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कोरोना: पारंपरिक काम छोड़ कई कंपनियां बना रही है मास्क, बाजार में बढ़ी मांग

कोरोना महामारी की वजह से जहां पूरे विश्व में कई उद्योग धंधों पर ताले लटक गए हैं. वही, महामारी के इस दौर में मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर और हैंडवॉश बनाने वाली कंपनियां बाजार धड़ल्ले से प्रॉडक्ट उतार रही है. वही, मांग बढ़ने से कंपनियों को मुनाफा हो रहा है.

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बाजारों में मास्क की भारी डिमांड
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Published : Jun 7, 2020, 1:41 PM IST

Updated : Jun 9, 2020, 3:37 PM IST

देहरादून: देश दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना महामारी से लोग खौफजदा हैं. कोविड-19 वायरस से बचने के लिए लोगों ने अपने जीवन शैली में कई बदलाव किए हैं. कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि इसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति पहले खुद संक्रमित हो जाता है. साथ ही कई लोगों को जाने-अनजाने में संक्रमित कर देता है. ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर और हैंडवॉश एक अहम हिस्सा बन चुका है. कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों का मास्क, ग्लव्ज पहना, हाथों और सामान को सैनिटाइज करना जरुरी हो चुका है.

पारंपरिक काम छोड़ कई कंपनियां बना रही है मास्क.

कोरोना महामारी के इस दौर में सभी तरह के कारखानों, उद्योग धंधों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है. वही मास्क, हैंडवॉश, ग्लव्ज और सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों का बाजार इस समय अपने चरम पर है. ऐसे में संक्रमण से बचाने वाले मास्क की बात करें तो बाजारों में कई प्रकार के मास्क आने शुरू हो चुके हैं. वहीं, स्वास्थ्य संबंधित सभी मानकों पर खरे उतरने वाले मास्क का सफर कहां से शुरू होता है और कैसे आप तक पहुंचता है. ये आज हम आपको विस्तार से बताएंगे.

पारंपरिक काम छोड़ मास्क बना रही है कई कंपनियां
उत्तराखंड में विकास के लिहाज से सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला शहर देहरादून की बात करें तो जिले में 25 ऐसी कंपनियां हैं, जो कि पहले टेक्सटाइल सेक्टर में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने का काम करती थी. लेकिन कोविड-19 की दस्तक के बाद यह सभी कंपनियां टेक्सटाइल की मांग में गिरावट और बाजार की डिमांड को देखते हुए मास्क मेन्यूफेक्चरिंग में जुट गई है. देहरादून जिला उद्योग अधिकारी शिखर सक्सेना ने जानकारी दी कि देहरादून में कई नामचीन इंडस्ट्री से लेकर मध्यम वर्ग के उद्योग और लघु उद्योगों के साथ स्वयं सहायता समूह तक मास्क बनाने में जुेट हुए हैं.

जानिए कौन सा मास्क फेल है और कौन सा मास्क पास ?

मास्क बनाने वाली एक फैक्ट्री क्लिप क्लिंबर का ईटीवी भारत संवाददाता ने दौरा किया तो कंपनी के संचालक अमित आनंद ने बताया कि वह पहले आर्मी और पुलिस के लिए हाई एल्टीट्यूड इक्विपमेंट्स बनाते थे. लेकिन इन दिनों बाजार की डिमांड को देखते हुए अब वह पूरी तरह से मास्क बनाने का काम कर रहे हैं. अमित ने बताया कि मास्क आजकल बाजार में कई प्रकार के आ रहे हैं, लेकिन मास्क के बारे में जागरूकता होनी जरूरी है. n95 मास्क के बारे में उन्होंने बताया कि यह मेडिकल मास्क है और केवल मेडिकल टर्मिनोलॉजी में ही इस्तेमाल होता है. इसके बावजूद अगर आम लोगों के लिए अच्छे मास्क और वायरस रोकने की क्षमता वाले मास्क की बात करें तो उसे भी n95 मास्क के बराबर गुणवत्ता या फिर उससे ज्यादा अधिक असरदार गुणवत्ता वाला मास्क बनाया जा सकता है. जिसके लिए उसमें लगी अलग-अलग लेयर की फैब्रिक महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: अबतक 12 लोगों की मौत, कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 1308

कौन सा मास्क वायरस रोकने में है कारगर
क्लिफ क्लिंबर मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी के संचालक अमित आनंद ने बताया कि अगर आप एक अच्छा मास्क खरीदने जा रहे हैं तो उसमें मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक लगा होना बेहद जरूरी है. उन्होंने ने अपने फैक्ट्री में बनाये जा रहे मास्क के बारे में बताया कि उनके द्वारा ट्रिपल लेयर विद मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक वाला एक बेहतरीन गुणवत्ता वाला मास्क तैयार किया जा रहा है. जिसे भारत सरकार द्वारा अधिकृत सिट्रा लेबोरेटरी से 98% के साथ अप्रूव्ड किया गया है. उन्होंने बताया कि यह भले अन्य सामान्य मास्क से थोड़ा ज्यादा कीमत वाला है, लेकिन यह 98 फीसदी आपको वायरस से बचाता है, जिसे n95 मास्क के बराबर ही सुरक्षित माना माना गया है. इस मास्क को कम से कम 30 बार आप खोलकर कर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं.

डिजाइनर मास्कों की बढ़ी डिमांड

डिफेंस इक्यूपर प्राइवेट लिमिटेड का जब ईटीवी भारत ने रुख किया तो वहां भी पारंपरिक मैन्यूफेक्चरिंग को छोड़कर मास्क बनाने का काम चल रहा था. कंपनी संचालक अंकित चड्डा ने बताया कि वन टाइम यूज क्लीनिकल मास्क आजकल बेहद डिमांड में है. उसमें भी अलग-अलग वेराइटी में मास्क इन दिनों में बनाए जा रहे हैं. यह सस्ते और एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क है. मास्क आज हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है. जिसे देखते हुए अब फैशनेबल मास्क भी बनाए जा रहे हैं. जो कि ज्यादा महंगा नहीं है और डिजाइनर मास्क को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं. यह मास्क कम जोखिम वाले जगह में पहनकर जाया जा सकता है. इसे रोजाना इस्तेमाल किए जा सकता है. वही, इन्हें कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है.

मजदूरों की कमी से जुझ रहा उद्योग जगत

कोरोना महामारी की वजह से उद्योगों में जो सबसे बड़ी समस्या इन दिनों आ रही है, वह लेबर की समस्या है. डिफेंस इक्यूपर के संचालक अंकित चड्डा ने बताया कि आज जो किसी एक विशेष कार्य में कुशल व्यक्ति है. उसी से मजबूरन हमें बाकी कार्य भी करवाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय मजदूर उपलब्ध नहीं हैं इसलिए परेशानी सामने आ रही है.

देहरादून: देश दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना महामारी से लोग खौफजदा हैं. कोविड-19 वायरस से बचने के लिए लोगों ने अपने जीवन शैली में कई बदलाव किए हैं. कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि इसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति पहले खुद संक्रमित हो जाता है. साथ ही कई लोगों को जाने-अनजाने में संक्रमित कर देता है. ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर और हैंडवॉश एक अहम हिस्सा बन चुका है. कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों का मास्क, ग्लव्ज पहना, हाथों और सामान को सैनिटाइज करना जरुरी हो चुका है.

पारंपरिक काम छोड़ कई कंपनियां बना रही है मास्क.

कोरोना महामारी के इस दौर में सभी तरह के कारखानों, उद्योग धंधों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है. वही मास्क, हैंडवॉश, ग्लव्ज और सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों का बाजार इस समय अपने चरम पर है. ऐसे में संक्रमण से बचाने वाले मास्क की बात करें तो बाजारों में कई प्रकार के मास्क आने शुरू हो चुके हैं. वहीं, स्वास्थ्य संबंधित सभी मानकों पर खरे उतरने वाले मास्क का सफर कहां से शुरू होता है और कैसे आप तक पहुंचता है. ये आज हम आपको विस्तार से बताएंगे.

पारंपरिक काम छोड़ मास्क बना रही है कई कंपनियां
उत्तराखंड में विकास के लिहाज से सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला शहर देहरादून की बात करें तो जिले में 25 ऐसी कंपनियां हैं, जो कि पहले टेक्सटाइल सेक्टर में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने का काम करती थी. लेकिन कोविड-19 की दस्तक के बाद यह सभी कंपनियां टेक्सटाइल की मांग में गिरावट और बाजार की डिमांड को देखते हुए मास्क मेन्यूफेक्चरिंग में जुट गई है. देहरादून जिला उद्योग अधिकारी शिखर सक्सेना ने जानकारी दी कि देहरादून में कई नामचीन इंडस्ट्री से लेकर मध्यम वर्ग के उद्योग और लघु उद्योगों के साथ स्वयं सहायता समूह तक मास्क बनाने में जुेट हुए हैं.

जानिए कौन सा मास्क फेल है और कौन सा मास्क पास ?

मास्क बनाने वाली एक फैक्ट्री क्लिप क्लिंबर का ईटीवी भारत संवाददाता ने दौरा किया तो कंपनी के संचालक अमित आनंद ने बताया कि वह पहले आर्मी और पुलिस के लिए हाई एल्टीट्यूड इक्विपमेंट्स बनाते थे. लेकिन इन दिनों बाजार की डिमांड को देखते हुए अब वह पूरी तरह से मास्क बनाने का काम कर रहे हैं. अमित ने बताया कि मास्क आजकल बाजार में कई प्रकार के आ रहे हैं, लेकिन मास्क के बारे में जागरूकता होनी जरूरी है. n95 मास्क के बारे में उन्होंने बताया कि यह मेडिकल मास्क है और केवल मेडिकल टर्मिनोलॉजी में ही इस्तेमाल होता है. इसके बावजूद अगर आम लोगों के लिए अच्छे मास्क और वायरस रोकने की क्षमता वाले मास्क की बात करें तो उसे भी n95 मास्क के बराबर गुणवत्ता या फिर उससे ज्यादा अधिक असरदार गुणवत्ता वाला मास्क बनाया जा सकता है. जिसके लिए उसमें लगी अलग-अलग लेयर की फैब्रिक महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: अबतक 12 लोगों की मौत, कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 1308

कौन सा मास्क वायरस रोकने में है कारगर
क्लिफ क्लिंबर मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी के संचालक अमित आनंद ने बताया कि अगर आप एक अच्छा मास्क खरीदने जा रहे हैं तो उसमें मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक लगा होना बेहद जरूरी है. उन्होंने ने अपने फैक्ट्री में बनाये जा रहे मास्क के बारे में बताया कि उनके द्वारा ट्रिपल लेयर विद मेल्ट ब्लाउन फैब्रिक वाला एक बेहतरीन गुणवत्ता वाला मास्क तैयार किया जा रहा है. जिसे भारत सरकार द्वारा अधिकृत सिट्रा लेबोरेटरी से 98% के साथ अप्रूव्ड किया गया है. उन्होंने बताया कि यह भले अन्य सामान्य मास्क से थोड़ा ज्यादा कीमत वाला है, लेकिन यह 98 फीसदी आपको वायरस से बचाता है, जिसे n95 मास्क के बराबर ही सुरक्षित माना माना गया है. इस मास्क को कम से कम 30 बार आप खोलकर कर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं.

डिजाइनर मास्कों की बढ़ी डिमांड

डिफेंस इक्यूपर प्राइवेट लिमिटेड का जब ईटीवी भारत ने रुख किया तो वहां भी पारंपरिक मैन्यूफेक्चरिंग को छोड़कर मास्क बनाने का काम चल रहा था. कंपनी संचालक अंकित चड्डा ने बताया कि वन टाइम यूज क्लीनिकल मास्क आजकल बेहद डिमांड में है. उसमें भी अलग-अलग वेराइटी में मास्क इन दिनों में बनाए जा रहे हैं. यह सस्ते और एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क है. मास्क आज हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है. जिसे देखते हुए अब फैशनेबल मास्क भी बनाए जा रहे हैं. जो कि ज्यादा महंगा नहीं है और डिजाइनर मास्क को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं. यह मास्क कम जोखिम वाले जगह में पहनकर जाया जा सकता है. इसे रोजाना इस्तेमाल किए जा सकता है. वही, इन्हें कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है.

मजदूरों की कमी से जुझ रहा उद्योग जगत

कोरोना महामारी की वजह से उद्योगों में जो सबसे बड़ी समस्या इन दिनों आ रही है, वह लेबर की समस्या है. डिफेंस इक्यूपर के संचालक अंकित चड्डा ने बताया कि आज जो किसी एक विशेष कार्य में कुशल व्यक्ति है. उसी से मजबूरन हमें बाकी कार्य भी करवाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय मजदूर उपलब्ध नहीं हैं इसलिए परेशानी सामने आ रही है.

Last Updated : Jun 9, 2020, 3:37 PM IST
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