देहरादून: हादसों को न्योता दे रहे गिरासू भवनों को लेकर जिला प्रशासन और देहरादून नगर निगम सिर्फ चिंता जाहिर करने के अलावा कुछ नहीं करता है. चार लोगों की मौत के बाद भी देहरादून के 48 गिरासू भवनों को अभीतक खाली नहीं कराया गया है. जबकि, 15 दिनों का नोटिस का समय भी पूरा हो चुका है.
बता दें कि बीते महीने देहरादून के चुक्खुवाला क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से एक मकान गिर गया था. इस हादसे में एक गर्भवती महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद देहरादून नगर निगम ने आनन-फानन में शहर के 48 गिरासू भवनों को खाली कराने का नोटिस भेजा है. नोटिस के मुताबिक, गिरासू भवनों में रह रहे लोगों को 15 दिनों के अंदर घर खाली करना था. लेकिन, अभीतक एक भी घर खाली नहीं हो पाया है.
पढ़ें- विकासनगर: अस्पताल कागजों में सुविधाओं से लैस, मरीजों को करना पड़ रहा शहरों का रुख
इस बारे में जब नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी को 14 अगस्त तक का समय दिया गया था. 15 और 16 अगस्त की छुट्टी हो गई थी. उसके बाद उप नगर आयुक्त कोरोना पॉजिटिव निकल गए थे, जिस वजह से नगर निगम के कार्यालय में कोई काम नहीं हो पाया. शुक्रवार को निगम में दोबारा से काम शुरू होगा. जल्द ही समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब हो कि नगर निगम के अधिकारी हर साल मॉनसून से पहले कांगजों पर गिरासू भवनों के ध्वस्तीकरण की योजना बनाते है, लेकिन उस योजना को कभी धरातल पर नहीं उतार पाते है. यही कारण है कि देहरादून में अब भी 48 गिरासू भवन मौजूद हैं. इनमें से 32 गिरासू भवन ऐसे हैं, जिनमें किराये को लेकर झगड़ा चल रहा है.