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EXCLUSIVE: अवैध खनन मामले में DFO दीपक सिंह की चिट्ठी से हड़कंप, सवालों के घेरे में मंत्री हरक

लैंसडाउन वन प्रभाग से हटाए गए डीएफओ दीपक सिंह की चिट्ठी ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है. उधर, डीएफओ पर हुई कार्रवाई के चलते वन मंत्री हरक सिंह रावत सवालों के घेरे में आ गए हैं.

Minister Harak Singh Rawat
मंत्री हरक सिंह रावत
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Published : Dec 27, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 6:29 PM IST

देहरादून: हाल ही में लैंसडाउन वन प्रभाग से हटाए गए डीएफओ दीपक सिंह की चिट्ठी ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल चिट्ठी में दीपक सिंह ने खुद को हटाए जाने के पीछे वजह और डीएफओ रहते कई राजनीतिक दबाव और धमकियां मिलने की बात लिखी है. उधर इस आईएफएस अधिकारी पर हुई कार्रवाई और चिट्ठी सामने आने के बाद वन मंत्री हरक सिंह रावत भी सवालों के घेरे में आ गए हैं.

लैंसडाउन वन प्रभाग से वन मंत्री हरक सिंह रावत ने तत्कालीन डीएफओ दीपक सिंह पर अवैध खनन करवाने के आरोप में उन्हें वन मुख्यालय अटैच कर दिया है. वहीं, अब आईएफएस अधिकारी दीपक सिंह ने खुद को हटाए जाने को लेकर एतराज जताया है.

DFO दीपक सिंह की चिट्ठी से हड़कंप.

दीपक सिंह ने मंत्री हरक सिंह का नाम लिखे बिना चिट्ठी में साफ किया है कि उन्हें राजनीतिक दबाव और धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में कुछ दूसरे काम रोकने के चलते भी उन्हें निशाना बनाया गया है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में साफ किया कि उनके खिलाफ ना तो कोई जांच में तथ्य सामने आए हैं और ना ही कोई गंभीर बात कही गई है. इसके बावजूद भी उन्हें बिना तथ्यों के ही डीएफओ पद से हटाने के आदेश कर दिए गए हैं. जाहिर है डीएफओ रहे दीपक सिंह की इस चिट्ठी के सामने आने के बाद वन विभाग में भी हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ें: रक सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन, मंत्री ने डीएफओ के खिलाफ लिया एक्शन

उधर, वन मंत्री ने भी इस मामले पर अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए साफ किया है कि न केवल इस मामले में जांच के बाद अवैध खनन होना पाया गया है और जांच टीम ने भी इसकी पुष्टि की है. इसके साथ ही उस समय डीएफओ रहे दीपक सिंह ने भी अवैध खनन होने की बात स्वीकारी है. लिहाजा कोई भी गलत आदमी खुद की गलती नहीं मानता और यही स्थिति इस मामले में भी दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के आदेश दोबारा से किए गए हैं और इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

देहरादून: हाल ही में लैंसडाउन वन प्रभाग से हटाए गए डीएफओ दीपक सिंह की चिट्ठी ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल चिट्ठी में दीपक सिंह ने खुद को हटाए जाने के पीछे वजह और डीएफओ रहते कई राजनीतिक दबाव और धमकियां मिलने की बात लिखी है. उधर इस आईएफएस अधिकारी पर हुई कार्रवाई और चिट्ठी सामने आने के बाद वन मंत्री हरक सिंह रावत भी सवालों के घेरे में आ गए हैं.

लैंसडाउन वन प्रभाग से वन मंत्री हरक सिंह रावत ने तत्कालीन डीएफओ दीपक सिंह पर अवैध खनन करवाने के आरोप में उन्हें वन मुख्यालय अटैच कर दिया है. वहीं, अब आईएफएस अधिकारी दीपक सिंह ने खुद को हटाए जाने को लेकर एतराज जताया है.

DFO दीपक सिंह की चिट्ठी से हड़कंप.

दीपक सिंह ने मंत्री हरक सिंह का नाम लिखे बिना चिट्ठी में साफ किया है कि उन्हें राजनीतिक दबाव और धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में कुछ दूसरे काम रोकने के चलते भी उन्हें निशाना बनाया गया है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में साफ किया कि उनके खिलाफ ना तो कोई जांच में तथ्य सामने आए हैं और ना ही कोई गंभीर बात कही गई है. इसके बावजूद भी उन्हें बिना तथ्यों के ही डीएफओ पद से हटाने के आदेश कर दिए गए हैं. जाहिर है डीएफओ रहे दीपक सिंह की इस चिट्ठी के सामने आने के बाद वन विभाग में भी हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ें: रक सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन, मंत्री ने डीएफओ के खिलाफ लिया एक्शन

उधर, वन मंत्री ने भी इस मामले पर अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए साफ किया है कि न केवल इस मामले में जांच के बाद अवैध खनन होना पाया गया है और जांच टीम ने भी इसकी पुष्टि की है. इसके साथ ही उस समय डीएफओ रहे दीपक सिंह ने भी अवैध खनन होने की बात स्वीकारी है. लिहाजा कोई भी गलत आदमी खुद की गलती नहीं मानता और यही स्थिति इस मामले में भी दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के आदेश दोबारा से किए गए हैं और इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

Last Updated : Dec 27, 2021, 6:29 PM IST
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