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बजट खर्च में फिसड्डी हैं उत्तराखंड के ये विभाग, अनुपुरक बजट से पहले जानें परफॉर्मेंस रिपोर्ट - उत्तराखंड के विभाग खर्च नहीं कर पाए बजट

Budget expenditure Uttarakhand उत्तराखंड सरकार सितंबर में अनुपूरक बजट लाने जा रही है, लेकिन कई विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने बजट का 30 फ़ीसदी भी खर्च नहीं किया है. ऐसे में जान लेते हैं कि कौन सा विभाग अपना बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुआ है और किस डिपार्टमेंट को अनुपूरक बजट में और बजट की जरूरत पड़ रही है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2023, 10:38 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 10:59 PM IST

अनुपुरक बजट से पहले जानें परफॉर्मेंस रिपोर्ट

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल सरकार कई हजार करोड़ रुपए का बजट सरकार द्वारा लाया जाता है, लेकिन मार्च फाइनल होते-होते विभागों की परफॉर्मेंस इस तरह से देखने को मिलती है कि विभाग विकास कार्य के लिए किए गए बजट के प्रावधान के अनुसार बजट खर्च नहीं कर पाते हैं. जिसका सीधा मतलब है कि इन विभागों में अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर पाते हैं. आगामी 5 सितंबर से उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होना है. जिसमें सरकार अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा. अनुपूरक बजट पेश करने से पहले मार्च में आए मुख्य बजट में विभाग कितना खर्च कर पाए हैं. यह जानना भी बेहद जरूरी है. अब तक विभागों की परफॉर्मेंस पर अगर नजर डाले तो कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जिन्होंने अपने बजट का 30 फ़ीसदी भी खर्च नहीं किया है.

Budget expenditure Uttarakhand
बजट खर्च नहीं कर पाए विभाग

सितंबर तक 4 हजार करोड़ का बजट खर्च का लक्ष्य: वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा लगातार विभागों के बजट खर्च को लेकर समीक्षा की जा रही है और जिन विभागों द्वारा खराब परफॉर्मेंस दी जा रही है, उन्हें लगातार रिमाइंडर भेजा जा रहा है. वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि सितंबर माह तक 6500 करोड़ के मुख्य बजट में से तकरीबन 4000 करोड़ का बजट खर्च हो जाना चाहिए, जो कि अब तक केवल 2000 करोड़ तक ही पहुंच पाया है. ऐसे में वित्त विभाग लगातार ऐसे विभागों को कैटिगरीज कर रहा है, जो कि बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार सितंबर तक 4000 करोड़ के बजट खर्च का लक्ष्य रखा गया है, जो कि अमूमन देखा गया है कि हर साल 2800 से लेकर 3000 करोड़ तक का बजट खर्च ही हो पाता है. इस साल राजस्व प्राप्ति को लेकर कई विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जिससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार को बाजार से उधार लेने वाली राशि में कमी देखने को मिलेगी.

ये भी पढ़ें: खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

इन विभागों को पड़ेगी अनुपूरक बजट की जरूरत: सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मुख्य बजट जो पेश किया जाता है, उसके बाद की जो बदली हुई परिस्थितियां होती है, उसे पर अनुपूरक बजट का आकार निर्भर करता है. खासतौर से केंद्रीय योजनाओं में बजट की जरूरत पड़ती है, जिसको लेकर अनुपूरक बजट में भरपाई की जाती है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिस तरह से मेगा इन्वेस्टर सबमिट होनी है. आने वाले साल में प्रदेश में नेशनल गेम्स होने हैं, जिससे आपदा प्रबंधन, खेल विभाग और उद्योग विभाग सहित कई ऐसे विभाग हैं, जिन्हें अनुपूरक बजट में धनराशि की जरूरत पड़ेगी और इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट के आकार को तैयार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हंगामेदार रही हरिद्वार नगर निगम बोर्ड बैठक, 128 करोड़ का बजट पास

अनुपुरक बजट से पहले जानें परफॉर्मेंस रिपोर्ट

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल सरकार कई हजार करोड़ रुपए का बजट सरकार द्वारा लाया जाता है, लेकिन मार्च फाइनल होते-होते विभागों की परफॉर्मेंस इस तरह से देखने को मिलती है कि विभाग विकास कार्य के लिए किए गए बजट के प्रावधान के अनुसार बजट खर्च नहीं कर पाते हैं. जिसका सीधा मतलब है कि इन विभागों में अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर पाते हैं. आगामी 5 सितंबर से उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होना है. जिसमें सरकार अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा. अनुपूरक बजट पेश करने से पहले मार्च में आए मुख्य बजट में विभाग कितना खर्च कर पाए हैं. यह जानना भी बेहद जरूरी है. अब तक विभागों की परफॉर्मेंस पर अगर नजर डाले तो कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जिन्होंने अपने बजट का 30 फ़ीसदी भी खर्च नहीं किया है.

Budget expenditure Uttarakhand
बजट खर्च नहीं कर पाए विभाग

सितंबर तक 4 हजार करोड़ का बजट खर्च का लक्ष्य: वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा लगातार विभागों के बजट खर्च को लेकर समीक्षा की जा रही है और जिन विभागों द्वारा खराब परफॉर्मेंस दी जा रही है, उन्हें लगातार रिमाइंडर भेजा जा रहा है. वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि सितंबर माह तक 6500 करोड़ के मुख्य बजट में से तकरीबन 4000 करोड़ का बजट खर्च हो जाना चाहिए, जो कि अब तक केवल 2000 करोड़ तक ही पहुंच पाया है. ऐसे में वित्त विभाग लगातार ऐसे विभागों को कैटिगरीज कर रहा है, जो कि बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार सितंबर तक 4000 करोड़ के बजट खर्च का लक्ष्य रखा गया है, जो कि अमूमन देखा गया है कि हर साल 2800 से लेकर 3000 करोड़ तक का बजट खर्च ही हो पाता है. इस साल राजस्व प्राप्ति को लेकर कई विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जिससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार को बाजार से उधार लेने वाली राशि में कमी देखने को मिलेगी.

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इन विभागों को पड़ेगी अनुपूरक बजट की जरूरत: सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मुख्य बजट जो पेश किया जाता है, उसके बाद की जो बदली हुई परिस्थितियां होती है, उसे पर अनुपूरक बजट का आकार निर्भर करता है. खासतौर से केंद्रीय योजनाओं में बजट की जरूरत पड़ती है, जिसको लेकर अनुपूरक बजट में भरपाई की जाती है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिस तरह से मेगा इन्वेस्टर सबमिट होनी है. आने वाले साल में प्रदेश में नेशनल गेम्स होने हैं, जिससे आपदा प्रबंधन, खेल विभाग और उद्योग विभाग सहित कई ऐसे विभाग हैं, जिन्हें अनुपूरक बजट में धनराशि की जरूरत पड़ेगी और इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट के आकार को तैयार किया जा रहा है.

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Last Updated : Aug 25, 2023, 10:59 PM IST
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