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उत्तराखंड में बनेगा परिवार पहचान पत्र, मुख्य सचिव ने योजना को लेकर ली बैठक

उत्तराखंड में जल्द ही 'परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड' योजना शुरू होगी. अब उत्तराखंड में सभी परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाया जाएगा. परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड जारी होने के बाद जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को अलग से बनाने की आवश्यकता नहीं होगी. इसका पूरा डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड में उपलब्ध रहेगा.

CS SS Sandhu Held Meeting with Officials
ख्य सचिव एसएस संधू
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Published : Nov 16, 2022, 8:50 PM IST

देहरादूनः मुख्य सचिव एसएस संधू ने सचिवालय में 'परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड' योजना के संबंध में बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर जल्द से जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. इस दौरान योजना के क्रियान्वयन को लेकर नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों से कहा कि पहचान पत्र उत्तराखंड योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित करें. किस-किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए? अगले 2 से 3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए. उन्होंने परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने को लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए, ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके. मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें. उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाइमलाइन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ेंः धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला, नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट, धर्मांतरण कानून को भी मंजूरी

इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे, इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा. साथ ही फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए.

वहीं, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड योजना (Parivar Pehchan Patra Uttarakhand) राज्य के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों और लाभार्थीपरक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी. उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से बनाने की आवश्यकता नहीं होगी. इसका पूरा डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड में उपलब्ध रहेगा.

देहरादूनः मुख्य सचिव एसएस संधू ने सचिवालय में 'परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड' योजना के संबंध में बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर जल्द से जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. इस दौरान योजना के क्रियान्वयन को लेकर नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों से कहा कि पहचान पत्र उत्तराखंड योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित करें. किस-किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए? अगले 2 से 3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए. उन्होंने परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने को लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए, ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके. मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें. उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाइमलाइन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए.
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इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे, इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा. साथ ही फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए.

वहीं, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड योजना (Parivar Pehchan Patra Uttarakhand) राज्य के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों और लाभार्थीपरक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी. उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से बनाने की आवश्यकता नहीं होगी. इसका पूरा डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड में उपलब्ध रहेगा.

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