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कोरोना कर्फ्यू में बढ़ा 30 फीसदी अपराध, आंकड़े चौंकाने वाले

कोरोना काल में प्रदेश में अपराध करीब 30 फीसदी बढ़ा है. आधिकारिक आंकड़े चौंकाने वाले हैं. प्रदेश में बढ़ रहे अपराध लेकर कानून के जानकार और मनोचिकित्सक ने अपनी-अपनी राय दी है.

Crime graph increased in Uttarakhand
Crime graph increased in Uttarakhand
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Published : Jun 20, 2021, 11:20 AM IST

Updated : Jun 22, 2021, 1:11 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले साल लगाए लॉकडाउन के चलते पूरे साल अपराध का ग्राफ नीचे रहा. वहीं, कोरोना की दूसरी लहर यानी इस साल कोरोना कर्फ्यू के बावजूद हत्या, बलात्कार, लूट, अपहरण, महिला अपराध और चोरी जैसे अन्य अपराधों में करीब 30 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. आइये जानते हैं इसके मुख्य कारण क्या हैं...

कोरोना काल में आर्थिक तंगी के दुष्परिणाम: जानकार

जानकारों का मानना है कि कोरोना के दौर में हर तरह काम-धंधे रोजगार ठप होने से समाज में तनाव बढ़ा है. उसी का असर आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी के रूप में भी दिख रहा है.

बेरोजगारी के कारण बढ़ रहे अपराध के आंकड़े.

उत्तराखंड बार काउंसिल सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का मानना है कि पिछले डेढ़ साल से बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. हर तबके का व्यक्ति इन दिनों में मानसिक रूप से परेशान हुआ है. उसी का नतीजा है कि समाज में अपराध बढ़ा है, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण रोजगार और व्यवसाय प्रभावित होने से हर तबके की कमर टूटी है.

Crime graph increased in Uttarakhand
आंकड़ों पर एक नजर.

पढ़ें- डेब्यू टेस्ट मैच में दून की बेटी ने रचा इतिहास, स्नेह राणा ने निश्चित हार को ड्रॉ में बदला

अपराध का ग्राफ बढ़ना चिंताजनक- मनोचिकित्सक

अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर मनोचिकित्सक डॉ. मुकुल शर्मा मानते हैं कि कोरोना के कारण रोजगार ठप होने से तनावपूर्ण माहौल को बल मिला है. अधिकांश लोगों की जमा पूंजी खत्म होती गई है. समाज का हर तबका काम धंधा बंद होने से आर्थिक बदहाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में लगभग 57 फीसदी बेरोजगारी नजर आ रही है.

Crime graph increased in Uttarakhand
तीन साल में पांच माह के तुलनात्मक आंकड़े.

पढ़ें- CM तीरथ ने गंगा दशहरा पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

लोगों को हर हाल में बरतना होगा संयम- मनोचिकित्सक

मनोचिकित्सक के मुताबिक जिंदगी पटरी पर आने में अभी समय लगेगा. ऐसे में लोगों को धैर्य के साथ-साथ अपने परिवार को संकट काल में संभालना होगा. डॉ. मुकुल के मुताबिक सामान्य जीवन में आम आदमी से लेकर अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति किसी न किसी व्यस्तता में बना रहता था, लेकिन कोरोना काल में लोग घरों में बंद हुए. ऐसा होने से उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा. यही वजह है कि सामान्य वर्षों के मुकाबले कोरोना के दूसरी लहर में अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है. यह स्थिति आगे बढ़ने की संभावना भी है.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पिछले साल लगाए लॉकडाउन के चलते पूरे साल अपराध का ग्राफ नीचे रहा. वहीं, कोरोना की दूसरी लहर यानी इस साल कोरोना कर्फ्यू के बावजूद हत्या, बलात्कार, लूट, अपहरण, महिला अपराध और चोरी जैसे अन्य अपराधों में करीब 30 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. आइये जानते हैं इसके मुख्य कारण क्या हैं...

कोरोना काल में आर्थिक तंगी के दुष्परिणाम: जानकार

जानकारों का मानना है कि कोरोना के दौर में हर तरह काम-धंधे रोजगार ठप होने से समाज में तनाव बढ़ा है. उसी का असर आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी के रूप में भी दिख रहा है.

बेरोजगारी के कारण बढ़ रहे अपराध के आंकड़े.

उत्तराखंड बार काउंसिल सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का मानना है कि पिछले डेढ़ साल से बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. हर तबके का व्यक्ति इन दिनों में मानसिक रूप से परेशान हुआ है. उसी का नतीजा है कि समाज में अपराध बढ़ा है, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण रोजगार और व्यवसाय प्रभावित होने से हर तबके की कमर टूटी है.

Crime graph increased in Uttarakhand
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अपराध का ग्राफ बढ़ना चिंताजनक- मनोचिकित्सक

अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर मनोचिकित्सक डॉ. मुकुल शर्मा मानते हैं कि कोरोना के कारण रोजगार ठप होने से तनावपूर्ण माहौल को बल मिला है. अधिकांश लोगों की जमा पूंजी खत्म होती गई है. समाज का हर तबका काम धंधा बंद होने से आर्थिक बदहाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में लगभग 57 फीसदी बेरोजगारी नजर आ रही है.

Crime graph increased in Uttarakhand
तीन साल में पांच माह के तुलनात्मक आंकड़े.

पढ़ें- CM तीरथ ने गंगा दशहरा पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

लोगों को हर हाल में बरतना होगा संयम- मनोचिकित्सक

मनोचिकित्सक के मुताबिक जिंदगी पटरी पर आने में अभी समय लगेगा. ऐसे में लोगों को धैर्य के साथ-साथ अपने परिवार को संकट काल में संभालना होगा. डॉ. मुकुल के मुताबिक सामान्य जीवन में आम आदमी से लेकर अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति किसी न किसी व्यस्तता में बना रहता था, लेकिन कोरोना काल में लोग घरों में बंद हुए. ऐसा होने से उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा. यही वजह है कि सामान्य वर्षों के मुकाबले कोरोना के दूसरी लहर में अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है. यह स्थिति आगे बढ़ने की संभावना भी है.

Last Updated : Jun 22, 2021, 1:11 PM IST
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