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डीएम के आदेश के बाद भी खुला रहा मसूरी केंद्रीय विद्यालय, प्रधानाचार्य ने दिया ये तर्क - मनमानी

पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी ने कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक के सभी स्कूल शनिवार तक बंद रखने के निर्देश जारी किए थे. लेकिन सुबह बारिश में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचे.

जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगादिखाते हुए ,मसूरी केंद्रीय विद्यालय खुला रहा.
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Published : Jul 28, 2019, 12:01 AM IST

मसूरी: भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी ने कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक के स्कूल शनिवार को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे. लेकिन मसूरी में जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए मसूरी केंद्रीय विद्यालय ने स्कूल बंद नहीं किया, जिसके कारण बारिश के बीच बच्चों को स्कूल जाना पड़ा

डीएम के आदेश के बाद भी खुला रहा मसूरी केंद्रीय विद्यालय.

सुबह बारिश में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचे. इस संबंध में जब स्कूल के प्रधानाचार्य डीएस नेगी से पूछा गया तो उनका कहना था कि स्कूल बंद होने की सूचना उनको देर रात मिली थी. उनके पास ऐसा कोई साधन नहीं था, जिससे कि वह बच्चों को छुट्टी होने की सूचना दे सकें. मसूरी में कई सरकारी और गैर सरकारी स्कूल हैं, जिनके द्वारा व्हाट्सएप मैसेज से, टेलीफोन के माध्यम से बच्चों को शनिवार की छुट्टी होने की सूचना दी गई.

यह भी पढ़े-हिमालयन कॉन्क्लेवः पर्यावरणविद, पद्मश्री अनिल जोशी बोले- बैठकों से नहीं होगा हिमालयी राज्यों का उद्धार

इस संबंध में मसूरी एसडीएम रामगोपाल बिनवाल से मसूरी विधायक गणेश जोशी ने स्कूल खुले होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनको मीडिया के माध्यम से स्कूल खुले होने की सूचना दी गई थी. स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा गया तो उन्होंने स्कूल बंद होने की सूचना दी. स्कूल के प्रधानाचार्य की बात का रियलिटी चेक के लिए जब मीडिया स्कूल पहुंची तो स्कूल संचालित किया जा रहा था. बच्चों से पूछा गया क्या उनको शनिवार को छुट्टी होने की सूचना दी गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनको किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है. भारी बारिश में वे स्कूल पहुंचे हैं.

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना एक बड़ा अपराध है. स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच की के बाद कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब सरकारी तौर पर छुट्टी के निर्देश दिए जा चुके थे तो उनको किसी भी हाल में स्कूल संचालित नहीं करना चाहिए था. प्रधानाचार्य की जवाबदेही तय की जाएगी.

मसूरी: भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी ने कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक के स्कूल शनिवार को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे. लेकिन मसूरी में जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए मसूरी केंद्रीय विद्यालय ने स्कूल बंद नहीं किया, जिसके कारण बारिश के बीच बच्चों को स्कूल जाना पड़ा

डीएम के आदेश के बाद भी खुला रहा मसूरी केंद्रीय विद्यालय.

सुबह बारिश में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचे. इस संबंध में जब स्कूल के प्रधानाचार्य डीएस नेगी से पूछा गया तो उनका कहना था कि स्कूल बंद होने की सूचना उनको देर रात मिली थी. उनके पास ऐसा कोई साधन नहीं था, जिससे कि वह बच्चों को छुट्टी होने की सूचना दे सकें. मसूरी में कई सरकारी और गैर सरकारी स्कूल हैं, जिनके द्वारा व्हाट्सएप मैसेज से, टेलीफोन के माध्यम से बच्चों को शनिवार की छुट्टी होने की सूचना दी गई.

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इस संबंध में मसूरी एसडीएम रामगोपाल बिनवाल से मसूरी विधायक गणेश जोशी ने स्कूल खुले होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनको मीडिया के माध्यम से स्कूल खुले होने की सूचना दी गई थी. स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा गया तो उन्होंने स्कूल बंद होने की सूचना दी. स्कूल के प्रधानाचार्य की बात का रियलिटी चेक के लिए जब मीडिया स्कूल पहुंची तो स्कूल संचालित किया जा रहा था. बच्चों से पूछा गया क्या उनको शनिवार को छुट्टी होने की सूचना दी गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनको किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है. भारी बारिश में वे स्कूल पहुंचे हैं.

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना एक बड़ा अपराध है. स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच की के बाद कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब सरकारी तौर पर छुट्टी के निर्देश दिए जा चुके थे तो उनको किसी भी हाल में स्कूल संचालित नहीं करना चाहिए था. प्रधानाचार्य की जवाबदेही तय की जाएगी.

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उत्तराखंड में पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की मौसम विभाग के द्वारा चेतावनी के बाद जिलाधिकारी देहरादून द्वारा कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक शनिवार को सभी स्कूल बंद करने के निर्देश जारी किए गए थे परंतु मसूरी में जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए मसूरी केंद्रीय विद्यालय द्वारा भारी बारिश के बीच भी स्कूल खोला गया सुबह बारिश में बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचे और हमेशा की तरह अपनी कक्षाओं में शिरकत की वहीं संबंध में जब स्कूल के प्रधानाचार्य डीएस नेगी से पूछा गया तो उनका कहना था कि स्कूल बंद होने की सूचना उनको दे रात को मिली थी और उनके पास ऐसा कोई साधन नहीं था जिससे कि वह बच्चों को छुट्टी होने की सूचना दे सके बता दे कि मसूरी में कई सरकारी और गैर सरकारी स्कूल है जिनके द्वारा व्हाट्सएप मैसेज में टेलीफोन के माध्यम से बच्चों को शनिवार की छुट्टी होने की सूचना दी गई परंतु केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य के मनमानी के कारण भारी बारिश के बीच भी स्कूल को संचालित किया जाता रहा


Body:इस संबंध में मसूरी एसडीएम रामगोपाल बिनवाल से मसूरी विधायक गणेश जोशी ने स्कूल खुले होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनको मीडिया के माध्यम से स्कूल खुले होने की सूचना दी थी तो उनके द्वारा स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछा गया तो उनके स्कूल बंद होने की सूचना दी गई
स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा बोले गए स्कूल के बंद होने के रियलिटी चेक के लिए जब मीडिया स्कूल पहुंची तो स्कूल बस दस्तूर संचालित किया जा रहा था बच्चों से पूछा गया क्या उनको शनिवार को छुट्टी होने की सूचना दी गई तो उनको उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनको किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है और वह भारी बारिश में अपने घरों से स्कूल पहुंचे हैं

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना एक बड़ा अपराध है ऐसे में स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच की के बाद कार्रवाई की जाएगी उन्होंने कहा कि जब सरकारी तौर पर छुट्टी के निर्देश दिए जा चुके थे तो उनको किसी भी हाल में संचालित नहीं किया जाना चाहिए ऐसे में प्रधानाचार्य की जवाबदेही तय की जाएगी


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