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Naina Tomar Murder Case: सौतेली मां को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा, लगाया 10 हजार का जुर्माना - Court sentences stepmother to 4 years

ढाई साल की नैना तोमर हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. मामले में नैना की सौतेली मां दोषी मानते हुए 4 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

सौतेली मां को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा
Naina Tomar Murder Case
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Published : Jan 30, 2023, 10:38 PM IST

ऋषिकेश: ढाई साल की बच्ची की गैर इरादतन हत्या में मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को 4 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की अदालत में ढाई साल की नैना तोमर हत्या मामले में सजा सुनाई. कोर्ट ने सौतेली मां टीनू तोमर निवासी गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषी करार देते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई. गौरतलब है कि साल 2020 में ढाई साल की नैना तोमर को जख्मी हालत में शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान उसकी मौत हो गई थी. चिकित्सकों ने नैना के शरीर पर 43 तरह की चोटों के निशान मिले, जबकि, आरोपी ने नैना के छत से गिरने के चलते जख्मी होने का दावा किया था.

पढ़ें- Ankita Bhandari Case: HC ने पुलकित आर्य के पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट पर लगाई रोक, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

मामले में उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल की शिकायत पर 18 मई 2020 को आरोपी टीनू तोमर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया. दो साल से मामला न्यायालय में विचाराधीन था. सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया

माता पिता मामले में आरोपी: ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने पिता योगेश तोमर को भी आरोपी बनाया. पुलिस की तफ्तीश में योगेश की इस प्रकरण में संलिप्त नहीं पाई गई, जिसके चलते उसे विवेचना से हटा दिया गया. सौतेली मां टीनू तोमर की संलिप्तता के चलते मामले में न‌ सिर्फ उसे आरोपी बनाया गया, बल्कि अब कोर्ट ने टीनू को चार साल की सजा भी सुनाई है.

पढ़ें- VPDO Exam Scam: हाकम सिंह और संजीव चौहान को मिली जमानत, लेकिन फिर भी जेल में ही रहना होगा

ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध मौत के मामले में यह भी दिलचस्प पहलू है कि दो महीने तक कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया. कोई भी वादी सामने नहीं आने पर मानवीय पहलू दिखाते हुए बमुश्किल खुद पुलिस वादी बनी, जिसके चलते मासूम की मौत का मामला न्यायालय तक पहुंचा. हालांकि, प्रकरण में हत्या की धारा तो विवेचना में नहीं लगी, मगर गैर-इरादतन हत्या आईपीसी 304 में मुकदमा जरूर दर्ज हुआ, जिसमें अब दो साल बाद आरोपी सौतेली मां को चार साल की सजा का फैसला कोर्ट ने सुनाया है.

ऋषिकेश: ढाई साल की बच्ची की गैर इरादतन हत्या में मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को 4 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की अदालत में ढाई साल की नैना तोमर हत्या मामले में सजा सुनाई. कोर्ट ने सौतेली मां टीनू तोमर निवासी गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषी करार देते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई. गौरतलब है कि साल 2020 में ढाई साल की नैना तोमर को जख्मी हालत में शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान उसकी मौत हो गई थी. चिकित्सकों ने नैना के शरीर पर 43 तरह की चोटों के निशान मिले, जबकि, आरोपी ने नैना के छत से गिरने के चलते जख्मी होने का दावा किया था.

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मामले में उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल की शिकायत पर 18 मई 2020 को आरोपी टीनू तोमर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया. दो साल से मामला न्यायालय में विचाराधीन था. सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया

माता पिता मामले में आरोपी: ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने पिता योगेश तोमर को भी आरोपी बनाया. पुलिस की तफ्तीश में योगेश की इस प्रकरण में संलिप्त नहीं पाई गई, जिसके चलते उसे विवेचना से हटा दिया गया. सौतेली मां टीनू तोमर की संलिप्तता के चलते मामले में न‌ सिर्फ उसे आरोपी बनाया गया, बल्कि अब कोर्ट ने टीनू को चार साल की सजा भी सुनाई है.

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ढाई साल की बच्ची की संदिग्ध मौत के मामले में यह भी दिलचस्प पहलू है कि दो महीने तक कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया. कोई भी वादी सामने नहीं आने पर मानवीय पहलू दिखाते हुए बमुश्किल खुद पुलिस वादी बनी, जिसके चलते मासूम की मौत का मामला न्यायालय तक पहुंचा. हालांकि, प्रकरण में हत्या की धारा तो विवेचना में नहीं लगी, मगर गैर-इरादतन हत्या आईपीसी 304 में मुकदमा जरूर दर्ज हुआ, जिसमें अब दो साल बाद आरोपी सौतेली मां को चार साल की सजा का फैसला कोर्ट ने सुनाया है.

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