देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा विश्व बैंक की मदद से उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम को विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य आपदा से हुए नुकसान की निगरानी, पूर्व चेतावनी और आपदा से पहले की जाने वाली तैयारियों के साथ-साथ आपदा के समय किस तरह से रिस्पांस करना है. तैयार किये गए तंत्र की आज से शुरुआत हो गयी है.
राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए इस सिस्टम और इसके डेटाबेस को आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों और संस्थाओं से परिचित कराए जाने को लेकर विभाग ने एक कार्यशाला का आयोजन किया था. कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस GIS सपोर्ट प्लेटफॉर्म नाम के रिस्पांस सिस्टम को लांच किया.
कार्यालय में मौजूद प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि इस डेटाबेस को किसी भी आपदा के घटित होने के दौरान रियल टाइम इंफॉर्मेशन को विभाग तक पहुंचाने और तुरंत निर्णय लिए जाने के लिए बनाया गया है. यह डेटाबेस स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और डिस्टिक इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आपदा के दौरान तत्काल निर्णय लिया जाने और आपदा से ग्रसित क्षेत्र में काम कर रहे फील्ड स्टाफ के लिए उपयोगी साबित होगा.
ये भी पढ़े: 2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत, एनएचएम की ओर कार्यशाला का आयोजन
वहीं आपदा सचिव अमित नेगी ने बताया कि आपदा के समय बेहतर रिस्पांस के लिए और भविष्य की आपदा के परिपेक्ष में बेहतर पॉलिसी बनाए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समुदाय को आपदा के समय बचाने के लिए त्वरित रिस्पांस सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है. जो कि इस सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस आपदा के समय वस्तुस्थिति को समझने में कारगर साबित होगा.