भूपालपल्ली: यहां के कमलापुर गांव में एक दंपत्ति प्राइवेट लोन प्रदाता के कर्ज के चक्र में इस कदर फंस गया कि आखिरकार उन्हें जान देनी पड़ गई. इस दंपत्ति के दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. गांव वालों ने सरकार से इन बच्चों के पालन पोषण का खर्च उठाने का अनुरोध किया है.
कमलापुर गांव में एक दुखद घटना सामने आई जहां एक गरीब परिवार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा था. इस परिवार ने निजी ऋणदाताओं द्वारा कथित रूप से परेशान किए जाने के बाद अपनी जान दे दी. बनोथ देवेंद्र (37) और उनकी पत्नी चंदना (32) खेती बाड़ी करके अपना जीवन चला रहे थे. थोड़े-बहुत कमाई से अपने दो बच्चों ऋषि (14) और जसवंत (12) का पालन-पोषण मुश्किल से हो पाता था. दोनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं.
चंदना ने कुछ महीने पहले गांव की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एक प्राइवेट ऋणदाता से 2.50 लाख रुपये उधार लिए. इसमें उन्होंने हर हफ्ते 200 रुपये किस्तों में चुकाने का वादा किया था. कई सालों तक नियमित रूप से भुगतान किस्तों का भुगतान किया. पति और बच्चों की बीमारियों के कारण हाल के महीनों में किस्त नहीं दे पाई. फिर लोन देने वालों का दबाव कथित रूप से बढ़ता गया. परिवार की बिगड़ती आर्थिक तंगी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ा.
6 दिसंबर को तनाव से निपटने में असमर्थ चंदना ने आत्महत्या करने की कोशिश की. पड़ोसियों ने उसे तुरंत एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज किया गया. दुख की बात है कि 20 दिसंबर को अपनी पत्नी की स्थिति से बेहद परेशान देवेंद्र ने अपने घर में खुदकुशी कर ली. चंदना का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा था और मंगलवार को उसकी भी मौत हो गई.
अब उनके दो बच्चे बिना माता-पिता के रह गए हैं. ग्रामीणों ने सरकार से बच्चों की मदद के लिए अपील की है. भूपलपल्ली सीआई नरेश कुमार ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है.