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शिक्षा व्यवस्था का सूरते-ए-हाल, आठ साल से अधर में लटका सैनिक स्कूल का निर्माण

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Published : Oct 8, 2020, 11:03 AM IST

वित्तीय वर्ष 2012-13 में रुद्रप्रयाग के जखोली के थाती दिगधार बड़मा गांव में सैनिक स्कूल निर्माण को मंजूरी दी गई थी. लेकिन तब से लेकर अब तक इस सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य राजकीय निर्माण निगम द्वारा सवा 9 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई दीवार की जांच के चलते अधर में लटका हुआ है.

Sainik School jakholi rudraprayag news
आठ साल से लटका सैनिक स्कूल का निर्माण.

देहरादून: प्रदेश सरकार अक्सर सूबे की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे करती रहती है. लेकिन सरकारी मशीनरी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए कितनी संजीदा है, इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले आठ सालों से रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में रुद्रप्रयाग के जखोली के थाती दिगधार बड़मा गांव में सैनिक स्कूल निर्माण को मंजूरी दी गई थी. लेकिन तब से लेकर अब तक इस सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य राजकीय निर्माण निगम द्वारा सवा नौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई दीवार की जांच के चलते अधर में लटका हुआ है.

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार साल 2018 से इस दीवार की गुणवत्ता की जांच रुड़की आईआईटी से कराने के प्रयासों में जुटी हुई है. जबकि, अभीतक तक भी इसकी जांच शुरू नहीं हो सकी है.

यह भी पढे़ं-ITBP की बस खाई में गिरने से बची, बाल-बाल बचे 30 जवान

वैसे सामान्य तौर पर सैनिक स्कूल निर्माण का काम शिक्षा विभाग का होता है. लेकिन शुरुआती दौर में ही विभिन्न कारणों के चलते इस सैनिक स्कूल के निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंप दी गई. जिसके बाद राजकीय निर्माण निगम ने महज एक रिटेनिंग वॉल बनाकर स्कूल निर्माण काम पूरा दिखा दिया.

जबकि, वर्तमान में स्थिति कुछ ये है कि पिछले 8 सालों से महज एक दीवार के निर्माण की जांच पूरी ना होने की वजह से अब स्कूल के लिए चिन्हित जमीन पर झाड़ियां उग चुकी है. साथ ही सवा नौ करोड़ की लागत से बनी दीवार भी दरकने की कगार पर है.

देहरादून: प्रदेश सरकार अक्सर सूबे की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे करती रहती है. लेकिन सरकारी मशीनरी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए कितनी संजीदा है, इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले आठ सालों से रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में रुद्रप्रयाग के जखोली के थाती दिगधार बड़मा गांव में सैनिक स्कूल निर्माण को मंजूरी दी गई थी. लेकिन तब से लेकर अब तक इस सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य राजकीय निर्माण निगम द्वारा सवा नौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई दीवार की जांच के चलते अधर में लटका हुआ है.

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार साल 2018 से इस दीवार की गुणवत्ता की जांच रुड़की आईआईटी से कराने के प्रयासों में जुटी हुई है. जबकि, अभीतक तक भी इसकी जांच शुरू नहीं हो सकी है.

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वैसे सामान्य तौर पर सैनिक स्कूल निर्माण का काम शिक्षा विभाग का होता है. लेकिन शुरुआती दौर में ही विभिन्न कारणों के चलते इस सैनिक स्कूल के निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंप दी गई. जिसके बाद राजकीय निर्माण निगम ने महज एक रिटेनिंग वॉल बनाकर स्कूल निर्माण काम पूरा दिखा दिया.

जबकि, वर्तमान में स्थिति कुछ ये है कि पिछले 8 सालों से महज एक दीवार के निर्माण की जांच पूरी ना होने की वजह से अब स्कूल के लिए चिन्हित जमीन पर झाड़ियां उग चुकी है. साथ ही सवा नौ करोड़ की लागत से बनी दीवार भी दरकने की कगार पर है.

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