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EMERGENCY में अब तुरंत मिलेगी जानकारी, आपदा प्रबंधन ने GIS तकनीक का किया शुभारंभ

विश्व बैंक की मदद से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन ने उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम को विकसित किया है. जिसकी आज से शुरुआत हो गयी है.

database disaster system start in uttarakhand उत्तराखंड की मुख्य न्यूज
डिसीजन सपोर्ट सिस्टम का शुभारंभ
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Published : Dec 20, 2019, 8:17 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा विश्व बैंक की मदद से उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम को विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य आपदा से हुए नुकसान की निगरानी, पूर्व चेतावनी और आपदा से पहले की जाने वाली तैयारियों के साथ-साथ आपदा के समय किस तरह से रिस्पांस करना है. तैयार किये गए तंत्र की आज से शुरुआत हो गयी है.

आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम का आज से हुआ शुभारंभ.

राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए इस सिस्टम और इसके डेटाबेस को आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों और संस्थाओं से परिचित कराए जाने को लेकर विभाग ने एक कार्यशाला का आयोजन किया था. कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस GIS सपोर्ट प्लेटफॉर्म नाम के रिस्पांस सिस्टम को लांच किया.

कार्यालय में मौजूद प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि इस डेटाबेस को किसी भी आपदा के घटित होने के दौरान रियल टाइम इंफॉर्मेशन को विभाग तक पहुंचाने और तुरंत निर्णय लिए जाने के लिए बनाया गया है. यह डेटाबेस स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और डिस्टिक इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आपदा के दौरान तत्काल निर्णय लिया जाने और आपदा से ग्रसित क्षेत्र में काम कर रहे फील्ड स्टाफ के लिए उपयोगी साबित होगा.

ये भी पढ़े: 2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत, एनएचएम की ओर कार्यशाला का आयोजन

वहीं आपदा सचिव अमित नेगी ने बताया कि आपदा के समय बेहतर रिस्पांस के लिए और भविष्य की आपदा के परिपेक्ष में बेहतर पॉलिसी बनाए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समुदाय को आपदा के समय बचाने के लिए त्वरित रिस्पांस सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है. जो कि इस सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस आपदा के समय वस्तुस्थिति को समझने में कारगर साबित होगा.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा विश्व बैंक की मदद से उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम को विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य आपदा से हुए नुकसान की निगरानी, पूर्व चेतावनी और आपदा से पहले की जाने वाली तैयारियों के साथ-साथ आपदा के समय किस तरह से रिस्पांस करना है. तैयार किये गए तंत्र की आज से शुरुआत हो गयी है.

आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम का आज से हुआ शुभारंभ.

राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए इस सिस्टम और इसके डेटाबेस को आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों और संस्थाओं से परिचित कराए जाने को लेकर विभाग ने एक कार्यशाला का आयोजन किया था. कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस GIS सपोर्ट प्लेटफॉर्म नाम के रिस्पांस सिस्टम को लांच किया.

कार्यालय में मौजूद प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि इस डेटाबेस को किसी भी आपदा के घटित होने के दौरान रियल टाइम इंफॉर्मेशन को विभाग तक पहुंचाने और तुरंत निर्णय लिए जाने के लिए बनाया गया है. यह डेटाबेस स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और डिस्टिक इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आपदा के दौरान तत्काल निर्णय लिया जाने और आपदा से ग्रसित क्षेत्र में काम कर रहे फील्ड स्टाफ के लिए उपयोगी साबित होगा.

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वहीं आपदा सचिव अमित नेगी ने बताया कि आपदा के समय बेहतर रिस्पांस के लिए और भविष्य की आपदा के परिपेक्ष में बेहतर पॉलिसी बनाए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समुदाय को आपदा के समय बचाने के लिए त्वरित रिस्पांस सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है. जो कि इस सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस आपदा के समय वस्तुस्थिति को समझने में कारगर साबित होगा.

Intro:
एंकर- उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा विश्व बैंक की मदद से उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम को विकसित किया गया है जिसका उद्देश्य आपदा से हुए नुकसान की निगरानी पूर्व चेतावनी और आपदा से पहले की जाने वाली तैयारियों के साथ-साथ आपदा के समय किस तरह से रिस्पांस करना है इसको लेकर तैयार किये गए तंत्र की आज से शुरुआत हो गयी है।


Body:वीओ- रक्षाबंधन द्वारा तैयार किए गए इस सिस्टम और इसके डेटाबेस को आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों और संस्थाओं से परिचित कराए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में सुबोध उनियाल कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा इस जिओ सपोर्ट प्लेटफॉर्म नाम के रिस्पांस सिस्टम को लांच किया गया।

कार्यालय में मौजूद प्रोग्राम मैनेजर गिरीश जोशी ने बताया कि इस डेटाबेस को किसी भी आपदा के घटित होने के दौरान रियल टाइम इंफॉर्मेशन को विभाग तक पहुंचाने और त्वरित निर्णय लिए जाने के लिए बनाया गया है। यह डेटाबेस स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और डिस्टिक इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आपदा के दौरान त्वरित निर्णय लिया जाने और आपदा से ग्रसित क्षेत्र में काम कर रहे फील्ड स्टाफ के लिए उपयोगी साबित होगा।

बाइट- गिरीश जोशी, मैनेजर Geospatial platforms response system

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आपदा सचिव अमित नेगी ने बताया कि आपदा के समय बेहतर रिस्पांस के लिए और भविष्य की आपदा के परिपेक्ष में बेहतर पॉलिसी बनाए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समुदाय को आपदा के समय बचाने के लिए त्वरित रिस्पांस सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है जो कि इस सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है उन्होंने कहा कि यह डेटाबेस आपदा के समय वस्तुस्थिति को समझने में कारगर साबित होगा।

बाइट- अमित नेगी, आपदा सचिव


Conclusion:
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