देहरादून: राज्य में विभागों द्वारा नाबार्ड से ऋण लक्ष्य को समय से पूरा नहीं किया जा रहा है, जिसकों लेकर आज सचिवालय में मुख्य सचिव (Uttarakhand Chief Secretary) डॉक्टर एसएस संधू ने समीक्षा बैठक आयोजित की. इसी बीच उन्होंने अधिकारियों को डिसबर्समेंट पर असंतोष जताते हुए इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उधर नाबार्ड को भी तमाम विभागों के प्रस्तावों को स्वीकृत करने में तेजी लाने के लिए कहा गया है.
दरअसल समीक्षा बैठक के दौरान नाबार्ड से ऋण की स्थितियों को देखा गया और इस दौरान, जहां पर कमियां पाई गई, वहां मुख्य सचिव ने अधिकारियों को काम में तेजी लाने के लिए कहा है. खास बात ये है कि इस दौरान मुख्य सचिव में विभागों के सचिवों और विभागाध्यक्षों को भी ऋण वितरण और इसकी अदायगी को लेकर साप्ताहिक समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट कंपटीशन रिपोर्ट्स भी जल्द जमा कराए जाने के निर्देश दिए हैं.
इसके अलावा विभागों को वितरण और अदायगी में आ रही समस्याओं का निराकरण करते हुए जल्द से जल्द इन सभी कार्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए गए हैं. विभागीय सचिवों को भी ऋण को लेकर प्रस्ताव को विभाजित कैलेंडर में जोड़ने के लिए कहा गया है, ताकि इसकी स्वीकृति से लेकर डिसबर्समेंट तक निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जा सके.
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मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने कहा कि प्रस्ताव को तैयार कर न केवल वित्त विभाग को भेजा जाए, बल्कि उसके साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए ताकि समय से नाबार्ड की मंजूरी मिल सके. इसके लिए हर सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्ताव की भी लगातार मॉनिटरिंग की जानी चाहिए. साथ ही पीएम गति शक्ति उत्तराखंड पोर्टल पर भी इसे अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं.
फिलहाल नाबार्ड से लिए जाने वाले 1090 करोड़ के ऋण के लक्ष्य के सापेक्ष विभागों में 907 करोड़ के प्रस्ताव नाबार्ड को भेज दिए हैं. इसमें से 501 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है, जबकि 900 करोड़ के डिसबर्समेंट के लक्ष्य के सापेक्ष अभी विभागों द्वारा केवल 273 करोड़ का डिस्प्लेसमेंट किया गया है.
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