिला के मुताबिक, दुष्कर्म की घटना के बाद संस्थान अध्यक्ष ने मुंह बंद करने की धमकी देते हुए उसे जबरन गांव भेज दिया था. पीड़िता के मुताबिक, हाल ही में जब निर्भया के बलात्कारियों को फांसी की सजा मिली. इसी घटना के बाद उसके अंदर हिम्मत आई और अब उसने दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराने की हिम्मत की.